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Electric Vehicles : सस्ते इलेक्ट्रिक वाहन देते हैं जोर का 'झटका', सोच समझकर खरीदें नहीं तो पड़ सकते हैं लेने के देने

देश में इलेक्ट्रिक वाहन की बहार आ गई है. पेट्रोल व डीजल की बढ़ती कीमतों और पर्यावरण प्रदूषण (Electric Vehicles) रोकने के लिए वाहन कंपनियों ने लंबी रेंज बाजार में उतारी है. सस्ते इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीदने से क्या समस्या हो सकती है?. पढ़ें पूरी खबर...

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 25, 2023, 7:22 PM IST

Updated : Oct 25, 2023, 7:42 PM IST

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लखनऊ : इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार जिस तरह से तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे में बाजार में तमाम ऐसे इलेक्ट्रिक वाहन की बहार आ गई है जो कीमत में तो काफी सस्ते हैं, लेकिन अगर आपने इन्हें खरीदा तो फिर यह फायदे का नहीं बल्कि नुकसान का सौदा साबित हो सकता है. जितने की गाड़ी होगी उससे ज्यादा इस गाड़ी पर मेंटेनेंस में लगाने पड़ सकते हैं. तमाम सस्ती गाड़ियां खराब होने के उदाहरण सामने आ रहे हैं. ऐसे में कंपनियों की ही गाड़ियों पर विश्वास करें तो ज्यादा बेहतर होगा. भले कीमत एक बार थोड़ी ज्यादा लगे, लेकिन बाद में इन पर अलग से पैसे लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है. ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट से बातचीत के आधार पर खबर.

बिक्री में गिरावट
बिक्री में गिरावट

लिथियम-आयन बैटरी बचाती है रुपये : इसमें लिथियम-आयन बैटरियों की चार्ज क्षमता 99% होती है, जबकि लेड-एसिड बैटरियों में 85% चार्ज क्षमता होती है. इसका सीधा सा मतलब है कि चार्जिंग प्रक्रिया में 15% ऊर्जा नष्ट हो जाती है. लिथियम-आयन बैटरी बिजली बिल के पैसे बचाती है और इसकी लाइफ कहीं ज्यादा होती है. इलेक्ट्रिक स्कूटर की लागत में मोटर का योगदान सिर्फ 10 फीसद है, लेकिन इसके स्पेसिफिकेशन और पावर आउटपुट कीमत को महत्वपूर्ण अंतर तक बढ़ा देते हैं. वाट्स (डब्ल्यू) में मोटर की पावर, एक इलेक्ट्रिक बाइक की खासियत होती है. यह बताता है कि क्यों 750 वॉट मोटर पर चलने वाले मॉडल की लागत 350W के पावर आउटपुट वाले मॉडल की तुलना में लगभग दोगुनी है. हाल ही में फेम टू सब्सिडी कम किए जाने के चलते कई ब्रांड के बड़ी बैटरी पैक करने वाले स्कूटर अब काफी महंगे हो गए हैं, इसलिए अगर त्यौहार पर आप सावधानी बरतते हैं तो कम कीमत में भी अच्छी क्वालिटी का इलेक्ट्रिक वाहन घर ला सकते हैं. अगर सिर्फ सस्ती इलेक्ट्रिक गाड़ी के चक्कर में पड़ते हैं तो यह आपके लिए आगे नुकसानदायक साबित हो सकती है.

इन बातों का रखें ध्यान
इन बातों का रखें ध्यान



अगर आप एक इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने के लिए तैयार हैं तो यह जरूरी है कि आप एक हाई क्वॉलिटी वाले स्कूटर में निवेश करें जो सवारी करते समय आपको सुरक्षित रखे. सस्ते स्कूटर पैसा बर्बाद करने वाले साबित हो सकते हैं. सस्ते इलेक्ट्रिक स्कूटर के रखरखाव और मरम्मत की लागत जल्द ही स्कूटर की लागत के बराबर या उससे भी अधिक हो सकती है. अगर आप नियमित रूप से स्कूटर का उपयोग करते हैं तो हो सकता है कि आप पहले कुछ पैसे बचा लें, लेकिन लंबे समय में इसकी कीमत आपको कहीं अधिक चुकानी पड़ सकती है.




इन बातों का रखें ध्यान : एक्साल्टा इंडिया के फाउंडर आशुतोष वर्मा इलेक्ट्रिक चार्जर के बारे में बताते हैं कि 'वैसे तो सभी चार्जर चार्जिंग का ही काम करते हैं. पावर स्पेसिफिकेशन, चार्जिंग स्पीड, सुरक्षा और अन्य सुविधाएं चार्जर की टाइप के अनुसार अलग-अलग होती हैं. उदाहरण के लिए एक ऐसे ई-स्कूटर चार्जर के लिए अधिक भुगतान करना होता है, जिसमें एक मजबूत सुरक्षा तंत्र (शॉर्ट सर्किट, ओवरकरंट सुरक्षा, ओवर-वोल्टेज सुरक्षा) हो. इसके बाद आपकी बैटरी कितनी बड़ी है इस पर निर्भर करते हुए आवश्यक नाममात्र वोल्टेज 12.6V से लेकर 84V और अधिक तक होगा. पावर स्पेसिफिकेशन जितना अधिक होगा, चार्जर उतना ही महंगा होगा. इलेक्ट्रिक स्कूटर की कीमत एक और चीज बढ़ाती है वह है चार्जिंग स्पीड जो इसका चार्जर सपोर्ट करता है.'



