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मंदिर तोड़-फोड़ पर मायावती का बयान, कहा- 'बीएसपी के लोग कानून हाथ में नहीं लेते'

दिल्ली में संत रविदास का मंदिर तोड़े जाने के विरोध में हो रहे लगातार तोड़फोड़ की घटनाओं को लेकर बसपा अध्यक्ष मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है. मायावती ने घटनाओं को अनुचित बताते हुये कहा है कि हमें अपने संतों और महापुरुषों का सम्मान करना चाहिये.

मायावती, बसपा अध्यक्ष
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Published : Aug 22, 2019, 5:44 PM IST

लखनऊ: संत रविदास का मंदिर तोड़े जाने के विरोध में हुई तोड़फोड़ पर बसपा अध्यक्ष मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. दिल्ली में हुई तोड़फोड़ को अनुचित बताते हुये कहा है कि हम अपने संतों, महापुरुषों का सम्मान करते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आमजन को परेशानी में डाला जाए.

संत कबीर मंदिर के तोड़ने पर मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की.

इसे भी पढ़ें :- लखनऊ: सीएम आवास के पास महिलाओं ने किया प्रदर्शन

मायावती ने नाराजगी जाहिर की-

बता दें कि बुधवार दिल्ली में संत रविदास का मंदिर तोड़े जाने के विरोध में समर्थकों ने भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन कर तोड़फोड़ भी की थी. लगातार हो रहे विरोध पर बसपा अध्यक्ष मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुये कहा है कि बीएसपी के लोगों में कानून को अपने हाथ में नहीं लेने की जो परंपरा है वह पूरी तरह से आज भी बरकरार है.

दूसरी पार्टियों और संगठनों के लिए यह आम बात है. हम अपने संतों, गुरुओं और महापुरुषों के सम्मान में बेकसूर लोगों को किसी भी प्रकार की तकलीफ नहीं पहुंचाते हैं. तुगलकाबाद क्षेत्र में जो तोड़फोड़ आदि की घटनाएं घटित हुई हैं वह अनुचित है और उससे बीएसपी का कुछ भी लेना देना नहीं है.

बीएसपी संविधान और कानून का हमेशा सम्मान करती है. इस पार्टी का संघर्ष कानून के दायरे में ही रहकर होता है.



लखनऊ: संत रविदास का मंदिर तोड़े जाने के विरोध में हुई तोड़फोड़ पर बसपा अध्यक्ष मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. दिल्ली में हुई तोड़फोड़ को अनुचित बताते हुये कहा है कि हम अपने संतों, महापुरुषों का सम्मान करते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आमजन को परेशानी में डाला जाए.

संत कबीर मंदिर के तोड़ने पर मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की.

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मायावती ने नाराजगी जाहिर की-

बता दें कि बुधवार दिल्ली में संत रविदास का मंदिर तोड़े जाने के विरोध में समर्थकों ने भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन कर तोड़फोड़ भी की थी. लगातार हो रहे विरोध पर बसपा अध्यक्ष मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुये कहा है कि बीएसपी के लोगों में कानून को अपने हाथ में नहीं लेने की जो परंपरा है वह पूरी तरह से आज भी बरकरार है.

दूसरी पार्टियों और संगठनों के लिए यह आम बात है. हम अपने संतों, गुरुओं और महापुरुषों के सम्मान में बेकसूर लोगों को किसी भी प्रकार की तकलीफ नहीं पहुंचाते हैं. तुगलकाबाद क्षेत्र में जो तोड़फोड़ आदि की घटनाएं घटित हुई हैं वह अनुचित है और उससे बीएसपी का कुछ भी लेना देना नहीं है.

बीएसपी संविधान और कानून का हमेशा सम्मान करती है. इस पार्टी का संघर्ष कानून के दायरे में ही रहकर होता है.



Intro:लखनऊ। संत रविदास का मंदिर तोड़े जाने के विरोध में हुई तोड़फोड़ पर बसपा अध्यक्ष मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि हम अपने संतों, महापुरुषों का सम्मान करें, इसका मतलब यह नहीं है कि आमजन को परेशानी में डाला जाए। मायावती ने दिल्ली में हुई तोड़फोड़ को अनुचित बताया है। ज्ञात हो की कल दिल्ली में संत रविदास का मंदिर तोड़े जाने के विरोध में भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर (रावण) के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया गया और समर्थकों ने तोड़फोड़ भी की थी।


Body:बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि बीएसपी के लोगों द्वारा कानून को अपने हाथ में नहीं लेने की जो परंपरा है वह पूरी तरह से आज भी बरकरार है जबकि दूसरी पार्टियों व संगठनों के लिए यह आम बात है हम अपने संतों, गुरुओं व महापुरुषों के सम्मान में बेकसूर लोगों को किसी भी प्रकार की तकलीफ नहीं पहुंचानी है।

इसीलिए कल दिल्ली के खासकर तुगलकाबाद क्षेत्र में जो तोड़फोड़ आदि की घटनाएं घटित हुई हैं, वह अनुचित है तथा उस से बीएसपी का कुछ भी लेना देना नहीं है। बीएसपी संविधान और कानून का हमेशा सम्मान करती है। इस पार्टी का संघर्ष कानून के दायरे में ही रहकर होता है।

बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि बीएसपी के लोगों को किसी भी अति दुखद घटना के घटने के बाद अगर सरकार कहीं पर धारा 144 के तहत प्रतिबंध लगाती है तो उसका उल्लंघन नहीं करना है। वह अन्य पार्टियों के नेताओं की तरह घटनास्थल पर जबरदस्ती नहीं जाना है। ताकि सरकार को निरंकुश वाद पूर्ण कार्यवाही करने का मौका नहीं मिल सके।


Conclusion:
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