लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी छोड़कर कुछ साल पहले भाजपा का दामन थामने वाले जयप्रकाश निषाद को बीजेपी ने उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है. सपा सांसद बेनी प्रसाद वर्मा के निधन से खाली हुई राज्यसभा सीट पर 24 अगस्त को चुनाव होना है.
बीजेपी के निषाद को राज्यसभा भेजने को जातीय समीकरण साधने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. बीजेपी नहीं चाहती कि गोरखपुर संसदीय सीट पर भाजपा को दोबारा हार का सामना करना पड़े. नामांकन पत्र दाखिल करने के वक्त विधानसभा में बीजेपी प्रत्याशी के साथ मुख्यमंत्री के अलावा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, यूपी बीजेपी महासचिव विजय बहादुर पाठक, विद्यासागर सोनकर, जेपीएस राठौर समेत अन्य महत्वपूर्ण नेता मौजूद रहे.
भाजपा को मिली थी करारी हार
निषाद बिरादरी की पूर्वांचल में अच्छी खासी संख्या है. गोरखपुर सीट पर इस बिरादरी का खासा प्रभाव है. यह प्रभाव गोरखपुर संसदीय सीट पर उपचुनाव के दौरान भी देखने को मिला था. 2017 में सांसद योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री होने के बाद रिक्त हुई गोरखपुर की संसदीय सीट पर भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा था. भाजपा ने इस सीट पर उपेंद्र शुक्ला को प्रत्याशी बनाया था. सपा ने गोरखपुर के उपचुनाव में संजय निषाद को उतारा था तब भाजपा की करारी हार हुई थी.
जयप्रकाश निषाद का राजनैतिक सफर
उपचुनाव में हार के बाद मुख्यमंत्री ने गोरखपुर की सियासत की बागडोर खुद संभाल ली. 2019 के आम चुनाव में भाजपा को फिर से जीत मिली. बीजेपी जयप्रकाश निषाद को राज्यसभा भेजकर सियासी बिसात बिछा रही है. जयप्रकाश निषाद यूपी की सोलहवीं विधानसभा में विधायक रहे हैं. 2012 के विधानसभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश की चौरी-चौरा विधान सभा सीट से चुनाव जीता था.
जयप्रकाश निषाद ने 2007 का चुनाव मनीराम विधानसभा से लड़ा था. इस चुनाव में वह तीसरे स्थान पर रहे थे. 2017 में भी उन्होंने चौरी-चौरा सीट से विधानसभा से चुनाव लड़ा, लेकिन भाजपा के प्रत्याशी से हार गए. वह 2008 से 2009 तक बहुजन समाज पार्टी की सरकार में राज्य मंत्री रह चुके हैं. उन्होंने फरवरी 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एक सभा में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की. इस समय वह बीजेपी के गोरखपुर क्षेत्र के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष भी हैं. उन्हें हाल ही में पूर्वांचल विकास बोर्ड का सदस्य नियुक्त किया गया है.