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विधान परिषद के स्नातक शिक्षक चुनाव नहीं लड़ेगी बसपा

यूपी के विधान परिषद के स्नातक शिक्षक चुनावों से बसपा दूर रहेगी. बहुजन समाज पार्टी अपनी चुनावी तैयारियां 2022 के विधानसभा चुनाव को केंद्र में रखकर कर रही है.

विधान परिषद के स्नातक शिक्षक चुनाव नहीं लड़ेगी बसपा
विधान परिषद के स्नातक शिक्षक चुनाव नहीं लड़ेगी बसपा
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Published : Nov 6, 2020, 6:18 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान परिषद की स्नातक और शिक्षक कोटे की 11 सीटों पर चुनाव का शंखनाद हो चुका है. राजनीतिक दलों की तरफ से अपनी अपनी चुनावी तैयारियां तेज कर दी गई हैं. वहीं बहुजन समाज पार्टी इस चुनाव से दूर ही रहेगी. बहुजन समाज पार्टी के एक नेता ने ईटीवी भारत के संवाददाता को फोन पर बताया कि हमारा फोकस 2022 के विधानसभा चुनाव पर है. इसी को ध्यान में रखते हुए पार्टी अपनी चुनावी तैयारियां आगे बढ़ा रही है. बहुजन समाज पार्टी अपनी चुनावी तैयारियां 2022 के विधानसभा चुनाव को केंद्र में रखकर कर रही है.

बसपा के मतदाताओं की संख्या कम तो चुनाव न लड़ने का फैसला
बसपा नेतृत्व का मानना है कि इन चुनावों में आम मतदाताओं से मतलब नहीं होता. ऐसी स्थिति में वह इन स्नातक और शिक्षक निर्वाचन से पूरी तरह से दूर रहने का फैसला किया है. इसके पीछे इन चुनावों में बसपा के मतदाताओं की संख्या ना के बराबर होना माना जा रहा है. जब चुनाव में बसपा के मतदाताओं की संख्या ना के बराबर है, ऐसी स्थिति में बहुजन समाज पार्टी अनावश्यक इस चुनाव में अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहती.
बसपा का पूरा फोकस विधानसभा चुनाव पर
इसके साथ ही बहुजन समाज पार्टी अपना पूरा फोकस 2022 के विधानसभा चुनाव पर केंद्रित कर रही है. बहुजन समाज पार्टी अपने संगठन के काम और सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले को दुरुस्त करते हुए विधानसभा चुनाव की तैयारी में अभी से जुट गई है.

उपचुनाव में भी बहुत दिलचस्पी नहीं दिखाई
बहुजन समाज पार्टी ने उत्तर प्रदेश की 7 सीटों पर हुए उपचुनाव में भी बहुत ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई. बसपा ने सिर्फ उम्मीदवार उतारकर इस चुनाव में अपनी सहभागिता दिखाई. बता दें कि इन उपचुनावों में मायावती किसी भी सीट पर चुनाव प्रचार के लिए नहीं गई. इसको लेकर पार्टी के अंदर और बाहर तमाम तरह की चर्चाएं भी होती रहीं.

सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले पर विधानसभा चुनाव लड़ेगी बसपा
बहुजन समाज पार्टी के एक नेता ने ईटीवी भारत संवाददाता को फोन पर बताया कि हमारा फोकस 2022 के विधानसभा चुनाव पर है. इसी को ध्यान में रखते हुए पार्टी अपनी चुनावी तैयारियां आगे बढ़ा रही है. सबसे खास बात यह रहेगी कि हम अपने संगठन को धरातल तक मजबूत करने पर ध्यान दे रहे हैं. सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले को आगे बढ़ाते हुए बसपा चुनाव मैदान में उतरेगी. यही कारण है कि विधान परिषद की शिक्षक व स्नातक निर्वाचन में पार्टी ध्यान नहीं दे रही है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान परिषद की स्नातक और शिक्षक कोटे की 11 सीटों पर चुनाव का शंखनाद हो चुका है. राजनीतिक दलों की तरफ से अपनी अपनी चुनावी तैयारियां तेज कर दी गई हैं. वहीं बहुजन समाज पार्टी इस चुनाव से दूर ही रहेगी. बहुजन समाज पार्टी के एक नेता ने ईटीवी भारत के संवाददाता को फोन पर बताया कि हमारा फोकस 2022 के विधानसभा चुनाव पर है. इसी को ध्यान में रखते हुए पार्टी अपनी चुनावी तैयारियां आगे बढ़ा रही है. बहुजन समाज पार्टी अपनी चुनावी तैयारियां 2022 के विधानसभा चुनाव को केंद्र में रखकर कर रही है.

बसपा के मतदाताओं की संख्या कम तो चुनाव न लड़ने का फैसला
बसपा नेतृत्व का मानना है कि इन चुनावों में आम मतदाताओं से मतलब नहीं होता. ऐसी स्थिति में वह इन स्नातक और शिक्षक निर्वाचन से पूरी तरह से दूर रहने का फैसला किया है. इसके पीछे इन चुनावों में बसपा के मतदाताओं की संख्या ना के बराबर होना माना जा रहा है. जब चुनाव में बसपा के मतदाताओं की संख्या ना के बराबर है, ऐसी स्थिति में बहुजन समाज पार्टी अनावश्यक इस चुनाव में अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहती.
बसपा का पूरा फोकस विधानसभा चुनाव पर
इसके साथ ही बहुजन समाज पार्टी अपना पूरा फोकस 2022 के विधानसभा चुनाव पर केंद्रित कर रही है. बहुजन समाज पार्टी अपने संगठन के काम और सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले को दुरुस्त करते हुए विधानसभा चुनाव की तैयारी में अभी से जुट गई है.

उपचुनाव में भी बहुत दिलचस्पी नहीं दिखाई
बहुजन समाज पार्टी ने उत्तर प्रदेश की 7 सीटों पर हुए उपचुनाव में भी बहुत ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई. बसपा ने सिर्फ उम्मीदवार उतारकर इस चुनाव में अपनी सहभागिता दिखाई. बता दें कि इन उपचुनावों में मायावती किसी भी सीट पर चुनाव प्रचार के लिए नहीं गई. इसको लेकर पार्टी के अंदर और बाहर तमाम तरह की चर्चाएं भी होती रहीं.

सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले पर विधानसभा चुनाव लड़ेगी बसपा
बहुजन समाज पार्टी के एक नेता ने ईटीवी भारत संवाददाता को फोन पर बताया कि हमारा फोकस 2022 के विधानसभा चुनाव पर है. इसी को ध्यान में रखते हुए पार्टी अपनी चुनावी तैयारियां आगे बढ़ा रही है. सबसे खास बात यह रहेगी कि हम अपने संगठन को धरातल तक मजबूत करने पर ध्यान दे रहे हैं. सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले को आगे बढ़ाते हुए बसपा चुनाव मैदान में उतरेगी. यही कारण है कि विधान परिषद की शिक्षक व स्नातक निर्वाचन में पार्टी ध्यान नहीं दे रही है.

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