लखनऊ : राजधानी में हुए अलाया अपार्टमेंट हादसे में दो महिलाओं उजमा हैदर व बेगम हैदर की मौत से पूरा शहर सदमे में है. हादसे में जान गवांने वाली बेगर हैदर कांग्रेस नेता जीशान हैदर की मां और उजमा बेगम उनकी भाभी थीं. उजमा जीशान के सपा नेता भाई अब्बास हैदर की पत्नी थीं. एक ही परिवार में दो लोगों की मौत से परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है. वहीं शव का पोस्टमार्टम न कराने बात कह कर परिजन शव सीधे घर ले जाना चाह रहे थे. जबकि प्रशासनिक अधिकारी बेगम हैदर व उजमा हैदर का पोस्टमार्टम कराने की बात कह रहा था. हालांकि काफी देर तक हुई नोकझोंक के बाद परिजन शव लेकर चले गए.
अब्बास हैदर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बिल्डर के ऊपर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. साथ ही इसमें पूरी जिम्मेदारी सरकार की है. सरकार की लापरवाही के कारण मेरे परिवार में दो सदस्य (मां-पत्नी) की मौत हो गई है. साथ ही दो सदस्य (पिता-बेटा) अस्पताल में भर्ती है. पति उजमा हैदर के माथे पर जो चोट के निशान हैं. वह निशान सुरक्षाकर्मियों के रेस्क्यू अभियान से पहुंचा है, क्योंकि उन्होंने सावधानी से मलबा नहीं निकाला. अगर सावधानी से मलबा निकालते तो पत्नी के सिर पर चोट नहीं आती. साथ ही 15 घंटे के बाद पत्नी उजमा को मलबे से बरामद किया गया. यही काम पहले हुआ होता तो मेरी पत्नी जिंदा होती.
अब्बास हैदर ने कहा कि प्रशासन शव देने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि मैंने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया है. इसके बावजूद प्रशासनिक अधिकारी दबाव बना रहे हैं. इस समय हम बहुत तकलीफ में हैं. सरकार को इंसानियत दिखानी चाहिए. हम नहीं चाहते कि हमारे अपनों का पोस्टमार्टम हो. डाॅक्टरों ने बताया है कि दम घुटने के कारण और अंदरूनी चोटें लगने के कारण मौत हुई है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी सिविल अस्पताल में मरीजों से मिलने पहुंचे. अस्पताल पहुंचकर उन्होंने मरीजों से बातचीत की. मीडिया से बातचीत करते हुए साफ तौर पर उन्होंने कहा कि 'सरकार बिल्डर्स को कंट्रोल क्यों नहीं करती. इन पर कार्यवाही का आश्वासन तो दिया जाता है, लेकिन अगर सही ढंग से कार्रवाई हुई होती तो इस तरह की घटना नहीं होती.' इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि 'इस तरह की घटना चाहे किसी की भी सरकार में हो उन्हें बिल्डर पर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि दोबारा इस तरह की घटनाएं न हों.'