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लखनऊ से प्रयागराज तक बीएसपी ने खेला मुस्लिम ट्रंप कार्ड, 10 में से उतारे छह मुस्लिम मेयर प्रत्याशी

उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव 2023 में मेयर पद के लिए अपने उम्मीदवार घोषित करके बसपा सुप्रीमो ने अपनी रणनीति साफ कर दी है. जानिए क्या है उनकी रणनीति.

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Published : Apr 19, 2023, 3:23 PM IST

लखनऊ: स्थानीय निकाय चुनाव 2023 में सभी पार्टियों को पीछे छोड़ते हुए बहुजन समाज पार्टी ने मुस्लिम ट्रंप कार्ड खेला है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लेकर प्रयागराज तक पार्टी ने मुस्लिम को ही ट्रंप कार्ड के रूप में इस्तेमाल करते हुए मेयर का उम्मीदवार बनाया है. अभी तक बीएसपी की तरफ से घोषित 10 महापौर प्रत्याशियों में से छह मुस्लिम हैं.

बीएसपी को लगता है कि मेयर के लिए मुस्लिम प्रत्याशी बनाए जाने से उस समुदाय के बीच बड़ा संदेश जाएगा कि बहुजन समाज पार्टी मुसलमानों के साथ खड़ी है. हालांकि यह तो चुनाव परिणाम बताएंगे कि मुस्लिमों ने बसपा का साथ कितना दिया है लेकिन यह तय है कि मायावती ने अपनी तरफ से गेंद मुस्लिमों के पाले में जरूर डाल दी है.

उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव दो चरणों में होना है. पहला चरण चार मई को तो दूसरे चरण का चुनाव 11 मई को होना है. सभी राजनीतिक दलों ने सभी सीटों पर मेयर और पार्षद प्रत्याशी घोषित करने शुरू कर दिए हैं. बहुजन समाज पार्टी ने भी विभिन्न जिलों के लिए अभी तक 10 मेयर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. सबसे खास बात यह है कि इन 10 मेयर प्रत्याशियों में से छह मुस्लिम हैं.

बहुजन समाज पार्टी ने मथुरा से राजा मोहतासिम अहमद, फिरोजाबाद से रुखसाना बेगम, सहारनपुर से खादिजा मसूद, लखनऊ से शाहीन बानो, प्रयागराज से सईद अहमद, मुरादाबाद से मोहम्मद यामीन, वाराणसी से सुभाष चंद्र माझी, गोरखपुर से नवल किशोर नाथानी, झांसी से भगवान दास फुले और आगरा से लता को मेयर प्रत्याशी बनाया है.

पार्टी के सूत्रों का कहना है कि अभी जिन सीटों पर मेयर प्रत्याशी घोषित किए जाने हैं उनमें भी मुस्लिम प्रत्याशियों की संख्या ज्यादा रहने वाली है. बहुजन समाज पार्टी को लगता है कि उत्तर प्रदेश में मुस्लिम समाजवादी पार्टी से दूर हो रहा है और कांग्रेस का प्रभाव कम हो रहा है. लिहाजा, बहुजन समाज पार्टी ही एकमात्र विकल्प है. ऐसे में चुनाव में ज्यादा सीटें मुस्लिम समुदाय से आने वाले लोगों को देने से फायदा मिलना तय है.

बहुजन समाज पार्टी ने प्रयागराज से माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन जब अतीक अहमद और अशरफ के साथ ही शाइस्ता परवीन पर मुकदमे हो गए और शाइस्ता फरार हो गई तो फिर मायावती ने प्रयागराज से शाइस्ता परवीन का टिकट काट दिया. इसके बाद उन्होंने साफ कर दिया कि अतीक के परिवार से किसी को भी टिकट नहीं दिया जाएगा. इसके बाद पार्टी की तरफ से मुस्लिम चेहरे के रूप में प्रयागराज से सईद अहमद को प्रत्याशी घोषित किया गया है.

पिछली चुनाव में बसपा के दो मेयर बने थे: उत्तर प्रदेश में पिछली बार हुए स्थानीय निकाय चुनाव में बहुजन समाज पार्टी को कामयाबी मिली थी. जबकि समाजवादी पार्टी सफल नहीं हो पाई थी. बहुजन समाज पार्टी ने अलीगढ़ और मेरठ सीट पर जो मेयर प्रत्याशी उतारे थे, दोनों ही चुनाव में जीत हासिल करने में सफल हुए थे, जबकि समाजवादी पार्टी का कोई भी मेयर प्रत्याशी नहीं जीत पाया था.

