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यूपी में कैंसर रोगियों को समय पर उपचार मिलेगा, एमओयू साइन हुआ

यूपी में कैंसर रोगियों को समय पर उपचार मिलेगा. लखनऊ में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak in Lucknow) ने बताया कि इस संबंध में एमओयू साइन किया गया है.

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समय पर कैंसर रोगियों को इलाज मिलेगा उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक कैंसर रोगियों को समय पर उपचार मिलेगा लखनऊ में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक Deputy Chief Minister Brajesh Pathak in Lucknow Google News in Hindi
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Published : Aug 12, 2023, 7:34 AM IST

लखनऊ: कैंसर रोगियों को समय पर उपचार मिलेगा (Cancer patients in UP will get treatment timely). प्रारंभिक स्तर पर ही बीमारी का पता चलने पर तुरंत ही रोगी को मदद मिलेगी. शुक्रवार को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी में सेंटर फॉर एडवांस मॉलेक्यूलर डायग्नोस्टिक्स एंड रिसर्च सेंटर फॉर कैंसर सेंटर की स्थापना को लेकर एनेक्सी भवन में एमओयू साइन किया गया. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि अगले वर्ष फरवरी से यह सेंटर क्रियाशील हो जाएगा.


लखनऊ में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak in Lucknow) ने बताया कि एमओयू के तहत संस्थान में 25 हजार वर्ग फुट क्षेत्रफल उपलब्ध कराया जाएगा. आईआईटी कानपुर नॉलेज पार्टनर के रूप में रहेगा. संस्थान की फैकल्टी बायो साइंसेज, हेल्थ टेक्नोलॉजी असेस्मेंट में सपोर्ट प्रदान करेगी. कार्किनोस हेत्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड संस्थान राज्य व्यापी कैंसर देखभाल नेटवर्क और कार्यांवयन के लिए विशेषज्ञ उपलब्ध कराएगी. सेंटर की प्राशासनिक देखभाल के लिए निदेशक मंडल की तैनाती की जाएगी.

इसमें राज्य सरकार, आईआईटी कानपुर, कार्किनोस हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड के दो-दो सदस्य शामिल रहेंगे. इस दौरान स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह,मुख्य सचिव डीएस मिश्रा, प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) आलोक कुमार, पीजीआई के निदेशक प्रो. आरके धीमान, केजीएमयू वीसी सोनिया नित्यानंद आदि मौजूद रहे.

हर वर्ष 2.45 लाख नए मामले: प्रदेश में हर वर्ष 2.45 लाख कैंसर के नए मामले सामने आ रहे हैं. प्रतिवर्ष 3.2 फीसदी की दर से यह आंकड़ा बढ़ने की आशंका है. वर्तमान में कुल आबादी के एक प्रतिशत से भी कम लोगों की स्क्रीनिंग हो पाती है. विशेषज्ञों का मानना है कि 70 प्रतिशत मामलों में कैंसर का पता देर से चलता है. इलाज में चार से पांच लाख रुपये खर्च हो जाते हैं. 27 फीसदी लोगों को ही इलाज मिल पाता है.

प्रदेश में राजकीय क्षेत्र में कैंसर की चिकित्सा कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान, एसजी पीजीआई, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर प्रिवेंशन (नोएडा), जेके कैंसर संस्थान (कानपुर), बीएचयू (वाराणसी) में उपलब्ध है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि देश के सबसे बड़े कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान में 1250 शैया हैं. एक जिला एक मेडिकल कॉलेज योजना के तहत प्रदेश में 57 मेडिकल कॉलेजों में 12 जिलों में कैंसर यूनिट लांच किया गया है. इस वर्ष 19 हजार आयुष्मान हेल्थ व वेलनेस सेंटरों को शुरू करने की योजना है, इनमें से 15 हजार संचालित हैं.

सीएचसी-पीएचसी पर भी होगा कैंसर का इलाज: प्रदेश में व्यापक स्तर पर सेंटर ऑफ पब्लिक हेल्थ ऑन्कॉलोजी, सेंटर फॉर एडवांस्ड मॉल्यूकुलर डायग्नोस्टिक्स एंड रिसर्च इन कैंसर, कैंसर कमांड सेंटरों की स्थापना की जाएगी. इन्हें एससीसीसी कहा जाएगा. अत्याधुनिक डायग्नोस्टिक केंद्र, डिजीटल कैंसर रजिस्ट्री तथा जीनोमिक्स पर आधारित नवीन पद्ति को इन केंद्रों पर स्थापित किया जाएगा. अगले दस वर्षों में पीएचसी से लेकर सीएचसी से लेकर कैंसर का प्रारंभिक स्तर पर ही डायग्नोज व ट्रीटमेंट होने लगेगा. कैंसर के इलाज में विश्व स्तर पर उत्तर प्रदेश की पहचान होगी.

