लखनऊ: टूड़ियागंज स्थित राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज ने न केवल ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमाइकोसिस के मरीज को ठीक करने में सफलता प्राप्त की बल्कि यह सिद्ध कर दिया कि ब्लैक फंगस का आयुर्वेद में भी सफल इलाज संभव है. राजकीय आयुर्वेद कॉलेज के डॉक्टरों ने जलनेति से ब्लैक फंगस पीड़ित मरीज का सफल इलाज का दावा किया है.
जांच में ब्लैक फंगस की पुष्टि के बाद पहुंचे थे आयुर्वेदिक कॉलेज
आलमनगर निवासी बुजुर्ग आरडी वर्मा जांच में ब्लैक फंगस की पुष्टि के बाद इलाज के लिए तुरिया गंज स्थित राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज पहुंचे थे. उन्हें तीन सप्ताह पूर्व उन्हें जुकाम और नाक बंद होने की शिकायत हुई थी. अगले दिन उन्हें सिर दर्द, नाक के किनारे व आंख के नीचे सूजन भी आ गयी. परिवारीजनों ने डॉक्टर की सलाह पर कोरोना जांच कराई, रिपोर्ट नेगेटिव आई. वह गुजरे 12 साल से डायबिटीज की चपेट में हैं. परिवारीजन बुजुर्ग मरीज के लेकर ईएनटी विशेषज्ञ के पास पहुंचे, डॉक्टर ने ब्लैक फंगस की आशंका में एमआरआई जांच कराई. जांच में फंगस की पुष्टि हुई. परेशानहाल परिवारीजन आयुर्वेदिक कॉलेज में काय चिकित्सा विभाग पहुंचे.
जलनेति से शुरू किया इलाज
आयुर्वेदिक कॉलेज में काय चिकित्सा विभागाध्यक्ष डॉ. संजीव रस्तोगी ने जलनेति से ही उनका इलाज शुरू किया. उन्हें जलनेति की दिन में दो बार नमक के गुनगुने पानी से करने को कहा. इस दौरान परिवारीजनों ने मरीज को केजीएमयू के ईएनटी विभाग में भी दिखाया. यहां डॉक्टर ने चार दिन बाद ऑपरेशन की तारीख दी.
3 दिन में ठीक हुआ मरीज
डॉ. संजीव की सलाह पर जलनेति करने से तीन दिन में उनकी नाक, आंख के नीचे की सूजन व सिर दर्द पूरी तरह से खत्म हो गया. डॉ. संजीव का दावा है कि मरीज की दोबारा नाक की जांच कराई गई. जिसमें फंगस नहीं मिला. अब इसे केस स्टडी के रूप में अन्तरराष्ट्रीय जनरल में प्रकाशन के लिए भेजा गया है.