लखनऊः प्रदेश में हुए पंचायत चुनाव के परिणामों पर सभी राजनीतिक दलों की नजर गड़ी है. ज्यादातर राजनीतिक दलों ने जिला पंचायत सदस्य पद के लिए ही उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं. दो मई को शुरू हुई मतगणना कई सीटों पर तीन मई को देर शाम तक चलती रही. सत्ताधारी दल भाजपा इन्हीं परिणामों के आधार पर 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए रोडमैप तैयार करेगी. सांगठनिक ढांचा भी उसी के अनुरूप खड़ा करेगी. ताकि आगामी विधानसभा चुनाव जीतकर यूपी की सत्ता में पुनः स्थापित हो सके.
जिम्मेदारों की भूमिका देखेगी पार्टी
पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने जिलावार भाजपा उम्मीदवारों की स्थिति के बारे में रिपोर्ट मांगी है. अनुमान है कि चार मई तक सभी जिलों से सारी रिपोर्ट पार्टी मुख्यालय को भेज दी जाएगी. इसके बाद प्रदेश नेतृत्व समीक्षा करेगा. जिला और क्षेत्र में भी पार्टी प्रत्याशियों की हार-जीत की समीक्षा की जाएगी. बूथ कमेटियों से लेकर सेक्टर प्रभारी, मंडल अध्यक्ष, स्थानीय विधायक, सांसद, जिला अध्यक्ष की भूमिका की भी समीक्षा होगी. परिणामों के आधार पर पार्टी आगे इन पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी तय करेगी.
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3051 जिला पंचायत वार्ड
प्रदेश में 3051 जिला पंचायत सदस्य की सीटें हैं. इन सभी सीटों पर भाजपा ने अपने अपना प्रत्याशी उतारा है. राज्य के करीब एक लाख 63 हजार बूथों में से भाजपा के गठित एक लाख 50 हजार बूथ कमेटियों को पंचायत चुनाव के लिए सक्रिय किया गया था. बूथों की सक्रियता से भाजपा के लिए कितना बेहतर परिणाम रहे हैं, इसकी भी समीक्षा की जाएगी. जिन बूथों पर भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है, उन बूथ कमेटियों को पुनः गठित किया जाएगा. ग्रामीण अंचल के इस चुनाव में भाजपा अपनी ताकत का थाह लगाएगी. इसके बाद 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति बनाना शुरु कर देगी.