लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने एमपी एमएलए कोर्ट में परिवाद दायर किया है. राकेश त्रिपाठी ने समाजवादी पार्टी मीडिया सेल नाम के ट्विटर अकाउंट से लगातार अनर्गल और अश्लील टिप्पणियों के चलते अखिलेश यादव को जिम्मेदार ठहराया है. एमपी एमएलए कोर्ट में राकेश त्रिपाठी के बयान सात जनवरी को दर्ज किया जाएगा. जिसके बाद में समाजवादी पार्टी के नेताओं को भी बयान रेकॉर्ड कराने के लिए बुलाया जाएगा.
गौरतलब है कि पिछले करीब डेढ़ महीने से भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच में ट्विटर पर जोरदार लड़ाई चल रही है. जिसमें समाजवादी पार्टी मीडिया सेल और कई बार भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाषा की मर्यादा तोड़ी जा रही है. समाजवादी पार्टी की ओर से भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं पर भी आपत्तिजनक टिप्पणियां की जा रही हैं. बीते रोज समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पर बहुत ही आपत्तिजनक कमेंट किया था. भारतीय जनता पार्टी ने अब ऐसी अभद्र बयानबाजी को कोर्ट में ले जाने का फैसला किया है.
राकेश त्रिपाठी ने बताया कि उन्होंने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 199-1 के तहत यह परिवाद दायर किया गया है. उन्होंने बताया कि सरकार पर पुलिस के दुरुपयोग का आरोप न लगे इसलिए उन्होंने एमपी एमएलए कोर्ट की शरण ली है. समाजवादी पार्टी के अधिकृत ट्विटर अकाउंट से अनर्गल बयानबाजी हुई है, इसलिए इसके सीधे जिम्मेदार राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम हैं. उन्होंने बताया कि एमपी एमएलए कोर्ट अब इस मामले में 7 जनवरी को उनका बयान दर्ज करेगा.
भाजपा नेता ने अखिलेश यादव और नरेश उत्तम के खिलाफ परिवाद : ट्विटर के माध्यम से मानहानि करने के आरोपों को लेकर प्रदेश भाजपा प्रवक्ता राकेश चंद्र त्रिपाठी ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल व समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल के विरुद्ध एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष एसीजेएम अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव की अदालत में परिवाद दाखिल किया है. अदालत ने परिवाद को दर्ज करने व वादी के बयान के लिए 7 जनवरी की तिथि नियत की है.
अदालत में दाखिल परिवाद में कहा गया है कि वादी उच्च न्यायालय में वकालत करता है तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एवं प्रिंट मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी अपनी सक्रिय भूमिका के साथ उपस्थित रहता है. अदालत में कहा गया है कि 1 दिसंबर 2022 को उसके द्वारा किए गए सोशल मीडिया पर एक ट्विट के जवाब में समाजवादी पार्टी के अधिकृत ट्विटर हैंडल से उसके विरुद्ध अपमानजनक शब्दों का प्रयोग शुरू हो गया. यह भी आरोप लगाया गया है कि समाजवादी पार्टी के उक्त टि्वटर हैंडल से वादी के विरुद्ध प्रतिष्ठा को जानबूझकर धूमिल करने की नियत से ट्वीट किए गए. परिवाद में कहा गया है कि समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश का प्रमुख राजनीतिक दल है व उसके द्वारा जानबूझकर और परिवादी की सामाजिक एवं राजनीतिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के उद्देश्य इस प्रकार के अपमानजनक ट्वीट करना परिवादी के प्रति दुराशय सिद्ध करता है. अदालत से अनुरोध किया गया है कि विपक्षियों को न्यायालय में तलब कर उनका विचारण किया जाए तथा उन्हें दंडित किया जाए.
पढ़ें : Twitter war : समाजवादी पार्टी मीडिया सेल ने डिप्टी सीएम केशव मौर्य पर की अश्लील टिप्पणी