ETV Bharat / state

सुषमा खरकवाल के पास 2 करोड़ 60 लाख से अधिक की चल-अचल संपत्ति, उत्तराखंड में भी जमीन

यूपी निकाय चुनाव में राजधानी लखनऊ के मेयर पद का मुकाबला दिलचस्प होने वाला है. चारों प्रमुख दलों ने सामाजिक और जुझारू उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे हैं. भाजपा ने सुषमा खरकवाल को टिकट देकर चुनावी इतिहास में नया अध्याय जोड़ा है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Apr 17, 2023, 9:52 PM IST

लखनऊ : महापौर पद पर भाजपा की लखनऊ से प्रत्याशी सुषमा खरकवाल 2 करोड़ 60 करोड़ से अधिक की चल-अचल संपत्ति की मालिक हैं. उनके पास उत्तराखंड में भी भूमि है. उनके नाम पर देहरादून में और उनके पति के नाम पौड़ी में जमीन है. लखनऊ में पति के नाम पर फ्लैट है. नगदी के तौर पर सुषमा खरकवाल के नाम पर दो लाख रुपये और उनके पति के नाम 50 हजार रुपये हैं. सुषमा खरकवाल ने अपने नामांकन के दौरान संपत्ति की घोषणा की है. जिसमें नगद के अलावा उनके नाम पर बैंकों में जमा धन 26 लाख 68 हजार 356 रुपये हैं. उनके पति के नाम बैंक में चार लाख 42 हजार 785 रुपये जमा हैं. डाकघर में दोनों के नाम एक लाख रुपये जमा है. 245 ग्राम सोना जिसका मूल्य 12 लाख 74 हजार रुपये और दो किलो चांदी है, जिसकी कीमत एक लाख 30 हजार रुपये है. उनके पति के पास 50 ग्राम सोना है, जिसकी कीमत तीन लाख रुपये है.


सुषमा के लिए भाजपा ने बदला इतिहास


सुषमा खरकवाल को लखनऊ में भाजपा का महापौर पद पर प्रत्याशी घोषित किया गया है. जिसके चलते सालों बाद एक नया रिकार्ड बना है. लखनऊ में 1995 के बाद पहली बार महापौर पद पर भाजपा ने अपना प्रत्याशी को दोहराया नहीं है. पहले डॉ. एससी राय लगातार दो बार मेयर बने और उनके बाद में डॉ. दिनेश शर्मा को लगातार दो बार भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया, लेकिन संयुक्ता भाटिया वर्ष 2017 में उम्मीदवार बनाने के बाद भाजपा ने 2023 में दोबारा अपना प्रत्याशी न बना कर सुषमा खरकवाल को प्रत्याशी बना दिया है. जिससे संयुक्ता भाटिया का सपना बिखर गया. ये बात दीगर है कि न केवल संयुक्ता भाटिया ही नहीं, बल्कि उनकी पुत्रवधु रेशू भाटिया भी टिकट की उम्मीद कर रही थीं. उनके परिवार की आरएसएस में मजबूत पैठ को देखते हुए उम्मीदवारी मजबूत भी मानी जा रही थी, मगर भाजपा संगठन की सोच अलग रही. उन्होंने लंबे समय से पार्टी के लिए संघर्षरत रहने वाली सुषमा खर्कवाल को मौका दिया है।

सुषमा खरकवाल पहाड़ी ब्राह्मण हैं. वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को लखनऊ महानगर में भारी झटके का सामना करना पड़ा था. जिसके पीछे ब्राह्मण उम्मीदवारों की कमी बताई गई थी. पार्टी ने महानगर की पांच सीटों में से केवल एक यानी कैंट पर ब्राह्मण उम्मीदवार लड़ाया था. कैंट को भाजपा की जीती सीट माना जाता रहा है. भाजपा इस बार कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है. यही कारण है कि पार्टी ने सियासी गलियारों में चर्चा से इतर उम्मीदवार उतारे हैं.

यह भी पढ़ें : भाजपा की सुषमा खरकवाल ने किया नामांकन, बोलीं लखनऊ को बनाउंगी सबसे सुंदर शहर

लखनऊ : महापौर पद पर भाजपा की लखनऊ से प्रत्याशी सुषमा खरकवाल 2 करोड़ 60 करोड़ से अधिक की चल-अचल संपत्ति की मालिक हैं. उनके पास उत्तराखंड में भी भूमि है. उनके नाम पर देहरादून में और उनके पति के नाम पौड़ी में जमीन है. लखनऊ में पति के नाम पर फ्लैट है. नगदी के तौर पर सुषमा खरकवाल के नाम पर दो लाख रुपये और उनके पति के नाम 50 हजार रुपये हैं. सुषमा खरकवाल ने अपने नामांकन के दौरान संपत्ति की घोषणा की है. जिसमें नगद के अलावा उनके नाम पर बैंकों में जमा धन 26 लाख 68 हजार 356 रुपये हैं. उनके पति के नाम बैंक में चार लाख 42 हजार 785 रुपये जमा हैं. डाकघर में दोनों के नाम एक लाख रुपये जमा है. 245 ग्राम सोना जिसका मूल्य 12 लाख 74 हजार रुपये और दो किलो चांदी है, जिसकी कीमत एक लाख 30 हजार रुपये है. उनके पति के पास 50 ग्राम सोना है, जिसकी कीमत तीन लाख रुपये है.


सुषमा के लिए भाजपा ने बदला इतिहास


सुषमा खरकवाल को लखनऊ में भाजपा का महापौर पद पर प्रत्याशी घोषित किया गया है. जिसके चलते सालों बाद एक नया रिकार्ड बना है. लखनऊ में 1995 के बाद पहली बार महापौर पद पर भाजपा ने अपना प्रत्याशी को दोहराया नहीं है. पहले डॉ. एससी राय लगातार दो बार मेयर बने और उनके बाद में डॉ. दिनेश शर्मा को लगातार दो बार भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया, लेकिन संयुक्ता भाटिया वर्ष 2017 में उम्मीदवार बनाने के बाद भाजपा ने 2023 में दोबारा अपना प्रत्याशी न बना कर सुषमा खरकवाल को प्रत्याशी बना दिया है. जिससे संयुक्ता भाटिया का सपना बिखर गया. ये बात दीगर है कि न केवल संयुक्ता भाटिया ही नहीं, बल्कि उनकी पुत्रवधु रेशू भाटिया भी टिकट की उम्मीद कर रही थीं. उनके परिवार की आरएसएस में मजबूत पैठ को देखते हुए उम्मीदवारी मजबूत भी मानी जा रही थी, मगर भाजपा संगठन की सोच अलग रही. उन्होंने लंबे समय से पार्टी के लिए संघर्षरत रहने वाली सुषमा खर्कवाल को मौका दिया है।

सुषमा खरकवाल पहाड़ी ब्राह्मण हैं. वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को लखनऊ महानगर में भारी झटके का सामना करना पड़ा था. जिसके पीछे ब्राह्मण उम्मीदवारों की कमी बताई गई थी. पार्टी ने महानगर की पांच सीटों में से केवल एक यानी कैंट पर ब्राह्मण उम्मीदवार लड़ाया था. कैंट को भाजपा की जीती सीट माना जाता रहा है. भाजपा इस बार कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है. यही कारण है कि पार्टी ने सियासी गलियारों में चर्चा से इतर उम्मीदवार उतारे हैं.

यह भी पढ़ें : भाजपा की सुषमा खरकवाल ने किया नामांकन, बोलीं लखनऊ को बनाउंगी सबसे सुंदर शहर

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.