लखनऊ: लॉकडाउन के दौरान देश पूरी तरह से बंद हो गया तो वहीं तमाम सेवाएं भी पूरी तरह से ठप हो गईं. इस दौरान कैंसर के गंभीर मरीजों को बेहतर चिकित्सा एवं सेवाएं मिलने में तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ा, लेकिन इस बीच कैंसर के गंभीर मरीजों को कोरोना लॉकडाउन के दौरान भी अस्पतालों में इलाज मिलता रहा.
कैंसर के गंभीर मरीजों को यूं तो समय रहते इलाज की जरूरत रहती है, लेकिन लॉकडाउन के दौरान यातायात की सुविधा नहीं होने के चलते कई मरीज अस्पताल तक नहीं पहुंच पाए. लेकिन इस दौरान जो कैंसर के गंभीर मरीज चिकित्सा संस्थानों में कीमोथेरेपी और अन्य सर्जरी करा रहे थे, उनको किसी भी तरह की इलाज में कोई समस्या नहीं आई.
आम दिनों में कैंसर के मरीजों की ओपीडी में लगभग 400 से अधिक मरीज रोजाना केजीएमयू, लोहिया संस्थान और पीजीआई में आते हैं. लेकिन लॉकडाउन के दौरान कैंसर के गंभीर मरीजों में यह संख्या 50 से 100 के बीच में रही. इसके साथ-साथ कैंसर के गंभीर मरीजों को चिकित्सा संस्थानों में इलाज मिलता रहा.
इसका दावा केजीएमयू, लोहिया और पीजीआई के चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा किया गया. केजीएमयू के कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर सुधीर सिंह से जब हमने बातचीत की तो उन्होंने बताया कि गंभीर कैंसर के मरीजों को लॉकडाउन के दौरान सभी चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं मिलती रही.