लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव प्रक्रिया के अंतर्गत दूसरे चरण के लिए नामांकन बुधवार से भरे जा रहे हैं. राजधानी लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के 20 जिलों में दूसरे चरण की चुनाव प्रक्रिया के अंतर्गत 7 और 8 अप्रैल को उम्मीदवारों की तरफ से नामांकन दाखिल किए जाएंगे. कोरोना संकट को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से सभी संबंधित जिलाधिकारियों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए चुनाव प्रक्रिया आगे बढ़ाने के सख्त निर्देश जारी किए गए हैं.
यह भी पढ़ें: अजीत सिंह हत्याकांड: आज 8 आरोपियों के खिलाफ दाखिल होगी चार्जशीट
इस तरह होगी पहले चरण के चुनाव की प्रक्रिया
पंचायत चुनाव के अंतर्गत बुधवार से शुरू हुई नामांकन प्रक्रिया में ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान क्षेत्र, पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के पदों पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार अपने-अपने नामांकन पत्र दाखिल कर रहे हैं. पंचायत चुनाव के पहले चरण में आज 7 अप्रैल से 8 अप्रैल को सुबह 8 बजे से 5 बजे तक नामांकन किया जाएगा. नामांकन पत्रों की जांच 9 से 10 अप्रैल के बीच होगी. नामांकन पत्र वापसी 11 अप्रैल को किया जा सकेगा. 11 अप्रैल को चुनाव चिन्ह यानी प्रतीक आवंटन का काम किया जाएगा. दूसरे चरण की मतगणना 19 अप्रैल को होगी.
19 अप्रैल को होगा मतदान
दूसरे चरण का चुनाव 19 अप्रैल को होगा. इस चरण में मुजफ्फरनगर, बागपत, गौतमबुद्ध नगर, बिजनौर, अमरोहा, बदायूं, एटा, मैनपुरी, कन्नौज, इटावा, ललितपुर, चित्रकूट, प्रतापगढ़, लखनऊ, लखीमपुर खीरी, सुल्तानपुर, गोंडा, महाराजगंज, वाराणसी व आजमगढ़ में मतदान होगा.
कोरोना प्रोटोकॉल का पालन सख्ती करने की हिदायत
कोविड-19 के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने सभी जिलाधिकारियों को पंचायत चुनाव की प्रक्रिया के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराए जाने के निर्देश जारी किए हैं. उनका कहा है कि नामांकन के समय उम्मीदवार और उसके प्रस्ताव रखें और नामांकन स्थल पर पहुंचेंगे. किसी भी प्रकार के जुलूस आदि पर प्रतिबंध लगाया गया है. कहीं पर जुलूस आदि निकलता है, तो उसकी जिम्मेदारी संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी की होगी.
निर्वाचन आयोग ने जारी किए निर्देश
राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से पंचायत चुनाव में शांति व्यवस्था बनाए रखने और संवेदनशील बूथों पर अधिक निगरानी के साथ चुनाव कराए जाने के निर्देश लगातार सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को दिए जा रहे हैं. आयोग की तरफ से हिदायत भी दी गई है कि अगर कहीं किसी जिले में किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना होती है तो उसकी जिम्मेदारी जिला निर्वाचन की होगी. संबंधित जिले के जिलाधिकारी व पुलिस कप्तान के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.