लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर विद्यार्थियों अपने कॅरियर को लेकर काफी असमंजस में चल रहे हैं. पहले कोरोना के कारण उनका सत्र 1 साल पीछे चल रहा था. अब वही करोना के बाद जब स्थिति सामान होने को है तो भी विश्वविद्यालय प्रशासन उनके शैक्षणिक सत्र को पटरी पर लाने में कामयाब नहीं हो पा रहा. सत्र 2022-23 में परास्नातक की कक्षाएं दिसंबर में ही पूरी हो गई थी. छात्रों को जनवरी के पहले सप्ताह से सेमेस्टर परीक्षा की उम्मीद थी. समाज का पहला सप्ताह बीतने जा रहा है पर अभी तक परास्नातक विषयों के समस्त परीक्षा की तारीख को का कोई ऐलान नहीं हुआ है. विश्वविद्यालय का शैक्षिक सत्र करीब तीन माह विलम्ब से चल रहा है. लिहाजा जुलाई तक स्नातकोत्तर फाइनल सेमेस्टर का रिजल्ट आना संभव नहीं होगा और वह कंपनी को अपनी मार्क शीट नहीं भेज पाएंगे.
नौकरी पर छा रहा संकट का बादल : विश्वविद्यालय में एमए, एमकाम, एमएससी सहित अन्य स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों उन विद्यार्थियों की नौकरी पर संकट पैदा हो गया है. जिनको कैंपस प्लेसमेंट के तहत कंपनियों ने अपने यहां नौकरी के लिए चुना है. उन्हें फाइनल सेमेस्टर की मार्कशीट जुलाई में कंपनी को भेजनी है. विद्यार्थियों का कहना है कि अगर समय से मार्कशीट नहीं प्रस्तुत करेंगे तो, कंपनी उनका इंतजार नहीं करेगी और उनका चयन निरस्त हो जाएगा. उनका कहना है कि जिस तरह से विवि का शैक्षिक सत्र चल रहा है. उसके हिसाब से तो अन्तिम सत्र की परीक्षा जुलाई या अगस्त में होगी.
अभी तीसरे सेेमेस्टर की परीक्षा का ही नहीं पता : विद्यार्थियों का कहना है कि विश्वविद्यालय में एमए, एमकाम, एमएससी सहित अन्य स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों का शैक्षिक सत्र करीब तीन माह विलम्ब से चल रहा है. हालात यह है कि अभी तीसरे सेमेस्टर की परीक्षाओं का कार्यक्रम तक तय नहीं हुआ है. अभी तीसरे सेमेस्टर के विद्यार्थियों के परीक्षा फार्म का वेरीफिकेशन चल रहा है. विद्यार्थियों के अनुसार अगर अन्तिम सेमेस्टर की पढ़ाई अप्रैल में शुरू होती है, तो 90 दिन के हिसाब से जून तक तो क्लास ही चलेगी. ऐसे में परीक्षा जुलाई से पहले नहीं हो पाएगी और फिर रिजल्ट आने में करीब दो माह लग जाएगे. इस तरह सितम्बर से पहले मार्कशीट मिलने की कोई उम्मीद नहीं है. लिहाजा नौेकरी का मिला अवसर तो हाथ से चला ही जाएगा.
मार्च के तीसरे सप्ताह से परीक्षा कराने की तैयारी : लखनऊ विश्वविद्यालय में परास्नातक की परीक्षा को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा तो नहीं किया. पर कई विभागध्यक्षों का कहना है कि विश्वविद्यालय ने इंटरनल असेसमेंट परीक्षा 14 मार्च से शुरू कराने को कहा है. साथ ही सभी विभागों से सभी विषयों के परीक्षा समय सारणी तैयार करने को भेजा है कि वह अपनी परीक्षा कब कराएंगे. ज्ञात हो कि लखनऊ विश्वविद्यालय में परास्नातक परीक्षाओं की समय सारणी विभाग स्तर पर तैयार की जाती है ऐसे में कई विभागों ने 15 मार्च से परीक्षा कराने का प्रस्ताव परीक्षा विभाग को भेज दिया है. वहीं सत्र लेट होने पर विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि छात्रों को नौकरी की चिंता करने की जरुरत नहीं है. विश्वविद्यालय प्रशासन समय पर छात्रों की परीक्षाएं आयोजित करा लेगा जिससे उन्हें चिंतित होने की जरूरत नहीं है.
![टीसीजी लाइफसाइंसेस के साथ हुआ एमओयू.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/17910093_ex1.jpg)
रसायन विज्ञान नए दावों के खोज में करेगा मदद, टीसीजी लाइफसाइंसेस के साथ हुआ एमओयू : लखनऊ विश्वविद्यालय ने टीसीजी लाइफसाइंसेस प्राइवेट लिमिटेड, कोलकाता के साथ एक समझौता (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. इस एमओयू का उद्देश्य सहयोगात्मक अनुसंधान कार्यक्रम का विकास और विभिन्न रोगों के उपचार के लिए नई दवाओं के विकास के लिए आधारभूत संरचना, विभिन्न जैविक गतिविधि परीक्षण और अनुसंधान सुविधाओं को साझा करना है. जो लविवि के रसायन विज्ञान के छात्रों के कौशल विकास में भी योगदान देगा.
विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि टीसीजी लाइफ़साइंसेज दवा उद्योग की एक अग्रणी कंपनी है, जो अनुबंध अनुसंधान सेवाओं में लगी हुई है. दवा की खोज और विकास के साथ-साथ बुनियादी अनुसंधान में शामिल होने के क्षेत्र में वैश्विक दवा और जैव प्रौद्योगिकी कंपनियों को सेवाएं प्रदान करने वाली संस्था है. विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अनिल मिश्रा ने बताया कि इस एमओयू से विभाग के रिसर्च स्कॉलर्स और पीजी के छात्र विभिन्न इंस्ट्रूमेंटेशन तकनीकों और अणुओं के जैविक परीक्षण के लिए टीसीजी की सुविधा में प्रशिक्षण लेने की दृष्टि से लाभान्वित हो सकते हैं. वे वहां शॉर्ट इंटर्नशिप भी कर सकते हैं. एमएससी रसायन विज्ञान और एमएससी फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री के छात्रों को मास्टर की थीसिस पर काम करने की सुविधा होगी जो सेमेस्टर 4 में एक अनिवार्य हिस्सा है. इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय और टीसीजी एलएस मिलकर विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय फंडिंग एजेंसियों के लिए रासायनिक और जैविक विज्ञान के क्षेत्र में प्रस्ताव लिखने का काम करेंगे. टीसीजी लाइफसाइंसेज प्राइवेट लिमिटेड की ओर से एमओयू पर श्री अनिर्बान मित्रा, एवीपी और हेड-एचआर एंड एडमिनिस्ट्रेशन, टीसीजी लाइफसाइंसेस लिमिटेड ने हस्ताक्षर किए. इस अवसर पर प्रो. पूनम टंडन, डीन एकेडमिक सेल, प्रो. अनिल मिश्रा, प्रमुख रसायन विज्ञान विभाग और इप्सिता चक्रवर्ती, एसोसिएट डायरेक्टर-एचआर, टीसीजी लाइफसाइंसेस प्रा. लिमिटेड उपस्थित थे.