लखनऊ : अगले साल 2024 होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) एक्टिव मोड में आ गई है. पार्टी चुनाव से पहले अपने सभी फ्रंटल संगठनों अपग्रेड करने के साथ अपने मीडिया सेल का पुनर्गठन का काम शुरू कर रही है. पार्टी अपने सभी संगठनों को नए सिरे से तैयार कर रही है. इसी कड़ी में बसपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने शुक्रवार को पार्टी के मीडिया सेल को भंग कर दिया है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.
बसपा सुप्रीमो द्वारा किए गए ट्वीट में कहा है कि 'बीएसपी द्वारा पार्टी के मीडिया सेल का पुनर्गठन प्रस्तावित है. इस परिस्थिति में नए मीडिया सेल का गठन होने तक अब कोई पार्टी का प्रवक्ता नहीं है. अतः श्री धर्मवीर चौधरी सहित पार्टी के जो भी लोग मीडिया में अगर अपनी बात रखते हैं तो वह उनकी निजी राय होगी, पार्टी का अधिकृत वक्तव्य नहीं.'
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बीएसपी द्वारा पार्टी के मीडिया सेल का पुनर्गठन प्रस्तावित है। इस परिस्थिति में नए मीडिया सेल का गठन होने तक अब कोई पार्टी का प्रवक्ता नहीं है। अतः श्री धर्मवीर चौधरी सहित पार्टी के जो भी लोग मीडिया में अगर अपनी बात रखते हैं तो वह उनकी निजी राय होगी, पार्टी का अधिकृत वक्तव्य नहीं।
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— Mayawati (@Mayawati) March 17, 2023बीएसपी द्वारा पार्टी के मीडिया सेल का पुनर्गठन प्रस्तावित है। इस परिस्थिति में नए मीडिया सेल का गठन होने तक अब कोई पार्टी का प्रवक्ता नहीं है। अतः श्री धर्मवीर चौधरी सहित पार्टी के जो भी लोग मीडिया में अगर अपनी बात रखते हैं तो वह उनकी निजी राय होगी, पार्टी का अधिकृत वक्तव्य नहीं।
— Mayawati (@Mayawati) March 17, 2023
ज्ञात हो कि बहुजन समाज पार्टी लोकसभा चुनाव 2024 में अपनी पूरी ताकत से लड़ने की बात कह रही है. इसी कड़ी में पार्टी मीडिया में अपनी बात रखने के लिए नए सिरे से मीडिया सेल का गठन कर रही है. मीडिया सेल के पुनर्गठन से पहले पार्टी किसी भी मुद्दे पर अपनी बात सीधे पार्टी सुप्रीमो मायावती के माध्यम से रखेगी. ज्ञात हो कि बीते 4 चुनावों में बसपा का हाल काफी खराब रहा. मौजूदा समय मे पार्टी के पास उत्तर प्रदेश की विधानसभा में केवल एक विधायक है, वहीं 2019 के लोकसभा के चुनाव में पार्टी ने सपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था, तब उसके पास 10 सांसद जीत कर आये थे, लेकिन बीते 4 चुनाव में पार्टी का जो हाल है उसे देखते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती अभी से चुनावों की तैयारी में जुट गई है. इसी कड़ी में पार्टी अपनी सभी फ्रंटल संगठनों को फिर से तैयार कर चुनाव में जाना चाह रही है. पार्टी की कोशिश है कि वह अपने पुराने वोट बैंक को फिर से इकट्ठा कर लोकसभा चुनाव में जाए. 2022 के विधानसभा में पार्टी का वोट प्रतिशत गिरकर 13% के आसपास पहुंच गया.
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