लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को लेकर समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने कैडर के आधार पर पार्टी के जनाधार को बढ़ाने की हिदायत दी. कर्नाटक सम्बंधी समीक्षा बैठक में खासकर पार्टी का रिजल्ट खराब आने को लेकर वरिष्ठ पदाधिकारियों व जिम्मेदार लोगों पर नाराजगी जताई. इस दौरान कांग्रेस पर मायावती ने हमला किया. कहा कि यह पार्टी दलित मुस्लिम का वोट लेती है, लेकिन सत्ता में भागीदारी नहीं देती. इसलिए इस पार्टी से देशभर के दलित और मुस्लिमों को सतर्क रहने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि हर राज्य में पार्टी की तैयारी इस प्रकार से होनी चाहिए कि चुनाव में हवा चाहे किसी भी पार्टी के पक्ष-विपक्ष में हो, बहुजन समाज पार्टी की स्थिति अच्छी रहनी चाहिए. इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. वैसे सरकारों की गलत नीतियों व उनके जनविरोधी कार्यकलापों के कारण देश में बढ़ती हुई महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी का अभिशाप, जी तोड़ मेहनत लेकिन मेहनताना कम, नये-नये सरकारी नियम-कायदों व करों के बढ़ते जंजाल आदि के कारण लोग त्रस्त हैं.
मायावती ने कहा कि खासकर दलित व मुस्लिम समाज को सत्ता में अपनी उचित भागीदारी और अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर अब काफी सजग व सतर्क हो जाना चाहिए. कर्नाटक में इन वर्ग के लोगों ने भी एकजुट होकर कांग्रेस को वोट देकर जिताया है, लेकिन सरकार बनते समय इनकी हमेशा की तरह फिर उपेक्षा की गई.
इनकी दावेदारी की अनदेखी करते हुए इन्हें न तो सीएम बनाया गया और न ही कोई डिप्टी सीएम. इससे यही सबक मिलता है कि कांग्रेस को कर्नाटक में भी दलित व मुस्लिम समाज के लोग केवल उनके अपने बुरे दिनों में ही याद आते हैं. लेकिन, सत्ता मिलते ही इन्हें दरकिनार कर दिया जाता है. इसके अनेकों और भी उदाहरण हैं. कर्नाटक के लोगों को ही नहीं बल्कि देश भर में इन वर्गों के लोगों को इस कड़वी सच्चाई को समझकर आगे की तैयारी करने की जरूरत है.