लखनऊ: कैंसर रोगियों को समय पर उपचार मिलेगा (Cancer patients in UP will get treatment timely). प्रारंभिक स्तर पर ही बीमारी का पता चलने पर तुरंत ही रोगी को मदद मिलेगी. शुक्रवार को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी में सेंटर फॉर एडवांस मॉलेक्यूलर डायग्नोस्टिक्स एंड रिसर्च सेंटर फॉर कैंसर सेंटर की स्थापना को लेकर एनेक्सी भवन में एमओयू साइन किया गया. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि अगले वर्ष फरवरी से यह सेंटर क्रियाशील हो जाएगा.


लखनऊ में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak in Lucknow) ने बताया कि एमओयू के तहत संस्थान में 25 हजार वर्ग फुट क्षेत्रफल उपलब्ध कराया जाएगा. आईआईटी कानपुर नॉलेज पार्टनर के रूप में रहेगा. संस्थान की फैकल्टी बायो साइंसेज, हेल्थ टेक्नोलॉजी असेस्मेंट में सपोर्ट प्रदान करेगी. कार्किनोस हेत्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड संस्थान राज्य व्यापी कैंसर देखभाल नेटवर्क और कार्यांवयन के लिए विशेषज्ञ उपलब्ध कराएगी. सेंटर की प्राशासनिक देखभाल के लिए निदेशक मंडल की तैनाती की जाएगी.

इसमें राज्य सरकार, आईआईटी कानपुर, कार्किनोस हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड के दो-दो सदस्य शामिल रहेंगे. इस दौरान स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह,मुख्य सचिव डीएस मिश्रा, प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) आलोक कुमार, पीजीआई के निदेशक प्रो. आरके धीमान, केजीएमयू वीसी सोनिया नित्यानंद आदि मौजूद रहे.

हर वर्ष 2.45 लाख नए मामले: प्रदेश में हर वर्ष 2.45 लाख कैंसर के नए मामले सामने आ रहे हैं. प्रतिवर्ष 3.2 फीसदी की दर से यह आंकड़ा बढ़ने की आशंका है. वर्तमान में कुल आबादी के एक प्रतिशत से भी कम लोगों की स्क्रीनिंग हो पाती है. विशेषज्ञों का मानना है कि 70 प्रतिशत मामलों में कैंसर का पता देर से चलता है. इलाज में चार से पांच लाख रुपये खर्च हो जाते हैं. 27 फीसदी लोगों को ही इलाज मिल पाता है.

प्रदेश में राजकीय क्षेत्र में कैंसर की चिकित्सा कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान, एसजी पीजीआई, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर प्रिवेंशन (नोएडा), जेके कैंसर संस्थान (कानपुर), बीएचयू (वाराणसी) में उपलब्ध है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि देश के सबसे बड़े कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान में 1250 शैया हैं. एक जिला एक मेडिकल कॉलेज योजना के तहत प्रदेश में 57 मेडिकल कॉलेजों में 12 जिलों में कैंसर यूनिट लांच किया गया है. इस वर्ष 19 हजार आयुष्मान हेल्थ व वेलनेस सेंटरों को शुरू करने की योजना है, इनमें से 15 हजार संचालित हैं.

सीएचसी-पीएचसी पर भी होगा कैंसर का इलाज: प्रदेश में व्यापक स्तर पर सेंटर ऑफ पब्लिक हेल्थ ऑन्कॉलोजी, सेंटर फॉर एडवांस्ड मॉल्यूकुलर डायग्नोस्टिक्स एंड रिसर्च इन कैंसर, कैंसर कमांड सेंटरों की स्थापना की जाएगी. इन्हें एससीसीसी कहा जाएगा. अत्याधुनिक डायग्नोस्टिक केंद्र, डिजीटल कैंसर रजिस्ट्री तथा जीनोमिक्स पर आधारित नवीन पद्ति को इन केंद्रों पर स्थापित किया जाएगा. अगले दस वर्षों में पीएचसी से लेकर सीएचसी से लेकर कैंसर का प्रारंभिक स्तर पर ही डायग्नोज व ट्रीटमेंट होने लगेगा. कैंसर के इलाज में विश्व स्तर पर उत्तर प्रदेश की पहचान होगी.

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