लखनऊ: एक ओर देश में 18 दिसंबर को अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाया जा रहा था. इस दिन अल्पसंख्यकों के अधिकार को लेकर सरकारें बड़े-बड़े वादे और दावे करती है. लेकिन यूपी से एक ऐसा मामला सामने आया, जिसमें खुद भाजपा सरकार में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के सदस्य को अपने अधिकार के लिए लड़ाई लड़नी पड़ रही है और हालात ये हैं कि राजधानी लखनऊ में उसे सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. यूपी के गाजीपुर के रहने वाले मोहसिन आब्दी पिछले एक महीने से राजधानी लखनऊ के चक्कर लगा रहे हैं. मोहसिन भाजपा माइनॉरिटी मोर्चा के लंबे समय से सदस्य हैं और राज्य मंत्री से लेकर अल्पसंख्यक वर्ग के भाजपा नेताओं संग मुलाकात कर चुके हैं.
हालांकि, कोई भी मोहसिन को उनका हक नहीं दिला सका है और वे अल्पसंख्यक आयोग से लेकर भाजपा नेताओं के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. मोहसिन का कहना है कि भाजपा सरकार में जब खुद उनके मामले कि सुनवाई नहीं हो पा रही है तो फिर आम जनता अपने अधिकार की क्या उम्मीद करेगी.
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के सदस्य और पीड़ित मोहसिन ने बताया कि गाजीपुर जिले के मल्लापुर गांव में उनकी पुश्तैनी जमीन है. इस जमीन पर कुछ अराजक तत्वों ने कब्जे के कोशिश किए, जिस पर उन्होंने सिविल जज सीनियर डिवीजन गाजीपुर के न्यायालय में मुकदमा दर्ज करवाया.
इस मुकदमे में न्यायालय से स्थगन आदेश पारित हुआ, जिसमें यह आदेश हुआ कि वादी के कब्जा दखल में किसी भी तरह का कोई हस्तक्षेप न करें. मोहसिन ने कहा कि बावजूद इसके भाजपा के ही कुछ कार्यकर्ताओं ने उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया और निर्माण कार्य शुरू कर दिया.
आगे उन्होंने बताया कि वे इस बात की शिकायत जिला प्रशासन से लेकर उच्च अधिकारियों तक से कर चुके हैं. लेकिन कहीं भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराने के साथ हेल्पलाइन नंबर 1076 पर तीन बार मामला रजिस्टर कराया गया, लेकिन अब तक नतीजा सिफर है.
मोहसिन का आरोप है कि अल्पसंख्यक होने के नाते उनके साथ न्याय नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता होने के बावजूद उनकी जमीन पर दूसरों ने कब्जा कर लिया है और उसपर निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है.
खैर, ये गाजीपुर की जनता देख रही है कि जब पार्टी के ही कार्यकर्ता के साथ ऐसा हो रहा है तो आम लोगों के साथ इस सरकार में कैसा व्यवहार होता होगा. वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाते हुए मोहसिन ने कहा कि उनकी जमीन का उन्हें अधिकार वापस दिला दिया जाए.
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