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पूर्व कार्यवाहक मुख्यमंत्री रिजवी का बयान, 'पक्ष में आए फैसला तो भी राम मंदिर निर्माण के लिए दें जमीन' - विवादित जमीन राममंदिर निर्माण के लिए देने की मांग

देश के सबसे चर्चित अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में अंतिम सुनवाई पूरी हो चुकी है. अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने की जल्द उम्मीद जताई जा रही है. जिस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं. इसी बीच बीजेपी नेता अम्मार रिजवी ने बड़ा बयान दिया है.

विवादित जमीन राममंदिर निर्माण के लिए दें मुस्लिम-अम्मार रिजवी.
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Published : Nov 2, 2019, 7:27 PM IST

लखनऊ: अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. इसी माह की 17 तारीख को कोर्ट अपना अंतिम फैसला सुना देगा. अंतिम फैसला आने से पहले अयोध्या सहित प्रदेश के कई जिलों में पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है. फैसला किस पक्ष में आएगा, इसका सभी को इंतजार है. इसी बीच बीजेपी नेता अम्मार रिजवी का एक बड़ा बयान सामने आया है.

विवादित जमीन राममंदिर निर्माण के लिए दें मुस्लिम-अम्मार रिजवी.

'पक्ष में आए फैसला तो भी दे दें जमीन'
अम्मार रिजवी ने कहा है कि अयोध्या विवाद पर फैसला आने से पहले मुस्लिमों को वह जमीन हिंदू भाइयों को दे देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर यह फैसला मुस्लिम पक्ष में आता है तो भी मुस्लिम भाइयों को अयोध्या की विवादित जमीन मंदिर निर्माण के लिये हिंदू भाइयों को दे दी जाए.

'सुप्रीम कोर्ट के फैसले का करें सम्मान'
उत्तर प्रदेश के पूर्व कार्यवाहक मुख्यमंत्री भी रहे हैं अम्मार रिजवी. हाल ही में वो कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल हुए हैं. उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आए, सभी को उसका सम्मान करना चाहिए. ऐसा कर पूरे देश में अमन और चैन का संदेश दें.

'मुल्क में जाएगा एक पैगाम'
अम्मार रिजवी ने इसको अपनी निजी राय बताया है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो मुल्क में एक नया पैगाम भेजने का काम होगा. उनका कहना है कि फैसला आने से पहले ही मुस्लिम भाइयों को वह जमीन मंदिर बनाने के लिए दे देनी चाहिए.

पहले भी हो चुकी है मंदिर निर्माण के जमीन देने की मांग
इससे पहले भी कुछ मुस्लिम संस्थाएं अयोध्या की विवादित जमीन को हिंदू भाइयों को सौंपने की बात कह चुकी हैं. जिसमें शिया वक्फ बोर्ड के साथ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष और शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक भी शामिल हैं, लेकिन अब अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने की जल्द उम्मीद जताई जा रही है. जिस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं.

लखनऊ: अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. इसी माह की 17 तारीख को कोर्ट अपना अंतिम फैसला सुना देगा. अंतिम फैसला आने से पहले अयोध्या सहित प्रदेश के कई जिलों में पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है. फैसला किस पक्ष में आएगा, इसका सभी को इंतजार है. इसी बीच बीजेपी नेता अम्मार रिजवी का एक बड़ा बयान सामने आया है.

विवादित जमीन राममंदिर निर्माण के लिए दें मुस्लिम-अम्मार रिजवी.

'पक्ष में आए फैसला तो भी दे दें जमीन'
अम्मार रिजवी ने कहा है कि अयोध्या विवाद पर फैसला आने से पहले मुस्लिमों को वह जमीन हिंदू भाइयों को दे देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर यह फैसला मुस्लिम पक्ष में आता है तो भी मुस्लिम भाइयों को अयोध्या की विवादित जमीन मंदिर निर्माण के लिये हिंदू भाइयों को दे दी जाए.

'सुप्रीम कोर्ट के फैसले का करें सम्मान'
उत्तर प्रदेश के पूर्व कार्यवाहक मुख्यमंत्री भी रहे हैं अम्मार रिजवी. हाल ही में वो कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल हुए हैं. उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आए, सभी को उसका सम्मान करना चाहिए. ऐसा कर पूरे देश में अमन और चैन का संदेश दें.

'मुल्क में जाएगा एक पैगाम'
अम्मार रिजवी ने इसको अपनी निजी राय बताया है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो मुल्क में एक नया पैगाम भेजने का काम होगा. उनका कहना है कि फैसला आने से पहले ही मुस्लिम भाइयों को वह जमीन मंदिर बनाने के लिए दे देनी चाहिए.

पहले भी हो चुकी है मंदिर निर्माण के जमीन देने की मांग
इससे पहले भी कुछ मुस्लिम संस्थाएं अयोध्या की विवादित जमीन को हिंदू भाइयों को सौंपने की बात कह चुकी हैं. जिसमें शिया वक्फ बोर्ड के साथ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष और शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक भी शामिल हैं, लेकिन अब अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने की जल्द उम्मीद जताई जा रही है. जिस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं.

Intro:अयोध्या मामले में जहां एक तरफ बड़ा मुस्लिम वर्ग कोर्ट के आने वाले फैसले पर अपना एतबार जता रहा है तो दूसरी तरफ एक वर्ग ऐसा भी है जो बराबर यह मांग करता आया है के मस्जिद की जमीन को मंदिर निर्माण के लिए दे दी जाये जिससे देश में आपसी भाईचारा कायम रहे। वहीं इस लिस्ट में अब एक और नाम अम्मार रिजवी का भी जुड़ गया है। हाल ही के दिनों में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने वाले अम्मार रिजवी ने मांग करी है कि अगर यह फैसला मुस्लिम पक्ष में आता है तो भी मुस्लिम भाइयों को चाहिए कि अयोध्या की विवादित ज़मीन मंदिर निर्माण के लिये हिन्दू भाइयो को दे दी जाये।


Body:अयोध्या मसले को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व कार्यवाहक मुख्यमंत्री और कांग्रेस का दामन छोड़ कुछ दिनों पहले ही बीजेपी में शामिल होने वाले नेता अम्मार रिजवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आये सभी को उसका सम्मान करना चाहिए साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर यह फैसला मुस्लिम पक्ष में आता है तो भी मुस्लिम भाइयों को चाहिए कि जमीन मंदिर बनाने के लिए हिंदू भाइयों को दे दे और पूरे देश में अमन और चैन का संदेश दे हालांकि अम्मार रिजवी इसको अपनी निजी राय बताते हुए कहते हैं कि अयोध्या की विवादित जमीन राम मंदिर निर्माण के लिए ही होनी चाहिए और मुल्क में एक नया पैगाम भेजने का काम हो उनका कहना है के फैसला आने से पहले ही मुस्लिम भाइयों को वह जमीन मंदिर बनाने के लिए दे देनी चाहिए और सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला करें हिंदू और मुस्लिम दोनों को खुशी से उसका स्वागत करना चाहिए।


बाईट:--अम्मार रिज़वी, पूर्व कार्यवाहक मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता।

Conclusion: गौरतलब है कि इससे पहले भी कुछ मुस्लिम संस्थाएं अयोध्या की विवादित जमीन को हिंदू भाइयों को सौंपने की बात कह चुकी है जिसमें शिया वक्फ बोर्ड के साथ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष और शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक भी शामिल है लेकिन अब अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने की जल्द उम्मीद जताई जा रही है जिस पर सभी की निगाहें टिकी हुई है।

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