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SIT की सहकारिता भर्ती घोटाले में बड़ी कार्रवाई, UPCB के एमडी समेत कई लोगों पर केस दर्ज

सपा शासनकाल में नियमों को ताक पर रखकर सहकारिता विभाग की संस्थाओं में भर्तियां करने वाले सेवा मंडल के तत्कालीन पदाधिकारियों और अफसरों के खिलाफ एसआईटी ने बड़ी कार्रवाई की है. इस मामले में कई पदाधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया है.

सहकारिता विभाग लखनऊ.
सहकारिता विभाग लखनऊ.
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Published : May 25, 2021, 9:30 PM IST

Updated : May 26, 2021, 12:48 AM IST

लखनऊ: सहकारिता विभाग की संस्थाओं में सपा शासनकाल में नियमों को ताक पर रखकर भर्तियां करने वाले सेवा मंडल के तत्कालीन पदाधिकारियों और अफसरों के खिलाफ एसआईटी ने बड़ी कार्रवाई की है. एसआईटी ने मंगलवार को वर्ष 2012 से 2017 के बीच सहकारिता विभाग की विभिन्न संस्थाओं में नियम विरुद्ध की गई भर्तियों के मामले में छह एफआईआर दर्ज की हैं. उत्तर प्रदेश सहकारी संस्थागत सेवा मंडल के अध्यक्ष रहे रामजतन यादव और ओंकार यादव के साथ ही तत्कालीन सचिव, सदस्य, कंप्यूटर एजेंसी के प्रोपराइटर सहित नौ लोगों को नामजद किया गया है. सेवा मंडल के तत्कालीन सचिव व वर्तमान में यूपी को-आपरेटिव बैंक के प्रबंधक निदेशक भूपेंद्र कुमार विश्नोई भी नामजद किए गए हैं. इस मामले में जांच की आंच तत्कालीन सहकारिता मंत्री पर आना तय माना जा रहा है.

यूपीसीडी के एमडी भी नामजद
इसमें यूपीसीडी के एमडी को भी नामजद किया गया है. बता दें कि सहकारिता भर्ती घोटाले की जांच एसआईटी कर रही थी. जांच के दौरान एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट गृह विभाग को भेजी थी. रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए शासन की अनुमति मांगी गई थी. सपा शासनकाल में 2012 से 2017 के बीच सहकारिता विभाग की संस्थाओं में बड़ी तादाद में भर्तियां की गई थीं. प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद शिकायत मिलने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन भर्तियों की जांच एसआईटी को सौंपी थी.

सपा शासन काल में चहेतों को दी गई थी नौकरी
एसआईटी ने उ.प्र. सहकारी बैंक लि. में सहायक प्रबंधक के पदों पर भर्ती में हुई अनियमितताओं का खुलासा अपनी जांच में पहले ही कर दिया था. सपा शासन काल में इस भर्ती में विज्ञापन निकलने के बाद अहर्ता बदले जाने और अन्य अनियमितताएं कर चहेतों को नौकरियां दी गई थी. एसआईटी रिपोर्ट के आधार पर इस भर्ती मामले के दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर अन्य कार्रवाई भी की जा चुकी हैं.

एफआईआर में ये किए गए हैं नामजद

  • रामजतन यादव, तत्कालीन चेयरमैन सेवा मंडल (छह एफआईआर में नामजद)
  • राकेश कुमार मिश्र, तत्कालीन सचिव सेवा मंडल (पांच एफआईआर में नामजद)
  • भूपेंद्र कुमार विश्नोई, तत्कालीन सचिव सेवा मंडल, वर्तमान में यूपीसीबी के एमडी (पांच एफआईआर में नामजद)
  • संतोष श्रीवास्तव, सदस्य सेवा मंडल (पांच एफआईआर में नामजद)
  • रामप्रवेश यादव, कंप्यूटर एजेंसी के मालिक (पांच एफआईआर में नामजद)
  • नीलम पांडेय, कंप्यूटर एजेंसी (एक एफआईआर में नामजद)
  • सहकारी ग्राम विकास बैंक के भर्ती घोटाला मामले में नारद यादव सहकारिता विभाग से सेवानिवृत्त अपर निबंधक बैंक के तत्कालीन महाप्रबंधक, सुधीर कुमार सेवानिवृत्त बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक के साथ ही बैंक की पूरी प्रबंध समिति नामजद है.

यह था घोटाला

40 विज्ञापनों के माध्यम से छह संस्थाओं में 2324 पदों पर भर्तियां की गईं थी. उ.प्र. राज्य भंडारागार निगम में उप प्रबंधक व कनिष्क कार्यालय सहायक के 69 पदों पर 2013 में भर्तियां की गईं थी. उस समय सेवा मंडल के चेयरमैन ओंकार यादव थे. सेवानिवृत्ति के बाद इनका कार्यकाल तत्कालीन सरकार ने बढ़ाया था. हाईकोर्ट के आदेश पर इन्हें हटाया गया था.

यूपी को-आपरेटिव यूनियन में कनिष्क सहायक के 303 पदों पर भर्ती की गई थी. उ.प्र. सहकारी ग्राम विकास बैंक लि. में असिस्टेंट एकाउंटेंट और सहायक शाखा आंकिक के 1018 पदों पर 2015-16 व 2016-17 में भर्तियां की गई थी. रामजनत यादव उस समय सेवा मंडल के चेयरमैन थे.

