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Ghosi Bypoll : शिवपाल की आक्रामक रणनीति और अखिलेश के चुनाव प्रचार से घोसी में दौड़ी साइकिल

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मऊ जिले की घोसी सीट पर हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की करारी हार हुई है. समाजवादी पार्टी से त्यागपत्र देकर भारतीय जनता पार्टी में आने वाले दारा सिंह चौहान जैसे दल बदलू नेताओं को जनता ने पूरी तरह से नकार दिया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 9, 2023, 8:34 AM IST

Updated : Sep 9, 2023, 1:57 PM IST

लखनऊ : घोसी उपचुनाव में जाति समीकरण हावी होता दिखा. सियासी जानकारी घोसी में जीत का श्रेय समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव की आक्रामक जमीनी रणनीति और उपचुनाव के प्रचार में पहली बार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के चुनाव मैदान में उतरने को दे रहे हैं. इससे 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन को भी बड़ी संजीवनी मिलेगी. माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज कर नए सियासी समीकरण के संदेश दिए हैं. इसे अखिलेश यादव के पिछड़े दलित अल्पसंख्यक (पीडीए) के फार्मूला को सफल होने से जोड़ा जा रहा है.

घोसी उपचुनाव में जीत.
घोसी उपचुनाव में जीत.
मोहनलालगंज जिला पंचायत सदस्य पद पर विजयी सपा उम्मीदवार रेशमा रावत.
लखनऊ मोहनलालगंज जिला पंचायत सदस्य पद पर विजयी सपा उम्मीदवार रेशमा रावत.



बता दें, शिवपाल सिंह यादव का चुनावी मैनेजमेंट पूरी तरह से हिट रहा. अखिलेश यादव ने उन्हें घोसी उपचुनाव में फ्री हैंड करके वहां कैंप करने के लिए भेजा था. पार्टी के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव भी करीब तीन दिन घोसी में रहकर शिवपाल सिंह यादव के साथ चुनावी बिसात बिछाने का काम किया. शिवपाल सिंह यादव के बारे में नेताओं का कहना है कि वह प्रत्येक मंडल इकाई तक पहुंचे और सपा कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम किया. उन्होंने कहा है कि 2024 से पहले यह उपचुनाव समाजवादी पार्टी की जीत के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है. ऐसे में इस चुनाव में कोई कोर कसर नहीं छोड़नी है. अखिलेश यादव भी पहली बार उपचुनाव के प्रचार में उतरे और सुधाकर सिंह के पक्ष में वोट मांगे. नतीजतन सपा उम्मीदवार सुधाकर सिंह बड़े वोट के अंतरों से चुनाव जीतने में सफल रहे.

घोसी उपचुनाव में जीत का जश्न.
घोसी उपचुनाव में जीत का जश्न.
घोसी उपचुनाव में जीत पर सपा कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न.
घोसी उपचुनाव में जीत पर सपा कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न.

वहीं भारतीय जनता पार्टी के दो उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक सहित मंत्रिमंडल के एक दर्जन से अधिक मंत्रियों ने भी घोसी में डेरा डाला हुआ था. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह सहित तमाम बड़े नेता भी संगठन की तरफ से घोसी में चुनाव प्रचार कर रहे थे. इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी चुनाव जीतने में सफल नहीं हो पाई. बहरहाल मऊ की घोसी सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन किया. इससे पहले सपा ने मैनपुरी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी जीत दर्ज की थी. इन दोनों चुनाव में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने चुनावी रणनीति की कमान अपने हाथ में रखी थी.

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने घोसी उपचुनाव में जीत के बाद जनता का अभिनंदन करते हुए इसे लोकतंत्र की विजय बताई है. अखिलेश ने कहा कि इस उपचुनाव में समाजवादी पार्टी और इंडिया गठबंधन प्रत्याशी की जीत ने भाजपा का घमंड तोड़ने के साथ वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के परिणाम का भी संकेत दे दिया है. यहां से भाजपा की उल्टी गिनती की शुरूआत हो चुकी है. घोसी उपचुनाव की जीत सकारात्मक राजनीति की जीत और सांप्रदायिक नकारात्मक राजनीति की हार है. भाजपा की तोड़फोड़ और समाज को बांटने वाली राजनीति को भी यह मुंहतोड़ उत्तर है. भाजपा ने सत्ता के दुरुपयोग की भरसक कोशिशें की, पर जनता ने करारा जवाब देकर भाजपा प्रत्याशी को सबक सिखाया है.

