लखनऊ: कोरोना काल में यूपी की ब्लड बैंकों का स्टॉक गड़बड़ा गया है. ऐसे में आवश्कता से आधा रक्त (BLOOD) ही उपलब्ध हो सका है. वहीं अस्पतालों की ओपीडी खुल गईं. इमरजेंसी में भी मरीजों की भरमार है. ऐसे में ब्लड की डिमांड बढ़ गई है. लिहाजा रक्त का संकट मरीजों के इलाज में बाधा बना हुआ है. अब राज्य सरकार ने स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने का निर्देश दिया है. स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल की सचिव डॉ. गीता अग्रवाल ने सभी ब्लड बैंकों को हर माह की एक तारीख को स्वैच्छिक रक्तदान शिविर लगाने के निर्देश दिए हैं. यह नियम सितंबर महीने से लागू होगा.
यूनिट बढ़ने की रफ्तार थमीं
सरकार ने स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए तमाम जतन किए हैं. इसके लिए ब्लड डोनर वैन, बस के अलावा कैंप लगाने को प्रोत्साहित किया. ऐसे में पिछले वर्षों में निरंतर रक्त यूनिटें बढ़ रही थीं. वहीं कोरोना काल में लोगों ने रक्तदान से मुंह फेर लिया. ऐसे में रक्तदान की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है.
घटीं 2 लाख रक्त यूनिट
डॉ. गीता अग्रवाल के मुताबिक यूपी में 383 सरकारी व प्राइवेट क्षेत्र में ब्लड बैंक हैं. इनमें हर साल करीब साढ़े 11 लाख यूनिट रक्त जमा होता है. यह रक्त स्वैच्छिक रक्तदान से जुटता है. बीते 3 वर्ष में हर साल 1 लाख यूनिट रक्त की बढ़ोतरी हुई थी. वहीं इस वर्ष पिछले साल के मुकाबले 2 लाख रक्त यूनिट कम हो गया. यह कोरोना की वजह से हुआ है. ऐसे में जहां आबादी के लिहाज से यूपी में 22 लाख रक्त यूनिट की सालभर में जरूरत है, वहीं उपलब्ध 11.5 लाख यूनिट ही हो सकी हैं.
रक्त की उपलब्धता
वर्ष | यूनिट (लाख में) |
2017-2018 | 11.5 |
2018--2019 | 12.5 |
2019--2020 | 13.5 |
2020--2021 | 11.5 |
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