पीसीएफ (प्रादेशिक को-आपरेटिव फेडरेशन) में सहायक प्रबंधक और कैशियर के 154 पद पर भर्ती की गई थी. उ.प्र. राज्य सहकारी संघ लि. में सहायक अभियंता के 16 पद तथा उप प्रबंधक के दो पदों सहित कुल 18 पदों पर भर्ती की गई थी. जिला सहकारी बैंकों में वरिष्ठ शाखा प्रबंधक, कनिष्क शाखा प्रबंधक तथा कैशियर व टंकण के 762 पदों पर भर्तियां की गई थी.

लखनऊ: सहकारिता विभाग की संस्थाओं में सपा शासनकाल में नियमों को ताक पर रखकर भर्तियां करने वाले सेवा मंडल के तत्कालीन पदाधिकारियों और अफसरों के खिलाफ एसआईटी ने बड़ी कार्रवाई की है. एसआईटी ने मंगलवार को वर्ष 2012 से 2017 के बीच सहकारिता विभाग की विभिन्न संस्थाओं में नियम विरुद्ध की गई भर्तियों के मामले में छह एफआईआर दर्ज की हैं. उत्तर प्रदेश सहकारी संस्थागत सेवा मंडल के अध्यक्ष रहे रामजतन यादव और ओंकार यादव के साथ ही तत्कालीन सचिव, सदस्य, कंप्यूटर एजेंसी के प्रोपराइटर सहित नौ लोगों को नामजद किया गया है. सेवा मंडल के तत्कालीन सचिव व वर्तमान में यूपी को-आपरेटिव बैंक के प्रबंधक निदेशक भूपेंद्र कुमार विश्नोई भी नामजद किए गए हैं. इस मामले में जांच की आंच तत्कालीन सहकारिता मंत्री पर आना तय माना जा रहा है.

यूपीसीडी के एमडी भी नामजद
इसमें यूपीसीडी के एमडी को भी नामजद किया गया है. बता दें कि सहकारिता भर्ती घोटाले की जांच एसआईटी कर रही थी. जांच के दौरान एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट गृह विभाग को भेजी थी. रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए शासन की अनुमति मांगी गई थी. सपा शासनकाल में 2012 से 2017 के बीच सहकारिता विभाग की संस्थाओं में बड़ी तादाद में भर्तियां की गई थीं. प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद शिकायत मिलने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन भर्तियों की जांच एसआईटी को सौंपी थी.

सपा शासन काल में चहेतों को दी गई थी नौकरी
एसआईटी ने उ.प्र. सहकारी बैंक लि. में सहायक प्रबंधक के पदों पर भर्ती में हुई अनियमितताओं का खुलासा अपनी जांच में पहले ही कर दिया था. सपा शासन काल में इस भर्ती में विज्ञापन निकलने के बाद अहर्ता बदले जाने और अन्य अनियमितताएं कर चहेतों को नौकरियां दी गई थी. एसआईटी रिपोर्ट के आधार पर इस भर्ती मामले के दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर अन्य कार्रवाई भी की जा चुकी हैं.

एफआईआर में ये किए गए हैं नामजद

  • रामजतन यादव, तत्कालीन चेयरमैन सेवा मंडल (छह एफआईआर में नामजद)
  • राकेश कुमार मिश्र, तत्कालीन सचिव सेवा मंडल (पांच एफआईआर में नामजद)
  • भूपेंद्र कुमार विश्नोई, तत्कालीन सचिव सेवा मंडल, वर्तमान में यूपीसीबी के एमडी (पांच एफआईआर में नामजद)
  • संतोष श्रीवास्तव, सदस्य सेवा मंडल (पांच एफआईआर में नामजद)
  • रामप्रवेश यादव, कंप्यूटर एजेंसी के मालिक (पांच एफआईआर में नामजद)
  • नीलम पांडेय, कंप्यूटर एजेंसी (एक एफआईआर में नामजद)
  • सहकारी ग्राम विकास बैंक के भर्ती घोटाला मामले में नारद यादव सहकारिता विभाग से सेवानिवृत्त अपर निबंधक बैंक के तत्कालीन महाप्रबंधक, सुधीर कुमार सेवानिवृत्त बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक के साथ ही बैंक की पूरी प्रबंध समिति नामजद है.

यह था घोटाला

40 विज्ञापनों के माध्यम से छह संस्थाओं में 2324 पदों पर भर्तियां की गईं थी. उ.प्र. राज्य भंडारागार निगम में उप प्रबंधक व कनिष्क कार्यालय सहायक के 69 पदों पर 2013 में भर्तियां की गईं थी. उस समय सेवा मंडल के चेयरमैन ओंकार यादव थे. सेवानिवृत्ति के बाद इनका कार्यकाल तत्कालीन सरकार ने बढ़ाया था. हाईकोर्ट के आदेश पर इन्हें हटाया गया था.

यूपी को-आपरेटिव यूनियन में कनिष्क सहायक के 303 पदों पर भर्ती की गई थी. उ.प्र. सहकारी ग्राम विकास बैंक लि. में असिस्टेंट एकाउंटेंट और सहायक शाखा आंकिक के 1018 पदों पर 2015-16 व 2016-17 में भर्तियां की गई थी. रामजनत यादव उस समय सेवा मंडल के चेयरमैन थे.

पीसीएफ (प्रादेशिक को-आपरेटिव फेडरेशन) में सहायक प्रबंधक और कैशियर के 154 पद पर भर्ती की गई थी. उ.प्र. राज्य सहकारी संघ लि. में सहायक अभियंता के 16 पद तथा उप प्रबंधक के दो पदों सहित कुल 18 पदों पर भर्ती की गई थी. जिला सहकारी बैंकों में वरिष्ठ शाखा प्रबंधक, कनिष्क शाखा प्रबंधक तथा कैशियर व टंकण के 762 पदों पर भर्तियां की गई थी.

Last Updated : May 26, 2021, 12:48 AM IST
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