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'GST पंजीयन रद्द करने से व्यापारियों का बढ़ेगा उत्पीड़न'

उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के अध्यक्ष ने जीएसटी को लेकर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि व्यापारियों के जीएसटी पंजीयन रद्द करने के प्रावधान से व्यापारियों का उत्पीड़न बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ प्रदेश के मंत्रिमंडल को ज्ञापन सौंपा गया है.

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GST से नाराज हैं व्यापारी
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Published : Feb 16, 2021, 3:11 PM IST

लखनऊ: जीएसटी प्राणाली की विसंगतियों को लेकर व्यापारी लगातार आपत्ति जता रहे हैं. इसके संबंध में मंगलवार को उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ प्रदेश के मंत्रिमंडल को ज्ञापन सौंपा गया है.

GST से नाराज हैं व्यापारी
उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय गुप्ता ने कहा कि नए जटिल प्रावधानों एवं व्यापारियों के जीएसटी पंजीयन रद्द करने के प्रावधान से व्यापारियों का उत्पीड़न बढ़ेगा. ऐसे प्रावधानों से व्यापारियों को मुक्त किया जाए, ताकि अधिकारी व्यापारियों का उत्पीड़न न कर सकें. उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रावधान व्यापारियों का शोषण और उत्पीड़न करने वाले हैं. जीएसटी परिषद अभी तक 937 बार जीएसटी को संशोधित कर चुकी है. कई नए प्रावधान इसमें जोड़े जा चुके हैं, जिसकी जानकारी अधिकारियों को भी नहीं रहती है.

जीएसटी की धारा 75 (12) व्यापारियों के हित में नहीं है. इसी तरह GSTR-1 और 3b में अंतर होने पर अधिकारी व्यापारी का पंजीयन निरस्त करने का अधिकार पा गए हैं. इसके साथ ही इनपुट क्रेडिट सप्लायर द्वारा रिटर्न फाइल करने समेत ऐसी कई खामियां इसमें है. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह समस्याओं के समाधान के लिए प्रदेश के उप मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसदों, विधायकों, जीएसटी कमिश्नर, केंद्रीय जीएसटी मुख्य कमिश्नर को भी ज्ञापन दिया है.

लखनऊ: जीएसटी प्राणाली की विसंगतियों को लेकर व्यापारी लगातार आपत्ति जता रहे हैं. इसके संबंध में मंगलवार को उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ प्रदेश के मंत्रिमंडल को ज्ञापन सौंपा गया है.

GST से नाराज हैं व्यापारी
उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय गुप्ता ने कहा कि नए जटिल प्रावधानों एवं व्यापारियों के जीएसटी पंजीयन रद्द करने के प्रावधान से व्यापारियों का उत्पीड़न बढ़ेगा. ऐसे प्रावधानों से व्यापारियों को मुक्त किया जाए, ताकि अधिकारी व्यापारियों का उत्पीड़न न कर सकें. उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रावधान व्यापारियों का शोषण और उत्पीड़न करने वाले हैं. जीएसटी परिषद अभी तक 937 बार जीएसटी को संशोधित कर चुकी है. कई नए प्रावधान इसमें जोड़े जा चुके हैं, जिसकी जानकारी अधिकारियों को भी नहीं रहती है.

जीएसटी की धारा 75 (12) व्यापारियों के हित में नहीं है. इसी तरह GSTR-1 और 3b में अंतर होने पर अधिकारी व्यापारी का पंजीयन निरस्त करने का अधिकार पा गए हैं. इसके साथ ही इनपुट क्रेडिट सप्लायर द्वारा रिटर्न फाइल करने समेत ऐसी कई खामियां इसमें है. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह समस्याओं के समाधान के लिए प्रदेश के उप मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसदों, विधायकों, जीएसटी कमिश्नर, केंद्रीय जीएसटी मुख्य कमिश्नर को भी ज्ञापन दिया है.

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