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हारी हुई सीटों के साथ हारे हुए बूथों पर भाजपा की नजर, बनाई ये योजना - BJP State Spokesperson Alok Verma

2024 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए भाजपा पूरी तरह से दमखम लगाने में लगी है. इसी कड़ी में योजनाएं तैयार कर कार्यकर्ताओं को कामकाज सौंपा जा रहा है.

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Published : Jul 10, 2022, 7:02 PM IST

लखनऊ: 2024 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर जीत दर्ज करने को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी तैयारियां तेज कर दी है. संगठन से लेकर सरकार के स्तर पर तमाम तरह के काम करने की रणनीति बनाई गई है, जिससे 2024 का लोकसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी फतह कर सके. इसको लेकर सभी कील कांटे दुरुस्त करने का काम किया जा रहा है. जी हां भारतीय जनता पार्टी ने तय किया है कि अब तक ना जीतने वाली लोकसभा सीटों के साथ-साथ हारे हुए बूथों को जीतने के लिए एक बेहतर रणनीति तैयार करेंगे.

इसको लेकर बूथ समितियों का गठन करते हुए प्रत्येक बूथ में 20-20 कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी देने का काम कराया जाएगा. इन बूथों को पार्टी के सांसद विधायक और सरकार के मंत्रियों को भी जिम्मेदारी दी गई है, जिससे मंत्रियों विधायक सांसदों की मॉनिटरिंग में बूथ निर्माण करने का काम कराया जा सके.

जानकारी देते हुए बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता आलोक वर्मा

यह भी पढ़ें- कौशल विकास मंत्री ने गिनाई उपलब्धियां, 100 दिन में 10 नई ITI की हुई स्थापना

दरअसल, भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व ने उत्तर प्रदेश में 80 में से 75 लोकसभा सीटों को जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसी के अनुरूप पूरी कार्य योजना बनाई जा रही है. साथ ही सांसद विधायक पदाधिकारियों केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रियों को जिम्मेदारी देने का काम किया जा रहा है. पार्टी उन बूथों को पूरी तरह से केंद्र बिंदु में रखकर काम कर रही है, जहां पर भारतीय जनता पार्टी अभी तक चुनाव जीत नहीं पाई है. ऐसे बूथों पर समितियों का गठन करके 20-20 कार्यकर्ताओं को जोड़ना है. उन कार्यकर्ताओं के माध्यम से निचले स्तर पर घरों पर जाकर संपर्क और संवाद करना है. केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ कैसे पहुंचे. इसकी भी चिंता करनी है.

इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों के बारे में भी जनता को बताना है. चुनाव के दौरान सक्रियता से इन बूथ समितियों के माध्यम से वोटरों को घर से निकाल कर मतदान केंद्र तक पहुंचाने की जिम्मेदारी पार्टी नेतृत्व की तरफ से देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल की मॉनिटरिंग में बूथों को जीतने की योजना बनाई जा रही है. बीजेपी नेतृत्व ने 1 लाख 73 हजार से अधिक बूथों को चिन्हित किया है. इनमें करीब 20,000 से अधिक ऐसे बूथ हैं, जहां 2022 विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रति काफी कमजोर रही है. अब इन बूथों को मजबूत करने के लिए पार्टी नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है. इसके अलावा तमाम तरह के कामकाज इन बूथ समितियों के माध्यम से कराए जाएंगे.

वहीं, इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आलोक वर्मा का कहना है कि आजमगढ़ और रामपुर जैसे गढ़ों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की है. हमने अपने कामकाज के आधार पर इन गढ़ों को ढहाने का काम किया है. आगे भी 2024 लोकसभा चुनाव होना है, उसको लेकर हमारी तैयारियां बूथ स्तर पर मजबूती के साथ आगे बढ़ रही हैं. इसके लिए पार्टी नेताओं पदाधिकारियों सांसद और विधायकों को जिम्मेदारी देते हुए संगठन के कामकाज आगे बढ़ाए जा रहे हैं ताकि 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी शानदार जीत दर्ज कर सके.

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लखनऊ: 2024 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर जीत दर्ज करने को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी तैयारियां तेज कर दी है. संगठन से लेकर सरकार के स्तर पर तमाम तरह के काम करने की रणनीति बनाई गई है, जिससे 2024 का लोकसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी फतह कर सके. इसको लेकर सभी कील कांटे दुरुस्त करने का काम किया जा रहा है. जी हां भारतीय जनता पार्टी ने तय किया है कि अब तक ना जीतने वाली लोकसभा सीटों के साथ-साथ हारे हुए बूथों को जीतने के लिए एक बेहतर रणनीति तैयार करेंगे.

इसको लेकर बूथ समितियों का गठन करते हुए प्रत्येक बूथ में 20-20 कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी देने का काम कराया जाएगा. इन बूथों को पार्टी के सांसद विधायक और सरकार के मंत्रियों को भी जिम्मेदारी दी गई है, जिससे मंत्रियों विधायक सांसदों की मॉनिटरिंग में बूथ निर्माण करने का काम कराया जा सके.

जानकारी देते हुए बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता आलोक वर्मा

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दरअसल, भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व ने उत्तर प्रदेश में 80 में से 75 लोकसभा सीटों को जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसी के अनुरूप पूरी कार्य योजना बनाई जा रही है. साथ ही सांसद विधायक पदाधिकारियों केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रियों को जिम्मेदारी देने का काम किया जा रहा है. पार्टी उन बूथों को पूरी तरह से केंद्र बिंदु में रखकर काम कर रही है, जहां पर भारतीय जनता पार्टी अभी तक चुनाव जीत नहीं पाई है. ऐसे बूथों पर समितियों का गठन करके 20-20 कार्यकर्ताओं को जोड़ना है. उन कार्यकर्ताओं के माध्यम से निचले स्तर पर घरों पर जाकर संपर्क और संवाद करना है. केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ कैसे पहुंचे. इसकी भी चिंता करनी है.

इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों के बारे में भी जनता को बताना है. चुनाव के दौरान सक्रियता से इन बूथ समितियों के माध्यम से वोटरों को घर से निकाल कर मतदान केंद्र तक पहुंचाने की जिम्मेदारी पार्टी नेतृत्व की तरफ से देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल की मॉनिटरिंग में बूथों को जीतने की योजना बनाई जा रही है. बीजेपी नेतृत्व ने 1 लाख 73 हजार से अधिक बूथों को चिन्हित किया है. इनमें करीब 20,000 से अधिक ऐसे बूथ हैं, जहां 2022 विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रति काफी कमजोर रही है. अब इन बूथों को मजबूत करने के लिए पार्टी नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है. इसके अलावा तमाम तरह के कामकाज इन बूथ समितियों के माध्यम से कराए जाएंगे.

वहीं, इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आलोक वर्मा का कहना है कि आजमगढ़ और रामपुर जैसे गढ़ों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की है. हमने अपने कामकाज के आधार पर इन गढ़ों को ढहाने का काम किया है. आगे भी 2024 लोकसभा चुनाव होना है, उसको लेकर हमारी तैयारियां बूथ स्तर पर मजबूती के साथ आगे बढ़ रही हैं. इसके लिए पार्टी नेताओं पदाधिकारियों सांसद और विधायकों को जिम्मेदारी देते हुए संगठन के कामकाज आगे बढ़ाए जा रहे हैं ताकि 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी शानदार जीत दर्ज कर सके.

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