लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों पर हो रहे चुनाव के लिए आठ प्रत्याशियों का नाम घोषित कर दिया है. बीजेपी की सूची में सामाजिक संतुलन दिखाई दे रहा है. आठ में से दो टिकट पिछड़े समाज, दो क्षत्रिय, दो ब्राह्मण और एक दलित चेहरे को दिया गया है. वहीं केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी को टिकट देकर भाजपा ने सिंधी पंजाबी समाज को साधने की कोशिश की है.
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने सोमवार की रात राज्यसभा के घोषित प्रत्याशियों के नामों की सूची जारी कर दी है. भाजपा नेतृत्व ने सामाजिक संतुलन को साधने की पूरी कोशिश की है. पार्टी ने ब्राह्मण चेहरे के रूप में पूर्व मंत्री हरिद्वार दुबे पर भरोसा जताया है. दुबे कई बार पार्टी केप्रदेश पदाधिकारी का दायित्व सम्भाल चुके हैं. लक्ष्मीकांत बाजपेयी टीम में वह उपाध्यक्ष रहे हैं.
नाराज ब्राह्मणों को खुश करने की दिखी कवायद
सीमा द्विवेदी का ब्राह्मण चेहरे के रूप में दूसरा नाम है. सीमा द्विवेदी कई बार विधायक रह चुकी हैं. 2017 के चुनाव में हार गईं थीं. मौजूदा समय में हो रहे उपचुनाव में वह जौनपुर की मल्हनी विधानसभा सीट से टिकट मांग रहीं थीं. पार्टी ने टिकट नहीं दिया. अब राज्यसभा के लिए इनके नाम की घोषणा के बाद मल्हनी सीट पर भाजपा प्रत्याशी की स्थिति मजबूत होगी. मनोज सिंह को मल्हनी से टिकट मिलने से वहां के ब्राह्मणों में नाराजगी थी. दूसरी तरफ भाजपा सरकार से नाराज चल रहे ब्राह्मणों को रिझाने के रूप में भी इसे देखा जा रहा है. इस तरह भाजपा ने एक तीर से दो निशाने साधने का प्रयास किया है.
केंद्र के दो चेहरों के साथ क्षत्रिय संतुलन
पार्टी ने केंद्र के दो नेताओं को फिर से राज्यसभा भेजने का निर्णय लिया है जिसमें राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह और हरदीप सिंह पुरी का नाम है. बताया जा रहा है कि इन दोनों नेताओं का नाम पहले से तय माना जा रहा था. क्षत्रिय चेहरे के रूप में अरुण सिंह के अलावा दूसरा नाम पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर का है. नीरज शेखर ने सपा से नाता तोड़ भाजपा का दामन थामा था. सपा छोड़ने के बाद भाजपा ने उन्हें राज्यसभा भेजकर उच्च सदन में अपनी संख्याबल में इजाफा किया था. एक बार फिर पार्टी ने उनपर भरोसा जताया है.
पिछड़े और दलित समाज के चेहरे भी शामिल
भारतीय जनता पार्टी ने पिछड़े वर्ग से भी दो चेहरों को राज्यसभा भेजने का निर्णय लिया है. पार्टी ने गीता शाक्य और बीएल वर्मा को राज्यसभा का टिकट देकर एक बड़े वर्ग साधने की कोशिश की है. भाजपा ने दलित चेहरे के रूप में यूपी के पूर्व डीजीपी बृजलाल पर भरोसा जताया है. भाजपा के साथ जुड़ने के बाद पार्टी ने बृजलाल को पहले प्रवक्ता बनाया. उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर अनुसूचित जाति मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया. अब उन्हें पार्टी ने राज्यसभा भेजकर दलितों के बीच भी संदेश दिया है.
दिलचस्प होगा चुनाव
उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों के लिए हो रहे चुनाव के लिए 27 अक्टूबर नामांकन की अंतिम तिथि है. मंगलवार को भाजपा के सभी प्रत्याशी नामांकन करेंगे. भाजपा ने यदि कल तक एक और उम्मीदवार की घोषणा नहीं की तो बसपा भी अपना एक चेहरा राज्यसभा भेजने में सफल हो जाएगी. बसपा प्रत्याशी ने सोमवार की सुबह ही नामांकन पत्र दाखिल किया है. भाजपा के केवल आठ प्रत्याशी होने से बसपा प्रत्याशी के निर्विरोध चुने जाने की प्रबल संभावना बनती दिख रही है. हालांकि भाजपा सूत्रों ने बताया कि मंगलवार की सुबह एक निर्दल प्रत्याशी भी नामांकन करेगा जिसे भाजपा का समर्थन होगा. पार्टी अपना प्रत्यशी भी घोषित कर सकती है. कुल मिलाकर राज्यसभा का चुनाव अभी भी दिलचस्प बना हुआ है.
UP राज्यसभा चुनाव 2020: भाजपा के राज्यसभा प्रत्याशियों में दिखा सामाजिक संतुलन
भाजपा ने उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों पर हो रहे चुनाव के लिए आठ प्रत्याशियों का नाम घोषित कर दिया है. बीजेपी की सूची में सामाजिक संतुलन दिखाई दे रहा है. आठ में से दो टिकट पिछड़े समाज, दो क्षत्रिय, दो ब्राह्मण और एक दलित चेहरे को दिया गया है.
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों पर हो रहे चुनाव के लिए आठ प्रत्याशियों का नाम घोषित कर दिया है. बीजेपी की सूची में सामाजिक संतुलन दिखाई दे रहा है. आठ में से दो टिकट पिछड़े समाज, दो क्षत्रिय, दो ब्राह्मण और एक दलित चेहरे को दिया गया है. वहीं केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी को टिकट देकर भाजपा ने सिंधी पंजाबी समाज को साधने की कोशिश की है.
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने सोमवार की रात राज्यसभा के घोषित प्रत्याशियों के नामों की सूची जारी कर दी है. भाजपा नेतृत्व ने सामाजिक संतुलन को साधने की पूरी कोशिश की है. पार्टी ने ब्राह्मण चेहरे के रूप में पूर्व मंत्री हरिद्वार दुबे पर भरोसा जताया है. दुबे कई बार पार्टी केप्रदेश पदाधिकारी का दायित्व सम्भाल चुके हैं. लक्ष्मीकांत बाजपेयी टीम में वह उपाध्यक्ष रहे हैं.
नाराज ब्राह्मणों को खुश करने की दिखी कवायद
सीमा द्विवेदी का ब्राह्मण चेहरे के रूप में दूसरा नाम है. सीमा द्विवेदी कई बार विधायक रह चुकी हैं. 2017 के चुनाव में हार गईं थीं. मौजूदा समय में हो रहे उपचुनाव में वह जौनपुर की मल्हनी विधानसभा सीट से टिकट मांग रहीं थीं. पार्टी ने टिकट नहीं दिया. अब राज्यसभा के लिए इनके नाम की घोषणा के बाद मल्हनी सीट पर भाजपा प्रत्याशी की स्थिति मजबूत होगी. मनोज सिंह को मल्हनी से टिकट मिलने से वहां के ब्राह्मणों में नाराजगी थी. दूसरी तरफ भाजपा सरकार से नाराज चल रहे ब्राह्मणों को रिझाने के रूप में भी इसे देखा जा रहा है. इस तरह भाजपा ने एक तीर से दो निशाने साधने का प्रयास किया है.
केंद्र के दो चेहरों के साथ क्षत्रिय संतुलन
पार्टी ने केंद्र के दो नेताओं को फिर से राज्यसभा भेजने का निर्णय लिया है जिसमें राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह और हरदीप सिंह पुरी का नाम है. बताया जा रहा है कि इन दोनों नेताओं का नाम पहले से तय माना जा रहा था. क्षत्रिय चेहरे के रूप में अरुण सिंह के अलावा दूसरा नाम पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर का है. नीरज शेखर ने सपा से नाता तोड़ भाजपा का दामन थामा था. सपा छोड़ने के बाद भाजपा ने उन्हें राज्यसभा भेजकर उच्च सदन में अपनी संख्याबल में इजाफा किया था. एक बार फिर पार्टी ने उनपर भरोसा जताया है.
पिछड़े और दलित समाज के चेहरे भी शामिल
भारतीय जनता पार्टी ने पिछड़े वर्ग से भी दो चेहरों को राज्यसभा भेजने का निर्णय लिया है. पार्टी ने गीता शाक्य और बीएल वर्मा को राज्यसभा का टिकट देकर एक बड़े वर्ग साधने की कोशिश की है. भाजपा ने दलित चेहरे के रूप में यूपी के पूर्व डीजीपी बृजलाल पर भरोसा जताया है. भाजपा के साथ जुड़ने के बाद पार्टी ने बृजलाल को पहले प्रवक्ता बनाया. उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर अनुसूचित जाति मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया. अब उन्हें पार्टी ने राज्यसभा भेजकर दलितों के बीच भी संदेश दिया है.
दिलचस्प होगा चुनाव
उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों के लिए हो रहे चुनाव के लिए 27 अक्टूबर नामांकन की अंतिम तिथि है. मंगलवार को भाजपा के सभी प्रत्याशी नामांकन करेंगे. भाजपा ने यदि कल तक एक और उम्मीदवार की घोषणा नहीं की तो बसपा भी अपना एक चेहरा राज्यसभा भेजने में सफल हो जाएगी. बसपा प्रत्याशी ने सोमवार की सुबह ही नामांकन पत्र दाखिल किया है. भाजपा के केवल आठ प्रत्याशी होने से बसपा प्रत्याशी के निर्विरोध चुने जाने की प्रबल संभावना बनती दिख रही है. हालांकि भाजपा सूत्रों ने बताया कि मंगलवार की सुबह एक निर्दल प्रत्याशी भी नामांकन करेगा जिसे भाजपा का समर्थन होगा. पार्टी अपना प्रत्यशी भी घोषित कर सकती है. कुल मिलाकर राज्यसभा का चुनाव अभी भी दिलचस्प बना हुआ है.