हैदराबाद. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर अभी से ही सियासत गरमाने लगी है. सभी छोटी-बड़ी पार्टियां इस चुनावी समर में सफल होने के लिए अपने-अपने हथकंडे अपनाना शुरू कर दी हैं. इसी कड़ी में बिहार सरकार के मंत्री और वीआईपी (Vikassheel Insaan Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) भी अभी से ही तैयारी में जुट गए हैं. दस्यु सुंदरी और पूर्व सांसद स्व. फूलन देवी (Phoolan Devi) के सहारे वे यूपी में अपनी जड़ जमाना चाहते हैं. यही वजह है कि फूलन देवी की शहादत दिवस पर 25 जुलाई को उत्तर प्रदेश के करीब 18 जिलों में प्रतिमा लगाने की तैयारी शुरू कर दिए हैं. मुकेश सहनी 25 जुलाई को बनारस के सुजाबाद पड़ाव में आयोजित फूलन देवी की शहादत समारोह में शामिल होंगे और माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे.
यूपी में 165 सीटों पर लड़ेंगे चुनाव
मुकेश सहनी ने बातचीत में बताया कि यूपी विधानसभा चुनाव में उन्होंने 165 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की घोषणा की है. हालांकि, चुनाव के समय सीटों की संख्या में कुछ बदलाव किया जा सकता है. बातचीत के दौरान मुकेश सहनी ने 25 से 50 सीटें जीतने का भी दावा किया. मुकेश सहनी निषाद की उपजातियों को मिलाकर यूपी में कुल आबादी 14 फीसदी बताते हैं. ऐसे में जहां-जहां निषादों की अधिक है, वहां कैंडिडेट्स उतारने की तैयारी में हैं.
निषाद देंगे वीआईपी को ही वोट
जब मुकेश साहनी से सवाल पूछा गया कि यूपी में निषाद पार्टी भी निषादों को लुभाने में लगी है, ऐसे में आप कितना सफल हो पाएंगे, निषाद तो कंफ्यूज हो जाएंगे कि वीआईपी को वोट दें या निषाद पार्टी को? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि समय आने पर निषाद तय कर लेंगे कि किसके साथ रहना है. हमारे तरफ से कभी ऐसा नहीं होगा कि निषाद कंफ्यूज हों और वोट बंटे.
निषादों को एक प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए हो रहा कार्यक्रम
फूलन देवी की प्रतिमा लगाने से वीआईपी को कितना फायदा होगा? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रतिमा वोट के लिए नहीं लगाया जा रहा है. यह कार्यक्रम निषादों को एक प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए किया जा रहा है. जो फूलन देवी को मानते हैं वे सब एकजुट होंगे. समय आने पर निषाद खुद सोंचेंगे कि उन्हें क्या करना है.
निषाद समाज को एकजुट कर उनका हक दिलाएंगे
वीआईपी सुप्रीमो ने कहा कि उनकी कोशिश है कि निषाद समाज को आरक्षण मिले और उनका जो हक है वो मिले. फूलन देवी भी यही चाहती थीं निषाद समाज एकजुट हो. हमारी पूरी कोशिश है कि यूपी विधानसभा में सीटें जीतने के बाद 2024 लोकसभा चुनाव में भी अधिक से अधिक सांसद जीतकर दिल्ली भेजें, ताकि निषाद समाज के लिए आरक्षण को लागू करा सकें, क्योंकि दिल्ली पहुंचने का रास्ता उत्तर प्रदेश ही है.
बनारस में प्रतिमा लगाने के विरोध पर संजय निषाद पर साधा निशाना
जब ईटीवी भारत ने सवाल पूछा कि जिस तरह से वाराणसी में फूलन देवी की प्रतिमा लगाने को लेकर कुछ लोगों ने विरोध किया और पुलिस प्रशासन ने भी प्रतिमा नहीं लगने दी, इसे आप किस रूप में देखते हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि प्रशासन से बातचीत चल रही है. सरकार से भी परमिशन लेकर बातचीत की जाएगी. वहां धारा 144 लगा है, इसलिए कानून को मानते हुए सारी प्रक्रिया करेंगे. निषाद पार्टी के अध्यक्ष जो संजय निषाद कर रहे हैं वो गलत है. हमसे उन्हें आपत्ति हो सकती है, लेकिन स्व. फूलन देवी से आपत्ति नहीं होनी चाहिए. वह जो विरोध करवा रहे हैं ठीक बात नहीं है.
फाइबर से बनी हैं फूलन देवी की मूर्तियां
उन्होंने बताया कि फूलन देवी की प्रतिमा 18 फीट की है. फाइबर से बना है. यह काफी लंबे समय तक चलेगा. सहनी ने कहा कि फूलन देवी ने जीवन भर संघर्ष किया है और पूरी दुनिया उनकी लोहा मानती है. हम सबसे बात कर रहे हैं. सबको साथ लेकर चलने की कोशिश है. फूलन देवी अभी जिंदा रहती तो भारत की राजनीति की दिशा आज दूसरी होती. हम फूलन देवी को मानने वाले लोग हैं. फूलन देवी महिलाओं के लिए रोल मॉडल हैं. आने वाले दिनों में सभी जिलों में फूलन देवी की प्रतिमा लगाएंगे. बता दें, मुकेश सहनी अपने सरकारी आवास पर फूलन देवी की प्रतिमा बनवाए हैं.
इन जिलों में लगनी है प्रतिमा
1.बनारस
2.लखनऊ
3.बलिया
4.संत कबीर नगर
5.बांदा
6.अयोध्या
7.सुल्तानपुर
8.गोरखपुर
9.महराजगंज
10.औरैया
11.प्रयागराज
12.उन्नाव
13.मेरठ
14.मिर्जापुर
15.संत रविदास नगर
16.मुजफ्फरनगर
17.फिरोजाबाद
18.जौनपुर
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गौरतलब है कि फूलन देवी को निषाद समुदाय के लोग अपना नेता मानते हैं. यही वजह है कि फूलन देवी के नाम पर मुकेश सहनी उत्तर प्रदेश में निषाद वोट बैंक को अपने पक्ष में एकजुट करने की कोशिश में हैं. इसके लिए उन्होंने 25 जुलाई को फूलन देवी की याद में समारोह आयोजित करने की घोषणा की है. 25 जुलाई 2001 को दिल्ली में फूलन देवी की हत्या हुई थी.