लखनऊ : उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय की 36 विधान परिषद की सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया 15 मार्च से शुरू हो जाएगी. विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा के लिए एमएलसी की ये सीटें अगला इम्तिहान होंगी. इन सीटों पर पार्टी मुख्य रूप से उन नेताओं को टिकट देगी, जो या तो दूसरे दलों से आए हैं या फिर वर्तमान टिकट वितरण से नाराज थे.
ऐसे नेताओं पर दांव आजमाकर बीजेपी एक और नाराजगी को कम करेगी. वहीं बीजेपी दूसरी ओर अन्य दलों से बीजेपी में शामिल हुए मजबूत लोगों को मौका देगी. बीजेपी की यह नीति रूठे हुए नेताओं को मनाने व अन्य दलों के आए लोगों के लिए गिफ्ट की तरह होगी. फिलहाल भाजपा के अनेक नेताओं की नजर टिकट वितरण पर है और एक-एक सीट पर कम से कम 5 नेता MLC के टिकट पर दावेदार हैं.
गौरतलब है कि MLC की 3 सीटों के लिए निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव के दौरान ही मतदान कराने का फैसला किया था. लेकिन प्रमुख विपक्षी दलों के विरोध की वजह से चुनाव को टाल दिया गया. अब MLC चुनाव के लिए 15 मार्च से नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी और अप्रैल में मतदान होगा. इस चुनाव में मुख्य रूप से निकाय के जनप्रतिनिधि ही वोट डालते हैं. जिसमें में ब्लॉक प्रमुख, बीडीसी, ग्राम प्रधान और पार्षद होते हैं. MLC की प्रत्येक सीट पर करीब 3,800 वोट हैं.
इस आंकडे़ के अनुसार, लगभग सवा लाख वोट उत्तर प्रदेश की 36 सीटों पर हैं. MLC के चुनाव में 2 जिलों की 1 सीट होती है. जैसे लखनऊ और उन्नाव की सीट एक साथ है. बीजेपी इन चुनावों की तैयारी में तेजी से जुटी है. बीजेपी जल्द ही इसके लिए टिकटों की घोषणा कर सकती है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी का कहना है कि निश्चित तौर पर MLC चुनाव में भी बीजेपी की बड़ी जीत होगी. उन्होंने कहा कि बीेजपी सभी सीटें जीत रही है और उपयुक्त उम्मीदवारों का चयन समय आने पर कर दिया जाएगा.
भाजपा विधानसभा चुनाव 2022 में हारे हुए विधायकों को एमएलसी चुनाव का टिकट नहीं देगी. इस बार भाजपा कार्यकर्ताओं को अवसर देगी बीजेपी. चुनाव में सरकार के 11 मंत्रियों की हार हुई है. हारे नेताओं को MLC उम्मीदवार नहीं बनाया जाएगा.