लखनऊ : आगामी वर्ष में होने वाले लोकसभा के चुनावों को देखते हुए उत्तर प्रदेश में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं. फिर चाहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों, गृहमंत्री अमित शाह अथवा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सभी नेताओं ने उत्तर प्रदेश में अपने कार्यक्रमों के लिए समय देना शुरू कर दिया है. दरअसल, कांग्रेस कर्नाटक विधानसभा चुनावों में अपनी जीत से काफी उत्साहित है और देश के सभी विपक्षी दलों के साथ भाजपा के खिलाफ एक मोर्चा खड़ा करना चाहती है. ऐसे में दक्षिण भारत सहित कुछ अन्य राज्यों में भाजपा के लिए मुसीबत खड़ी होती दिखाई दे रही है. यही कारण है कि पार्टी अपने गढ़ उत्तर प्रदेश में खुद को ज्यादा से ज्यादा मजबूत करना चाहती है.
![लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर तैयारी शुरू (फाइल फोटो)](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/03-07-2023/18905601_ni123.jpg)
उप्र देश में सबसे ज्यादा अस्सी लोकसभा सीटों वाला राज्य है. यदि भाजपा को 2014 और 2019 की तरह व्यापक जनसमर्थन मिला, तो भाजपा की राह आसान हो जाएगी. 2014 में भाजपा गठबंधन में प्रदेश में 73 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि समाजवादी पार्टी को सिर्फ पांच सीटें ही मिली थीं. वहीं कांग्रेस पार्टी को दो और बसपा को एक भी सीट नहीं मिली थी. यदि 2019 के लोकसभा चुनावों की बात करें, तो भाजपा गठबंधन को 64 सीटें मिली थीं. वहीं चिर विरोधी सपा और भाजपा के गठबंधन को सिर्फ 15 सीटें प्राप्त हुई थीं. उप चुनाव में सपा ने इनमें भी आजमगढ़ और रामपुर की दो सीटें गंवा दी थीं. कांग्रेस पार्टी इस चुनाव में सिर्फ एक सीटें जीत पाई और राहुल गांधी को भी अपनी अमेठी की सीट गंवानी पड़ी थी. ऐसे में यदि भाजपा अपना पुराना प्रदर्शन दोहराती है, तो उसे अन्य राज्यों में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी और पार्टी पर दबाव भी कम होगा.
![लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर तैयारी शुरू](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/03-07-2023/18905601_ni.jpg)
![बीते रविवार को लखनऊ पहुंचे गृहमंत्री अमित शाह](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/03-07-2023/18905601_ni456.jpg)
गौरतलब है कि दो जुलाई को गृहमंत्री अमित शाह लखनऊ में थे और उन्होंने अपना दल के कार्यक्रम में शामिल होकर पिछड़े वोट बैंक को साधने का काम किया. अब आगामी सात जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गोरखपुर, कुशीनगर और वाराणसी के दौरे पर आने वाले हैं. प्रधानमंत्री गोरखपुर में गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समारोह में शामिल होंगे, तो कुशीनगर में नए कृषि विश्वविद्यालय का शिलान्यास और जनसभा करेंगे. इसी तरह वह वाराणसी में भी कुछ परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे. वह इन कार्यक्रमों में शामिल होकर अपने राजनीतिक समीकरणों को साधेंगे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हाल ही में राजधानी के दौरे पर आए थे और वह जल्दी ही राजधानी के एक ओवर ब्रिज के लोकार्पण के लिए फिर आने वाले हैं. अन्य केंद्रीय मंत्री भी प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों के दौरे लगातार कर रहे हैं और यह गति और तेज होने वाली है. स्वाभाविक है कि भाजपा आने वाले चुनावों के लिए कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाहती.