लखनऊ : लखनऊ यूनिवर्सिटी में पीएचडी सत्र 2019-20 के एडमिशन की प्रक्रिया अंतिम चरण पर पहुंच गई है. लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में आय दिन कोई न कोई गड़बड़ी सामने आ ही रही है. अब शारीरिक शिक्षा विभाग में ओपन श्रेणी की सीट पर पीएचडी में एडमिशन न देने का मामला सामने आया है. स्टूडेंट शुभम शुक्ला ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर मामले की शिकायत की है.
स्टूडेंट शुभम का कहना है कि उसने पीएचडी सत्र 2019-20 के लिए आवेदन किया था. जिसमें उसकी 12वीं रैंक आई थी. लेकिन उसे एडमिशन न देकर किसी अन्य छात्र को दाखिला दे दिया गया. शारीरिक शिक्षा विभाग में कुल 9 पीएचडी की सीटों पर एडमिशन होने थे. जिसमें से 6 सामान्य श्रेणी, 2 ओबीसी व एक एससी श्रेणी की सीट थी.
12वीं रैंक की जगह 13वीं रैंक पाने वाले को दिया दाखिला
स्टूडेंट ने आरोप लगाया है कि एडमिशन की प्रक्रिया के दौरान एक सामान्य ओपन सीट खाली रह गई थी. जिस पर उसकी 12वीं रैंक को नजर अंदाज करते हुए 13वीं रैंक के स्टूडेंट को एडमिशन दे दिया गया. जिसको लेकर 12वीं रैंक के स्टूडेंट ने नियमानुसार गलत ठहराया है, और मांग की है कि उसको यह सीट मिलनी चाहिए.
विवि प्रशासन ने छात्र की मांग को बताया गलत
इस पूरे मामले पर यूनिवर्सिटी के एडमिशन कोऑर्डिनेटर प्रो. अनिल मिश्रा का कहना है कि स्टूडेंट की मांग बिल्कुल गलत है. उन्होंने बताया कि सामान्य ओपन श्रेणी में 6 सीट पर एडमिशन होने थे, जिसमें से रैंक 6 व रैंक 7 के समान्य श्रेणी के स्टूडेंट्स ने फीस नहीं जमा की तो इन दोनों की सीटों पर नियमानुसार रैंक 5 और 8 के ओबीसी स्टूडेंट्स को अलॉट की गई. सामान्य ओपन श्रेणी की सभी सीट भर जाने के बाद आरक्षण के नियमानुसार ओबीसी की दो सीट पर रैंक 9 व रैंक 13 के स्टूडेंट को सीट अलॉट की गई. अंत में बची एक एससी श्रेणी की सीट 11वीं रैंक के एससी श्रेणी के स्टूडेंट्स को अलॉट की गई है. ऐसे में प्रवेश की पूरी प्रक्रिया रैंक व आरक्षण के नियमानुसार हुई है.