लखनऊ: राजधानी के डालीबाग में सरकारी जमीन पर मकान बनाने के विवाद में सांसद अफजाल अंसारी अपनी पत्नी फरहत अंसारी व दोनों बेटियों के साथ एक बार फिर लखनऊ विकास प्राधिकरण पहुंचे. सोमवार को इस मामले की सुनवाई थी. एलडीए उपाध्यक्ष शिवाकांत द्विवेदी ने उनका पूरा जवाब सुनने व दस्तावेज देखने के बाद फिर एक सप्ताह का समय दिया है. सुनवाई पूरी होने के बाद बाहर निकले अफजाल अंसारी ने कहा कि उन्हें संविधान पर भरोसा है, जो भी कार्रवाई हो रही है, वह एकतरफा है.
बताया जाता है कि डालीबाग के गाटा संख्या 93, जोकि निष्क्रांत संपत्ति है, उसपर अफजाल अंसारी की पत्नी फरहत अंसारी के नाम से आलीशान मकान बना हुआ है. एलडीए ने एक सितंबर को नोटिस जारी की थी, जिसका जवाब देने के लिए अफजाल अंसारी प्राधिकरण कार्यालय पहुंचे थे. इससे पहले 14 सितंबर को भी उन्होंने एलडीए वीसी के सामने अपना पक्ष रखा था, तब उन्हें एक सप्ताह का समय दिया गया था. सोमवार को सुनवाई के दौरान अंसारी ने विभिन्न सरकारी विभागों की ओर से नक्शा पास करने के लिए दी गई एनओसी की प्रति भी एलडीए अफसरों को दी. उन्होंने अफसरों से कहा कि जब पूर्व में उनका नक्शा पास किया गया था तो वह खसरा संख्या 93 से बाहर था, अब अचानक क्यों उसे 93 में दिखाया जा रहा है.
सोमवार को सुनवाई के बाद बाहर निकलने पर उन्होंने मीडिया से बात करने से मना कर दिया, लेकिन चलते-चलते उन्होंने कहा कि एलडीए उनके खिलाफ एकतरफा कार्रवाई कर रहा है. अफजाल ने कहा कि उन्हें संविधान पर भरोसा है. सुनवाई के दौरान एलडीए अपनी पत्नी व दोनों बेटियों के साथ आए थे. पूरे मामले में एलडीए के अधिकारी कुछ भी बताने से बच रहे हैं.
बता दें कि इसी गाटे में मुख्तार अंसारी के दोनों बेटों अब्बास अंसारी व उमर अंसारी के मकान भी बने थे, जिसे एलडीए ध्वस्त कर चुका है. जिलाधिकारी ने गाटा संख्या 93 की जमीन को 14 अगस्त को निष्क्रांत घोषित कर दिया है. प्रशासन ने तीनों मकानों का नक्शा निरस्त कर कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा था. मुख्तार के मकानों का नक्शा पास न होने के चलते एलडीए ने धराशायी कर दिया. लेकिन अफजाल की पत्नी फरहत अंसारी के मकान का नक्शा एलडीए ने 2007 में पास किया था. फरहत अंसारी ने भूखंड संख्या 21/14बी पर बनाया है. हालांकि प्राधिकरण के अधिकारी बताते हैं कि नक्शा बाद में पास किया गया है और मकान पहले बना लिया गया, जबकि शमन भी नहीं कराया गया है.