लखनऊ: आजमगढ़ और रामपुर में लोकसभा उपचुनाव जीतकर भारतीय जनता पार्टी का नेतृत्व उत्साह में है. मिशन 2024 में भाजपा उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटें जीतकर एक कीर्तिमान बनाना चाहती है. जिसको लेकर भाजपा अपनी सभी हारी हुई 16 सीटों पर अतिरिक्त मेहनत करेगी. इसकी शुरुआत हो चुकी है. जी हां, 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जिन 16 सीटों को हारा था, उनमें से दो को तो उपचुनाव में जीत भी चुकी है.
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को रायबरेली, लालगंज, आजमगढ़, रामपुर, संभल, मुरादाबाद, मैनपुरी, गाजीपुर, घोसी, श्रावस्ती, अमरोहा, बिजनौर, जौनपुर, नगीना, सहारनपुर सीट पर हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन इन सीटों में से रामपुर और आजमगढ़ को उपचुनाव में जीत लिया है. वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक राघवेंद्र सिंह ने बताया कि निश्चित तौर पर जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी का चुनाव रणनीति काम करती है. वो जनता पर अपना काफी प्रभाव छोड़ रहा है.
इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि आगामी चुनाव में बीजेपी 80 सीटें जीत सकती है. अगर 80 तक न भी पहुंचे तो एक रिकॉर्ड बना सकते हैं. इसमें 78 या 75 सीटें तक भाजपा की 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत हो सकती है. क्योंकि विपक्ष अभी भी ऐसा काम नहीं कर रहा है, जिससे लोगों का वोट बैंक उन्हें मिले.
यह भी पढ़ें- इंद्रजीत सिंह ने संभाली लखनऊ नगर आयुक्त की जिम्मेदारी, यह बताई प्राथमिकता
वहीं, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने बताया कि निश्चित तौर पर अभी तक हम 75 प्लस की बात कर रहे थे. लेकिन उपचुनाव में जिस तरह से कठिन सीटों पर जीत हासिल की है. इससे 80 सीटें जीतने का भी सपना पूरा होना कोई बड़ी बात नहीं है. हम इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप