लखनऊ : यूपी के 20 से अधिक ठिकानों में गुरुवार को हुई ईडी की छापेमारी में बड़ा खुलासा हुआ है. जांच में सामने आया है कि कॉलेज प्रबंधकों ने दिव्यांगों और एससी एसटी की स्कॉलरशिप डकारने के लिए 3 हजार से अधिक फर्जी बैंक खाते खोले थे, जो बुजुर्गों, अधेड़ और बच्चों के नाम थे. ईडी को छापेमारी के दौरान 37 लाख रुपये, 956 अमेरिकी डॉलर व कई संपत्तियों के कागजात बरामद हुए हैं.
ईडी सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार को छह शहरों में 20 ठिकानों पर हुई छापेमारी के दौरान एजेंसी को नगद पैसों और जमीन के कागजात के अलावा, सिम कार्ड्स, सैकड़ों मुहरें और सील बरामद हुई है. दरअसल, केंद्र और राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली स्कॉलरशिप को कई सालों से डकारा जा रहा था. अब तक शुरुवाती जांच में यह घोटाला 80 करोड़ से अधिक का बताया जा रहा है. ईडी के सूत्रों ने बताया कि 'गुरुवार को छापेमारी के दौरान कई बैंक एजेंट जिनमें अमित मौर्य, तनवीर अहमद, रवि प्रकाश गुप्ता, जितेंद्र व मोहम्मद साहिल अजीज की भूमिका संदिग्ध है. एजेंसी के मुताबिक, स्कॉलरशिप को डकारने के लिए बैंक खाते फिनो पेमेंट बैंक की लखनऊ और मुंबई की ब्रांच में खोले गए थे. जांच में बैंक खातों मेंं आई रकम को दूसरे खातों में ट्रांसफर करने के प्रमाण भी मिले हैं.
कहां कहां हुई थी छापेमारी : गुरुवार को ईडी ने लखनऊ के हाइजिया कॉलेज ऑफ फॉर्मेसी, हाइजिया इंस्टीट्यूट ऑफ फॉर्मेसी, एसएस इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, फर्रुखाबाद का डॉ. ओमप्रकाश गुप्ता इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, हरदोई का जीविका कॉलेज ऑफ फॉर्मेसी, जगदीश प्रसाद वर्मा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, आरपी इंटर कॉलेज और ज्ञानवती इंटर कॉलेज, डॉ. भीमराव अंबेडकर फाउंडेशन में छापेमारी की थी. दरअसल, साल 2017 में अल्पसंख्यक, गरीब, दिव्यांग व एसटी एससी छात्रवृति स्कैम का खुलासा हुआ था. पहले विजिलेंस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच की थी. इसी बीच इस मामले में ईडी ने एंट्री करते हुए संस्थानों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मुकदमा दर्ज कर इन शिक्षण संस्थानों को नोटिस जारी किए थे. जानकारी के मुताबिक, इन संस्थानों से 2013 से 2017 तक के सभी छात्रों के दस्तावेज और अन्य स्रोत से अर्जित धन के दस्तावेज मांगे गए थे. सभी को 10 दिनों के भीतर ईडी जोनल कार्यालय में मौजूद रहने के लिए कहा गया है.
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