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लखनऊ : घोसी उपचुनाव में जाति समीकरण हावी होता दिखा. सियासी जानकारी घोसी में जीत का श्रेय समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव की आक्रामक जमीनी रणनीति और उपचुनाव के प्रचार में पहली बार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के चुनाव मैदान में उतरने को दे रहे हैं. इससे 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन को भी बड़ी संजीवनी मिलेगी. माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज कर नए सियासी समीकरण के संदेश दिए हैं. इसे अखिलेश यादव के पिछड़े दलित अल्पसंख्यक (पीडीए) के फार्मूला को सफल होने से जोड़ा जा रहा है.

घोसी उपचुनाव में जीत.
घोसी उपचुनाव में जीत.
मोहनलालगंज जिला पंचायत सदस्य पद पर विजयी सपा उम्मीदवार रेशमा रावत.
लखनऊ मोहनलालगंज जिला पंचायत सदस्य पद पर विजयी सपा उम्मीदवार रेशमा रावत.



बता दें, शिवपाल सिंह यादव का चुनावी मैनेजमेंट पूरी तरह से हिट रहा. अखिलेश यादव ने उन्हें घोसी उपचुनाव में फ्री हैंड करके वहां कैंप करने के लिए भेजा था. पार्टी के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव भी करीब तीन दिन घोसी में रहकर शिवपाल सिंह यादव के साथ चुनावी बिसात बिछाने का काम किया. शिवपाल सिंह यादव के बारे में नेताओं का कहना है कि वह प्रत्येक मंडल इकाई तक पहुंचे और सपा कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम किया. उन्होंने कहा है कि 2024 से पहले यह उपचुनाव समाजवादी पार्टी की जीत के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है. ऐसे में इस चुनाव में कोई कोर कसर नहीं छोड़नी है. अखिलेश यादव भी पहली बार उपचुनाव के प्रचार में उतरे और सुधाकर सिंह के पक्ष में वोट मांगे. नतीजतन सपा उम्मीदवार सुधाकर सिंह बड़े वोट के अंतरों से चुनाव जीतने में सफल रहे.

घोसी उपचुनाव में जीत का जश्न.
घोसी उपचुनाव में जीत का जश्न.
घोसी उपचुनाव में जीत पर सपा कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न.
घोसी उपचुनाव में जीत पर सपा कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न.

वहीं भारतीय जनता पार्टी के दो उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक सहित मंत्रिमंडल के एक दर्जन से अधिक मंत्रियों ने भी घोसी में डेरा डाला हुआ था. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह सहित तमाम बड़े नेता भी संगठन की तरफ से घोसी में चुनाव प्रचार कर रहे थे. इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी चुनाव जीतने में सफल नहीं हो पाई. बहरहाल मऊ की घोसी सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन किया. इससे पहले सपा ने मैनपुरी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी जीत दर्ज की थी. इन दोनों चुनाव में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने चुनावी रणनीति की कमान अपने हाथ में रखी थी.

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने घोसी उपचुनाव में जीत के बाद जनता का अभिनंदन करते हुए इसे लोकतंत्र की विजय बताई है. अखिलेश ने कहा कि इस उपचुनाव में समाजवादी पार्टी और इंडिया गठबंधन प्रत्याशी की जीत ने भाजपा का घमंड तोड़ने के साथ वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के परिणाम का भी संकेत दे दिया है. यहां से भाजपा की उल्टी गिनती की शुरूआत हो चुकी है. घोसी उपचुनाव की जीत सकारात्मक राजनीति की जीत और सांप्रदायिक नकारात्मक राजनीति की हार है. भाजपा की तोड़फोड़ और समाज को बांटने वाली राजनीति को भी यह मुंहतोड़ उत्तर है. भाजपा ने सत्ता के दुरुपयोग की भरसक कोशिशें की, पर जनता ने करारा जवाब देकर भाजपा प्रत्याशी को सबक सिखाया है.

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Last Updated : Sep 9, 2023, 1:57 PM IST
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