लखनऊ : निजी बिल्डर ने कानपुर रोड पर सरकार की जमीन पर सालों तक कब्जा जमाकर उसका दुरुपयोग किया. रोहतास बिल्डर ने लखनऊ विकास प्राधिकरण की 21 करोड़ की जमीन कब्जाए रखी. मामला सामने आने पर लखनऊ विकास प्राधिकरण केवल कब्जा हटवा रहा है, न तो बिल्डर पर कोई कार्रवाई की जा रही है, और न ही जिम्मेदारों पर.
अभियान चलाकर हटाया जाएगा अवैध कब्जा : लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ इन्द्रमणि त्रिपाठी व सचिव पवन कुमार गंगवार ने गुरुवार को शारदा नगर व कानपुर रोड योजना का निरीक्षण किया था. इस दौरान रश्मि लोक व रतन लोक अपार्टमेंट का हाल देखा था. इसके अलावा रिक्त भूखंडों का निरीक्षण किया. अधिकांश भूखण्डों पर अवैध डेयरियां, सड़क किनारे फुटपाथ पर झुग्गी-झोपड़ी व कबाड़ आदि अतिक्रमण पाए गए थे. इसके बाद उपाध्यक्ष इन्द्रमणि त्रिपाठी ने कानपुर रोड योजना के सेक्टर-सी का निरीक्षण किया. यहां रोहतास बिल्डर्स द्वारा निर्मित हैम्पटन कोर्ट अपार्टमेंट के निकट प्राधिकरण की लगभग 3500 वर्गमीटर अर्जित भूमि को अवैध तरीके से घेरकर अतिक्रमण कर लिया गया. भूमि की कीमत लगभग 21 करोड़ रुपये है. इस पर उपाध्यक्ष ने निर्देश दिए कि जल्द से जल्द अभियान चलाकर भूमि को खाली कराया जाए तथा यहां ग्रुप हाउसिंग के निर्माण का प्रस्ताव तैयार कराया जाए.
उपाध्यक्ष बोले- जांच के बाद होगी कार्रवाई : मजे की बात यह है कि सालों से इस जमीन पर अवैध कब्जा था. स्थानीय अभियंता और अधिकारी चुप बैठे रहे. उन्होंने इस बात की कोई जानकारी अपने मुख्यालय तक नहीं दी थी. रोहतास बिल्डर को लेकर पहले भी अनेक कार्रवाई की जा रही है. प्रवर्तन निदेशालय से लेकर रेरा तक उनके अनेक केस चल रहे हैं. मालिकान की गिरफ्तारी हो चुकी है. फंसे लोगों को रेरा राहत दे रहा है. इसके बावजूद लखनऊ विकास प्राधिकरण का आलम यह है कि अपनी 21 करोड़ की भूमि पर कब्जा हटवाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. न तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, और न ही बिल्डर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि इस मामले में पूरी तरह से जांच करके संबंधित अधिकारियों और बिल्डर के खिलाफ जरूरी विधिक कार्रवाई की जाएगी.
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