'तीन बैटरी चार्जिंग मॉडल बाजार में उपलब्ध' : उन्होंने बताया कि 'ई-स्कूटर में तीन बैटरी चार्जिंग मॉडल बाजार में उपलब्ध हैं. धीमी चार्जिंग से इलेक्ट्रिक स्कूटर को रिचार्ज करने में 8-12 घंटे लग सकते हैं. इससे चार्जिंग के लिए रात का समय आदर्श माना जाता है. सामान्य चार्जिंग सबसे आम है और यह अपना काम चार से छह घंटों में पूरा कर देगी. फास्ट चार्जिंग इलेक्ट्रिक स्कूटर को चार्ज करने का सबसे तेज़ तरीका है. यह सिर्फ डेढ़ घंटे में 80% तक चार्ज हो सकता है. चार्जर की कई अन्य विशेषताएं कीमत को बढ़ा सकती हैं. इनमें चार्जर में कई प्रकार के प्लग (जैसे ईयू प्लग और यूके प्लग), एलईडी चार्जिंग इंडिकेटर और बहुत कुछ जैसे ऐड-ऑन हैं.'

यह भी पढ़ें : डीजल, पेट्रोल वाहनों को तगड़ा झटका देंगे इलेक्ट्रिक वाहन, इस सेक्टर को होगा बड़ा नुकसान

यह भी पढ़ें : Pure EV EPluto 7G Max : फेस्टिव सीजन में प्योर ईवी ने लॉन्च किया नया इलेक्ट्रिक स्कूटर ईप्लूटो 7जी मैक्स, जानिए खासियतें


एपोनिक्स इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के फाउंडर और चेयरमैन एमएस चुग बताते हैं कि 'ई-स्कूटर का हर हिस्सा डिवाइस के मूल्य में इजाफा करता है, जिनमें लिथियम-आयन बैटरी-25-30%, इलेक्ट्रिक मोटर-10%, इलेक्ट्रिक चार्जर-10%, फ़्रेम निर्माण-8%, पहिए+टायर के प्रकार -5%, घटकों की गुणवत्ता ( हैंडलबार, डैशबोर्ड, एलईडी डिस्प्ले, आदि )-10-15%, श्रम लागत-5%, निर्यात/आयात शुल्क+शिपिंग लागत-20%, अन्य कारक 10-12%. बैटरी, इलेक्ट्रिक मोटर और इलेक्ट्रिक चार्जर की क्वालिटी परखकर इलेक्ट्रिक स्कूटर का चयन करना चाहिए.'

यह भी पढ़ें : Electric Vehicle : बाजार में मौजूद हैं दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की लंबी रेंज, जानिए आपके लिए कौन सी गाड़ी रहेगी बेस्ट

यह भी पढ़ें : अगर आपके पास है इलेक्ट्रिक वाहन तो आप हैं सब्सिडी के हकदार, इस तरह से करें आवेदन

लखनऊ : इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार जिस तरह से तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे में बाजार में तमाम ऐसे इलेक्ट्रिक वाहन की बहार आ गई है जो कीमत में तो काफी सस्ते हैं, लेकिन अगर आपने इन्हें खरीदा तो फिर यह फायदे का नहीं बल्कि नुकसान का सौदा साबित हो सकता है. जितने की गाड़ी होगी उससे ज्यादा इस गाड़ी पर मेंटेनेंस में लगाने पड़ सकते हैं. तमाम सस्ती गाड़ियां खराब होने के उदाहरण सामने आ रहे हैं. ऐसे में कंपनियों की ही गाड़ियों पर विश्वास करें तो ज्यादा बेहतर होगा. भले कीमत एक बार थोड़ी ज्यादा लगे, लेकिन बाद में इन पर अलग से पैसे लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है. ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट से बातचीत के आधार पर खबर.

बिक्री में गिरावट
बिक्री में गिरावट

लिथियम-आयन बैटरी बचाती है रुपये : इसमें लिथियम-आयन बैटरियों की चार्ज क्षमता 99% होती है, जबकि लेड-एसिड बैटरियों में 85% चार्ज क्षमता होती है. इसका सीधा सा मतलब है कि चार्जिंग प्रक्रिया में 15% ऊर्जा नष्ट हो जाती है. लिथियम-आयन बैटरी बिजली बिल के पैसे बचाती है और इसकी लाइफ कहीं ज्यादा होती है. इलेक्ट्रिक स्कूटर की लागत में मोटर का योगदान सिर्फ 10 फीसद है, लेकिन इसके स्पेसिफिकेशन और पावर आउटपुट कीमत को महत्वपूर्ण अंतर तक बढ़ा देते हैं. वाट्स (डब्ल्यू) में मोटर की पावर, एक इलेक्ट्रिक बाइक की खासियत होती है. यह बताता है कि क्यों 750 वॉट मोटर पर चलने वाले मॉडल की लागत 350W के पावर आउटपुट वाले मॉडल की तुलना में लगभग दोगुनी है. हाल ही में फेम टू सब्सिडी कम किए जाने के चलते कई ब्रांड के बड़ी बैटरी पैक करने वाले स्कूटर अब काफी महंगे हो गए हैं, इसलिए अगर त्यौहार पर आप सावधानी बरतते हैं तो कम कीमत में भी अच्छी क्वालिटी का इलेक्ट्रिक वाहन घर ला सकते हैं. अगर सिर्फ सस्ती इलेक्ट्रिक गाड़ी के चक्कर में पड़ते हैं तो यह आपके लिए आगे नुकसानदायक साबित हो सकती है.

