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ये है बसपा का सोशल मीडिया प्लान, जान कर रह जाएंगे हैरान!

बसपा सुप्रीमो व सूबे की पूर्व सीएम मायावती ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी उन्हीं नेताओं व लोगों को आगामी विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाएगी, जिनकी सोशल मीडिया पर सक्रियता अधिक होगी. इतना ही नहीं उम्मीदवारी की दावेदारी करने वाले नेताओं को अपने सोशल मीडिया एक्सपीरियंस को पार्टी के साथ सांझा करना होगा.

बसपा का सोशल मीडिया प्लान
बसपा का सोशल मीडिया प्लान
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Published : Sep 21, 2021, 9:21 AM IST

लखनऊ: आज चुनाव प्रचार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (social media platform) कितना अहम है, अगर इस बात को समझना है तो इसी से समझा जा सकता है कि कभी सोशल इंजीनियरिंग व दलित कार्ड (social engineering and dalit card) के बूते सत्ता की गणित साधने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती (BSP supremo Mayawati) ने भी अपने नेताओं के लिए सोशल मीडिया पर सक्रियता अनिवार्य कर दी है.

साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अगर किसी नेता व शख्स को उनकी पार्टी का टिकट चाहिए तो उसे पहले खुद की सोशल मीडिया पर सक्रियता के बाबत एक रिपोर्ट पार्टी को देनी होगी. इसके अलावे पार्टी के संस्थापक कांशीराम और मायावती को लेकर उनके विचारों को सोशल मीडिया में किस तरह का काम किया है, यह भी दावेदार को बताना होगा.

दरअसल, यूपी में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पार्टियां अभी से ही प्रत्याशियों की तलाश में जुट गई है. इसी कड़ी में पार्टी की छवि को बेहतर करने और अच्छे उम्मीदवारों के लिए बसपा ने फॉर्मूला सोशल मीडिया को हथियार बनाया. इधर, बसपा सुप्रीमो मायावती ने साल 2022 के विधानसभा चुनाव में (UP Assembly Election-2022) पार्टी के झंडे तले चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं को आवेदन के साथ ही सोशल मीडिया पर उनकी सक्रियता को दर्शाने को विशेष रिपोर्ट सांझा करने को कहा है. इसके लिए पार्टी की ओर से आवेदन पत्र भी जारी कर दिया गया है.

इसे भी पढ़ें - कुछ यूं बदला बहनजी का 'सियासी चरित्र'

इसके साथ ही आवेदन पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सोशल मीडिया की अपनी सक्रियता से लेकर कांशीराम के मिशन पर उनके काम को भी दर्शाना होगा. वहीं, पार्टी ने सूबे के सभी विधानसभा सीटों के प्रत्याशियों से आवेदन जमा करने को कहा है.

लेकिन आवेदन पत्र के एक कॉलम में सोशल मीडिया से संबंधित डिटेल देने होंगे, जिसमें यह बताना अनिवार्य होगा कि सोशल मीडिया अकाउंट कितना सक्रिय है. साथ ही फेसबुक, टि्वटर (facebook twitter) जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर कितने पोस्ट सांझा किए गए हैं.

इसे भी पढ़ें - पंजाब में चन्नी को सीएम बनाने पर बिफरी मायावती, बोली- कांग्रेस का यह राजनीतिक हथकंडा

काबिले गौर हो कि यूपी विधानसभा चुनाव को देखते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती का ट्विटर और फेसबुक पेज लगातार एक्टिव है और वे हर मुद्दे पर ट्वीट कर सरकार को घेरती नजर आ रही है. इसके अलावे वे हर मुद्दे पर अपना नजरिया भी बेबाक तरीके से रख रही हैं.

अब संघ भी सोशल मीडिया को लेकर है गंभीर

वहीं, यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh RSS) भी तैयारियों में लग गया है और अबकी चुनाव को देखते संघ ने सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्मों पर अपनी सक्रियता को अधिक बढ़ाने पर जोर दिया है. इसके अलावे कोरोना के कारण पिछले डेढ़ सालों से बंद पड़ी शाखाओं को फिर से खोला जाएगा.

