लखनऊ : राजधानी में पिछले दिनों मरीजों से अधिक वसूली के आरोप में तीन निजी अस्पतालों पर मुकदमा दर्ज हुआ था. वहीं अब गोमती नगर स्थित मेयो अस्पताल पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है. जिलाधिकारी को इसकी शिकायत सावित्री सनवाल ने की थी. जिलाधिकारी ने इसकी जांच कराई तो मामला सही पाया गया. जिसके बाद आज गोमतीनगर थाने में एसीएमओ की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया है. अस्पताल प्रबंधन पर मामला दर्ज कर पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
जांच के बाद मेयो अस्पताल पर FIR दर्ज
कोरोना काल में राजधानी लखनऊ में निजी अस्पतालों की ओर से प्रताड़ित करने व धन उगाही के मामले लगातार सामने आ रहे थे. एक ऐसा ही मामला 20 मई को आया था. संक्रमित महिला सावित्री सनवाल ने मेयो अस्पताल पर धोखाधड़ी व धन उगाही करने का आरोप लगाया था. जिसके बाद डीएम अभिषेक प्रकाश ने मरीज के शिकायती पत्र पर जांच के आदेश दे दिए थे. मामले की जांच के लिए डीएम अभिषेक प्रकाश ने चार सदस्यीय टीम बनाई थी, जिसमें एसडीएम सदर, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अनूप श्रीवास्तव, उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. केपी त्रिपाठी व प्रभारी सामुदायिक केंद्र चिनहट डॉ. सुरेश पांडेय शामिल थे. निर्देश था कि टीम जांचकर गुरुवार शाम पांच बजे तक डीएम को रिपोर्ट सौंपेगी. चार दिन पहले ही शिकायत के बाद जिला प्रशासन ने टीम गठित कर जांच के आदेश दे दिए थे, जिसके बाद आज मेयो अस्पताल पर मुकदमा दर्ज हुआ है.
इसे भी पढे़ं- मां के इलाज के लिए नौनिहाल घूम-घूमकर मांग रहे चंदा
इन अस्पतालों की भी है शिकायत
लखनऊ की कोविड प्रभारी अधिकारी डॉ रोशन जैकब ने सिल्वर जुबली, गोमतीनगर व सरोजनी नगर सेक्टर के अफसरों को उनके क्षेत्र में स्थित अस्पतालों से ओवरचार्जिंग सहित अन्य मामलों की शिकायत पर भौतिक व अभिलेखीय निरीक्षण कर स्पष्टीकरण के साथ जांच आख्या भेजने का निर्देश दिया था. 18 मई को सिल्वर जुबली सेक्टर में स्थित चरक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, गोमतीनगर सेक्टर के मेट्रो हॉस्पिटल और सरोजनी नगर के डॉ. ओपी चौधरी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर को नोटिस जारी किया गया था. संबंधित सेक्टर अफसरों को अस्पतालों का निरीक्षण कर अपनी आख्या सौंपने का निर्देश भी जारी किया गया था.
जिला प्रशासन ने निर्धारित की थी धनराशि
राजधानी लखनऊ में कोविड-19 की महामारी के चलते जिला प्रशासन ने निजी अस्पतालों को मरीजों से अधिक वसूली रोकने के लिए धन राशि निर्धारित की थी. साथ ही चेतावनी देते हुए यह भी कहा था कि निजी अस्पताल में इलाज के नाम पर मरीजों से निर्धारित धनराशि से अधिक वसूली करने की शिकायत मिली तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.