लखनऊ : यात्रियों की सुविधाओं के लिए पूर्वोत्तर रेलवे ने स्वच्छता के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं. मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि पूर्वोत्तर रेलवे की सभी गाड़ियों के कोचों में बायो-टॉयलेट लगाए जा चुके हैं. डबल डेकर एल.एच.बी. रेक के कुल 14 कोचों में बायो-टॉयलेट की फिटिंग के लिए संशोधन किए गए हैं. उन्होंने बताया कि अभी तक 05 बायो-टॉयलेट इस डबल-डेकर कोच में लगाए जा चुके हैं. शेष 09 डबल डेकर कोचों में बायो-टॉयलेट शीघ्र ही लगा दिए जाएंगे.
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160 केएन क्षमता के लगाये गए एयर स्प्रिंग
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि डबल डेकर कोचों में बायो-टॉयलेट लगाने का कार्य चुनौतीपूर्ण था. इसके लिए जरूरी तकनीकी परिवर्तन भी किए गए हैं. जैसे कि डबल डेकर कोचों में बायो-टॉयलेट का भार वहन करने के लिए सेकेंड्री सस्पेंशन में लगे 120 के.एन. क्षमता के एयर स्प्रिंग के स्थान पर 160 केएन क्षमता के एयर स्प्रिंग लगा गए हैं. उन्होंने बताया कि बायो-टॉयलेट टैंक के लिए स्थान की उपलब्धता के लिए अन्य उपकरणों को अन्यत्र उचित स्थान पर लगाया गया है.
23 हाईब्रिड कोचों में लगने हैं बायो-टॉयलेट
उन्होंने बताया कि डबल डकर कोचों में बायो-टॉयलेट की स्थापना के लिए यह बदलाव यांत्रिक कारखाना, गोरखपुर में सफलतापूर्वक किया गया है. डबल डेकर कोचों में बायो-टॉयलेट लगाने का कार्य यांत्रिक कारखाना, गोरखपुर में पहली बार किया जा रहा है. पूर्वोत्तर रेलवे पर उपलब्ध 23 हाईब्रिड कोचों में बायो-टॉयलेट लगाए जाने का कार्य चल रहा है. इसके उपरांत पूर्वोत्तर रेलवे पर शत-प्रतिशत कोच बायो-टॉयलेट युक्त हो जाएंगे. विदित हो कि प्रायोगिक तौर पर हमसफर रेक में आधुनिक बायो वैक्यूम टॉयलेट लगाया गया है.