लखनऊ: राष्ट्रीय वृद्धा अवस्था पेंशन योजना की फर्जी लाभार्थियों को पकड़ने के लिए समाज कल्याण विभाग की तरफ से कार्रवाई शुरू कर दी गई है.इसके लिए सभी जिलों में विशेष अभियान शुरू किया गया है. इसके माध्यम से अपात्रों को योजना से बाहर कर नए लाभार्थियों को योजना से जोड़ा जा सके. समाज कल्याण विभाग की ओर से राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना में आधार प्रमाणीकरण का कार्य व्यापक स्तर पर किया जा रहा है.
मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने बताया कि जिन लाभार्थियों की पेंशन नहीं आई है. वे एल्डर हेल्प लाइन 14567 पर फोन कर अपनी समस्या नोट करवा सकते हैं. विभागीय प्रतिनिधि उन तक पहुंच कर समस्या का हल करेंगे.
56 लाख को मिल रहा फायदा
आधार प्रमाणीकरण का उद्देश्य पेंशन योजना में दोहरेपन ( एक लाभार्थी का कई पेंशन योजनाओं से लाभ लेना, या कई जनपदों से लाभ लेना) को रोकना , मृतक एवं अपात्र पेंशनरों को योजना से हटाना एवं फर्जी लाभार्थियों को चिन्हित कर उन्हें योजना से अलग किया जाना है. ज्यादा से ज्यादा जुड़े नए लाभार्थी वर्तमान में 56 लाख वृद्धजनों को राष्ट्रीय वृद्धावस्था योजना का लाभ दिया जा रहा है.
पेंशन बढ़ाई गई
जनवरी 2022 से पेंशन में दी जाने वाली धनराशि प्रतिमाह 500 रुपये से बढ़ाकर प्रतिमाह 1000 रुपये कर दी गई है. अब सरकार का प्रयास कि ज्यादा संख्या में नए पात्र लाभार्थियों को इस योजना का लाभ दिया जाए एवं फर्जी व अपात्र लोगों को चिन्हित कर उन्हें योजना से वंचित किया जाए. ऑनलाइन करवा सकते आधार प्रमाणीकरण आधार प्रमाणीकरण हेतु लाभार्थी जनसुविधा केंद्र, साइबर कैफे, निजी इंटरनेट युक्त कम्प्यूटर अथवा मोबाइल के माध्यम से विभागीय वेबसाइट https://sspy-up.gov.in/ पर लॉगिन कर सकते हैं. यदि आधार प्रमाणीकरण करने में कोई भी समस्या आए तो जनपद जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय में आधार कार्ड, रजिस्ट्रेशन नम्बर, बैंक अकाउंट नंबर एवं मोबाइल नंबर के विवरण के साथ जाकर आधार प्रमाणीकरण कराया जा सकता है. पारदर्शिता के साथ चलाई जाएं सरकारी योजनाएं उत्तर प्रदेश में कुल 56 लाख वृद्धावस्था पेंशन योजना के लाभार्थी हैं, जिनमें से करीब 56 प्रतिशत लोगों का आधार प्रमाणीकरण हो सका है. इस स्थिति में करीब आधे लाभार्थियों को अब तक पेंशन का लाभ नहीं पहुंचाया जा सका है. इसे देखते हुए समाज कल्याण विभाग द्वारा आधार प्रमाणीकरण हेतु SHREETRON INDIA LIMITED का सहयोग लिया जा रहा है. इससे व्यापक स्तर पर लाभार्थियों के घर-घर जाकर उनका आधार प्रमाणीकरण किया जा सकेगा.
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