ये भी पढ़ेंः सांसद वरुण गांधी का बयान, जो मेरी चप्पल उठाने की औकात नहीं रखते हैं, वह पांच गाड़ियों के काफिले में घूम रहे

लखनऊ: स्थानीय निकाय चुनाव 2023 में सभी पार्टियों को पीछे छोड़ते हुए बहुजन समाज पार्टी ने मुस्लिम ट्रंप कार्ड खेला है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लेकर प्रयागराज तक पार्टी ने मुस्लिम को ही ट्रंप कार्ड के रूप में इस्तेमाल करते हुए मेयर का उम्मीदवार बनाया है. अभी तक बीएसपी की तरफ से घोषित 10 महापौर प्रत्याशियों में से छह मुस्लिम हैं.

बीएसपी को लगता है कि मेयर के लिए मुस्लिम प्रत्याशी बनाए जाने से उस समुदाय के बीच बड़ा संदेश जाएगा कि बहुजन समाज पार्टी मुसलमानों के साथ खड़ी है. हालांकि यह तो चुनाव परिणाम बताएंगे कि मुस्लिमों ने बसपा का साथ कितना दिया है लेकिन यह तय है कि मायावती ने अपनी तरफ से गेंद मुस्लिमों के पाले में जरूर डाल दी है.

उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव दो चरणों में होना है. पहला चरण चार मई को तो दूसरे चरण का चुनाव 11 मई को होना है. सभी राजनीतिक दलों ने सभी सीटों पर मेयर और पार्षद प्रत्याशी घोषित करने शुरू कर दिए हैं. बहुजन समाज पार्टी ने भी विभिन्न जिलों के लिए अभी तक 10 मेयर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. सबसे खास बात यह है कि इन 10 मेयर प्रत्याशियों में से छह मुस्लिम हैं.

बहुजन समाज पार्टी ने मथुरा से राजा मोहतासिम अहमद, फिरोजाबाद से रुखसाना बेगम, सहारनपुर से खादिजा मसूद, लखनऊ से शाहीन बानो, प्रयागराज से सईद अहमद, मुरादाबाद से मोहम्मद यामीन, वाराणसी से सुभाष चंद्र माझी, गोरखपुर से नवल किशोर नाथानी, झांसी से भगवान दास फुले और आगरा से लता को मेयर प्रत्याशी बनाया है.

पार्टी के सूत्रों का कहना है कि अभी जिन सीटों पर मेयर प्रत्याशी घोषित किए जाने हैं उनमें भी मुस्लिम प्रत्याशियों की संख्या ज्यादा रहने वाली है. बहुजन समाज पार्टी को लगता है कि उत्तर प्रदेश में मुस्लिम समाजवादी पार्टी से दूर हो रहा है और कांग्रेस का प्रभाव कम हो रहा है. लिहाजा, बहुजन समाज पार्टी ही एकमात्र विकल्प है. ऐसे में चुनाव में ज्यादा सीटें मुस्लिम समुदाय से आने वाले लोगों को देने से फायदा मिलना तय है.

बहुजन समाज पार्टी ने प्रयागराज से माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन जब अतीक अहमद और अशरफ के साथ ही शाइस्ता परवीन पर मुकदमे हो गए और शाइस्ता फरार हो गई तो फिर मायावती ने प्रयागराज से शाइस्ता परवीन का टिकट काट दिया. इसके बाद उन्होंने साफ कर दिया कि अतीक के परिवार से किसी को भी टिकट नहीं दिया जाएगा. इसके बाद पार्टी की तरफ से मुस्लिम चेहरे के रूप में प्रयागराज से सईद अहमद को प्रत्याशी घोषित किया गया है.

पिछली चुनाव में बसपा के दो मेयर बने थे: उत्तर प्रदेश में पिछली बार हुए स्थानीय निकाय चुनाव में बहुजन समाज पार्टी को कामयाबी मिली थी. जबकि समाजवादी पार्टी सफल नहीं हो पाई थी. बहुजन समाज पार्टी ने अलीगढ़ और मेरठ सीट पर जो मेयर प्रत्याशी उतारे थे, दोनों ही चुनाव में जीत हासिल करने में सफल हुए थे, जबकि समाजवादी पार्टी का कोई भी मेयर प्रत्याशी नहीं जीत पाया था.

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