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फ्लोर मैनेजमेंट में फेल BJP, सदन में मैनजमेंट के बजाय तमाशा देखते रहे मंत्री-विधायक

उत्तर प्रदेश विधान भवन के अंदर उस वक्त लोग सकते में आ गए, जब बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर के साथ 170 विधायक अपनी ही पार्टी के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. पार्टी के अंदर और बाहर इस बात को लेकर गहन चर्चा हो रही है.

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BJP के 170 विधायकों ने की नारेबाजी.
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Published : Dec 18, 2019, 2:30 AM IST

लखनऊ: BJP विधायक नंदकिशोर गुर्जर का धरना देना और उनके समर्थन में 170 विधायकों का विधान भवन के अंदर धरना देने की घटना ने बीजेपी में भूचाल ला दिया है. यह बात अब पार्टी के अंदर चिंता का विषय बन गई है. पार्टी आलाकमान इस बात को लेकर बात कर रहा है कि ऐसी स्थिति कैसे उत्पन्न हुई कि इस डैमेज को कंट्रोल नहीं किया जा सका.

BJP के 170 विधायकों ने की नारेबाजी.


विधान भवन के अंदर मौजूद थे बीजेपी मंत्री
बीजेपी फ्लोर मैनेजमेंट में पूरी तरह फेल साबित हुई है. पार्टी के अंदर और बाहर सवाल उठ रहे हैं कि जब सदन के अंदर बीजेपी के कई मंत्री मौजूद थे और विधानसभा अध्यक्ष थे तो इस विषय को बड़ा कैसे बनने दिया गया. वहीं विपक्ष ने इसे आगे बढ़ाने का काम किया, जिसको लेकर अब बीजेपी के रणनीतिकार चिंतित हैं.

BJP के 170 विधायकों ने की नारेबाजी
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बिना नाम लिखे यह बताया कि यह स्थिति पार्टी को चिंतित करके रख दिया है. यह जो कुछ हुआ यह भारतीय जनता पार्टी और विधान सभा के इतिहास में पहली बार हुआ. पार्टी नेतृत्व चिंतित है कि आखिर ऐसी कौन सी टीस रही, जिसने चिंगारी को आग बना दिया. पार्टी के अंदर इतना बड़ा हंगामा कैसे हो गया. आखिर क्यों 170 विधायक सदन के अंदर किसी विषय को लेकर आक्रोशित हो गए और विधायक एकता जिंदाबाद के नारे लगाने लगे.

पार्टी के एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कहते हैं कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि डैमेज कंट्रोल क्यों नहीं किया जा सका. अगर विधायक की तरफ से भ्रष्टाचार की बात कही गई थी तो अधिकारी पर कार्रवाई के बजाय उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया.

सवाल इसलिए भी लोग उठा रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी एक अनुशासित पार्टी मानी जाती है. अब ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के 170 विधायक सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एकजुट हुए और विधायक नंदकिशोर के समर्थन में धरने पर बैठ गए.



लखनऊ: BJP विधायक नंदकिशोर गुर्जर का धरना देना और उनके समर्थन में 170 विधायकों का विधान भवन के अंदर धरना देने की घटना ने बीजेपी में भूचाल ला दिया है. यह बात अब पार्टी के अंदर चिंता का विषय बन गई है. पार्टी आलाकमान इस बात को लेकर बात कर रहा है कि ऐसी स्थिति कैसे उत्पन्न हुई कि इस डैमेज को कंट्रोल नहीं किया जा सका.

BJP के 170 विधायकों ने की नारेबाजी.


विधान भवन के अंदर मौजूद थे बीजेपी मंत्री
बीजेपी फ्लोर मैनेजमेंट में पूरी तरह फेल साबित हुई है. पार्टी के अंदर और बाहर सवाल उठ रहे हैं कि जब सदन के अंदर बीजेपी के कई मंत्री मौजूद थे और विधानसभा अध्यक्ष थे तो इस विषय को बड़ा कैसे बनने दिया गया. वहीं विपक्ष ने इसे आगे बढ़ाने का काम किया, जिसको लेकर अब बीजेपी के रणनीतिकार चिंतित हैं.

BJP के 170 विधायकों ने की नारेबाजी
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बिना नाम लिखे यह बताया कि यह स्थिति पार्टी को चिंतित करके रख दिया है. यह जो कुछ हुआ यह भारतीय जनता पार्टी और विधान सभा के इतिहास में पहली बार हुआ. पार्टी नेतृत्व चिंतित है कि आखिर ऐसी कौन सी टीस रही, जिसने चिंगारी को आग बना दिया. पार्टी के अंदर इतना बड़ा हंगामा कैसे हो गया. आखिर क्यों 170 विधायक सदन के अंदर किसी विषय को लेकर आक्रोशित हो गए और विधायक एकता जिंदाबाद के नारे लगाने लगे.