इन बातों का रखें ध्यान
इन बातों का रखें ध्यान



अगर आप एक इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने के लिए तैयार हैं तो यह जरूरी है कि आप एक हाई क्वॉलिटी वाले स्कूटर में निवेश करें जो सवारी करते समय आपको सुरक्षित रखे. सस्ते स्कूटर पैसा बर्बाद करने वाले साबित हो सकते हैं. सस्ते इलेक्ट्रिक स्कूटर के रखरखाव और मरम्मत की लागत जल्द ही स्कूटर की लागत के बराबर या उससे भी अधिक हो सकती है. अगर आप नियमित रूप से स्कूटर का उपयोग करते हैं तो हो सकता है कि आप पहले कुछ पैसे बचा लें, लेकिन लंबे समय में इसकी कीमत आपको कहीं अधिक चुकानी पड़ सकती है.




इन बातों का रखें ध्यान : एक्साल्टा इंडिया के फाउंडर आशुतोष वर्मा इलेक्ट्रिक चार्जर के बारे में बताते हैं कि 'वैसे तो सभी चार्जर चार्जिंग का ही काम करते हैं. पावर स्पेसिफिकेशन, चार्जिंग स्पीड, सुरक्षा और अन्य सुविधाएं चार्जर की टाइप के अनुसार अलग-अलग होती हैं. उदाहरण के लिए एक ऐसे ई-स्कूटर चार्जर के लिए अधिक भुगतान करना होता है, जिसमें एक मजबूत सुरक्षा तंत्र (शॉर्ट सर्किट, ओवरकरंट सुरक्षा, ओवर-वोल्टेज सुरक्षा) हो. इसके बाद आपकी बैटरी कितनी बड़ी है इस पर निर्भर करते हुए आवश्यक नाममात्र वोल्टेज 12.6V से लेकर 84V और अधिक तक होगा. पावर स्पेसिफिकेशन जितना अधिक होगा, चार्जर उतना ही महंगा होगा. इलेक्ट्रिक स्कूटर की कीमत एक और चीज बढ़ाती है वह है चार्जिंग स्पीड जो इसका चार्जर सपोर्ट करता है.'



'तीन बैटरी चार्जिंग मॉडल बाजार में उपलब्ध' : उन्होंने बताया कि 'ई-स्कूटर में तीन बैटरी चार्जिंग मॉडल बाजार में उपलब्ध हैं. धीमी चार्जिंग से इलेक्ट्रिक स्कूटर को रिचार्ज करने में 8-12 घंटे लग सकते हैं. इससे चार्जिंग के लिए रात का समय आदर्श माना जाता है. सामान्य चार्जिंग सबसे आम है और यह अपना काम चार से छह घंटों में पूरा कर देगी. फास्ट चार्जिंग इलेक्ट्रिक स्कूटर को चार्ज करने का सबसे तेज़ तरीका है. यह सिर्फ डेढ़ घंटे में 80% तक चार्ज हो सकता है. चार्जर की कई अन्य विशेषताएं कीमत को बढ़ा सकती हैं. इनमें चार्जर में कई प्रकार के प्लग (जैसे ईयू प्लग और यूके प्लग), एलईडी चार्जिंग इंडिकेटर और बहुत कुछ जैसे ऐड-ऑन हैं.'

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एपोनिक्स इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के फाउंडर और चेयरमैन एमएस चुग बताते हैं कि 'ई-स्कूटर का हर हिस्सा डिवाइस के मूल्य में इजाफा करता है, जिनमें लिथियम-आयन बैटरी-25-30%, इलेक्ट्रिक मोटर-10%, इलेक्ट्रिक चार्जर-10%, फ़्रेम निर्माण-8%, पहिए+टायर के प्रकार -5%, घटकों की गुणवत्ता ( हैंडलबार, डैशबोर्ड, एलईडी डिस्प्ले, आदि )-10-15%, श्रम लागत-5%, निर्यात/आयात शुल्क+शिपिंग लागत-20%, अन्य कारक 10-12%. बैटरी, इलेक्ट्रिक मोटर और इलेक्ट्रिक चार्जर की क्वालिटी परखकर इलेक्ट्रिक स्कूटर का चयन करना चाहिए.'

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Last Updated : Oct 25, 2023, 7:42 PM IST
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