सूत्रों की मानें तो संघ ने जनसंपर्क के हाईटेक तरीकों को अपनाते हुए देशभर के अपने पदाधिकारियों व स्वयंसेवकों को उक्त विषय पर सुझाव सांझा करने को कहा है. आपको बता दें कि मौजूदा समय में 40 हजार से अधिक शाखाओं का संचालन हो रहा है, जिसमें 27 हजार से अधिक शाखाएं मैदानों में लग रही हैं, जबकि 12 हजार से अधिक ऑनलाइन शाखाएं सक्रिय हैं.

लखनऊ: आज चुनाव प्रचार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (social media platform) कितना अहम है, अगर इस बात को समझना है तो इसी से समझा जा सकता है कि कभी सोशल इंजीनियरिंग व दलित कार्ड (social engineering and dalit card) के बूते सत्ता की गणित साधने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती (BSP supremo Mayawati) ने भी अपने नेताओं के लिए सोशल मीडिया पर सक्रियता अनिवार्य कर दी है.

साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अगर किसी नेता व शख्स को उनकी पार्टी का टिकट चाहिए तो उसे पहले खुद की सोशल मीडिया पर सक्रियता के बाबत एक रिपोर्ट पार्टी को देनी होगी. इसके अलावे पार्टी के संस्थापक कांशीराम और मायावती को लेकर उनके विचारों को सोशल मीडिया में किस तरह का काम किया है, यह भी दावेदार को बताना होगा.

दरअसल, यूपी में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पार्टियां अभी से ही प्रत्याशियों की तलाश में जुट गई है. इसी कड़ी में पार्टी की छवि को बेहतर करने और अच्छे उम्मीदवारों के लिए बसपा ने फॉर्मूला सोशल मीडिया को हथियार बनाया. इधर, बसपा सुप्रीमो मायावती ने साल 2022 के विधानसभा चुनाव में (UP Assembly Election-2022) पार्टी के झंडे तले चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं को आवेदन के साथ ही सोशल मीडिया पर उनकी सक्रियता को दर्शाने को विशेष रिपोर्ट सांझा करने को कहा है. इसके लिए पार्टी की ओर से आवेदन पत्र भी जारी कर दिया गया है.

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इसके साथ ही आवेदन पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सोशल मीडिया की अपनी सक्रियता से लेकर कांशीराम के मिशन पर उनके काम को भी दर्शाना होगा. वहीं, पार्टी ने सूबे के सभी विधानसभा सीटों के प्रत्याशियों से आवेदन जमा करने को कहा है.

लेकिन आवेदन पत्र के एक कॉलम में सोशल मीडिया से संबंधित डिटेल देने होंगे, जिसमें यह बताना अनिवार्य होगा कि सोशल मीडिया अकाउंट कितना सक्रिय है. साथ ही फेसबुक, टि्वटर (facebook twitter) जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर कितने पोस्ट सांझा किए गए हैं.

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काबिले गौर हो कि यूपी विधानसभा चुनाव को देखते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती का ट्विटर और फेसबुक पेज लगातार एक्टिव है और वे हर मुद्दे पर ट्वीट कर सरकार को घेरती नजर आ रही है. इसके अलावे वे हर मुद्दे पर अपना नजरिया भी बेबाक तरीके से रख रही हैं.

अब संघ भी सोशल मीडिया को लेकर है गंभीर

वहीं, यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh RSS) भी तैयारियों में लग गया है और अबकी चुनाव को देखते संघ ने सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्मों पर अपनी सक्रियता को अधिक बढ़ाने पर जोर दिया है. इसके अलावे कोरोना के कारण पिछले डेढ़ सालों से बंद पड़ी शाखाओं को फिर से खोला जाएगा.

सूत्रों की मानें तो संघ ने जनसंपर्क के हाईटेक तरीकों को अपनाते हुए देशभर के अपने पदाधिकारियों व स्वयंसेवकों को उक्त विषय पर सुझाव सांझा करने को कहा है. आपको बता दें कि मौजूदा समय में 40 हजार से अधिक शाखाओं का संचालन हो रहा है, जिसमें 27 हजार से अधिक शाखाएं मैदानों में लग रही हैं, जबकि 12 हजार से अधिक ऑनलाइन शाखाएं सक्रिय हैं.

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