पार्टी के एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कहते हैं कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि डैमेज कंट्रोल क्यों नहीं किया जा सका. अगर विधायक की तरफ से भ्रष्टाचार की बात कही गई थी तो अधिकारी पर कार्रवाई के बजाय उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया.

सवाल इसलिए भी लोग उठा रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी एक अनुशासित पार्टी मानी जाती है. अब ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के 170 विधायक सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एकजुट हुए और विधायक नंदकिशोर के समर्थन में धरने पर बैठ गए.



Intro:एंकर
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के के विधायक नंदकिशोर गुर्जर का धरना देना और उनके समर्थन में 170 विधायकों का विधान भवन के अंदर सदन में धरना की घटना ने बीजेपी में भूचाल ला दी यह बात अब पार्टी के अंदर चिंता करने वाली बात हो गई कि ऐसी स्थिति कैसे उत्पन्न हुई कि इस डैमेज कंट्रोल नहीं किया जा सका।



Body:वीओ
बीजेपी फ्लोर मैनेजमेंट में एक तरफ से पूरी तरह फेल साबित हुई सवाल उठ रहे हैं कि जब सदन के अंदर बीजेपी के करीब दो दर्जन से अधिक मंत्री मौजूद थे विधानसभा अध्यक्ष थे तमाम वरिष्ठ नेता थे तो इस पूरे घटनाक्रम को अचानक दबाया गया इस विषय को बड़ा कैसे बनने दिया गया और विपक्ष ने इसे आगे बढ़ाने का काम किया जिसको लेकर अब बीजेपी के रणनीतिकार चिंतित है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बिना नाम लिखें यह बताया कि यह स्थिति पार्टी को चिंतित कर के रख दिया है यह जो कुछ हुआ यह भारतीय जनता पार्टी और विधान सभा के इतिहास में पहली बार हुआ पार्टी नेतृत्व चिंतित है कि आखिर ऐसी कौन सी एस टी रही जिसने चिंगारी को आग बना दिया पार्टी के अंदर इतनी स्वाधीनता कैसे हो गई कि 170 विधायक सदन के अंदर किसी विषय को लेकर आक्रोशित हो गए और विधायक एकता जिंदाबाद के नारे लगाने लगे पार्टी के एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कहते हैं कि बहुत ही चिंतनीय है और हम सब लोगों को सोचने पर मजबूर कर रही है कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि इस डैमेज कंट्रोल क्यों नहीं किया जा सका अगर विधायक की तरफ से भ्रष्टाचार की बात कही गई थी अधिकारी पर कार्यवाही के बजाय उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी की गई बात नहीं की गई और इतनी बड़ी संख्या में पार्टी के विधायक सदन में एक साथ धरने पर बैठ गए नारेबाजी की।
सवाल इसलिए भी लोग उठा रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी एक अनुशासित पार्टी मानी जाती है पार्टी विद डिफरेंस एस के दावा भी बीजेपी की तरफ से की जाती है अब ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के 170 विधायक सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एकजुट हुए और विधायक नंदकिशोर के समर्थन में धरने पर बैठ गए नारेबाजी की जिसको लेकर अब बीजेपी के अंदर तमाम तरह की बातें भी हो रही है और सवाल उठ रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक ने नाम न लिखने की शर्त पर कहा कि हम लोगों का सम्मान नहीं है। अधिकारी ठीक से बात नहीं करते सरकार और मुख्यमंत्री के स्तर पर सुनवाई नहीं होती। पार्टी संगठन की तरफ से भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में अब यह स्थिति सामने आई है और अब सबकुछ सामने ला दिया है।
बाईट, अशोक राजपूत, राजनीतिक विश्लेषक
भारतीय जनता पार्टी को इस बारे में गंभीरता से विचार करना होगा कि यह स्थिति उत्पन्न हुई संवादहीनता हुई हुई और इसे डैमेज कंट्रोल नहीं किया गया इसके अलावा बीजेपी फ्लोर मैनेजमेंट में भी फेल साबित हुई अब बीजेपी को तय करना होगा कि वह इन सब चीजों को किस प्रकार से मैनेज करती है।



Conclusion:राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकारों को अब देखना होगा कि यह जो स्थिति उत्पन्न हुई है इसके पीछे के क्या कारण है और आगे इस प्रकार की स्थिति उत्पन्न हो सरकार और संगठन के स्तर पर जो समाज ही नेता है विधायकों ने पार्टी के अन्य नेताओं से बातचीत को लेकर उनकी समस्याओं को लेकर वह कैसे दूर होंगी कि भविष्य में इस प्रकार की घटना है ना हो और सरकार और संगठन को चिंतित ना होना पड़े विधायकों की समस्याएं भी सरकार के स्तर पर भी दूर करने के प्रयास अगर कोई विधायक कुछ कह रहा है उसे किस प्रकार से दूर किया जाना है इसको लेकर भी कोई न कोई तंत्र विकसित करना होगा।
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