लखनऊ : राजधानी के आशियाना थाना क्षेत्र स्थित बाबा साहब भीमराव आंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों ने सोमवार को विश्वविद्यालय के गेट पर धरना दिया. 8 फरवरी को धरना देने पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक छात्र को निकाल दिया था, जिसके बाद छात्र आक्रोशित थे. छात्रों ने विश्वविद्यालय गेट पर जमकर नारेबाजी की और विश्वविद्यालय प्रशासन पर एकपक्षीय कार्रवाई करने का आरोप लगाया.
क्या है पूरा मामला
बाबा साहब भीमराव आंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय लखनऊ मे ऑफलाइन क्लासेज चलाए जाने की मांग को लेकर 8 फरवरी को विश्वविद्यालय गेट पर धरना-प्रदर्शन किया गया था. छात्रों का आरोप है कि इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने केवल छात्र आशीष कनौजिया को ही निष्कासित किया है, जोकि गलत है. कॉलेज प्रशासन को छात्र को निष्कासन से पहले सुनवाई का मौका देना चाहिए था. धरना-प्रदर्शन छात्रों का अधिकार है और इसे विश्वविद्यालय प्रशासन रोक नहीं सकता. धरना-प्रदर्शन में काफी लोग शामिल हुए थे. इनमें से सिर्फ एक छात्र के खिलाफ कार्रवाई करना नियमानुसार सही नहीं है.
फूट पड़ा छात्रों का गुस्सा
करोना काल के समय सभी विश्वविद्यालय और स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए थे. लेकिन धीरे-धीरे करके अब सारे विश्वविद्यालय व स्कूल को खोलने का निर्णय लिया जा चुका है. बीबीएयू छात्रों ने 8 फरवरी को ऑफलाइन क्लासेज चलाए जाने के लिए धरना-प्रदर्शन किया था, जिससे नाराज विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक छात्र का निष्कासन कर दिया. इस पर छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा और आज निष्कासित छात्र के समर्थन में दर्जनों छात्रों ने बीबीएयू के गेट नंबर 1 के सामने धरना-प्रदर्शन किया.
'विश्वविद्यालय प्रशासन से करनी चाहिए बात'
बीबीएयू की प्रोफेसर रचना गंगवार का कहना है कि छात्रों को अगर कोई समस्या है तो विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ उन्हें बात करनी चाहिए. विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की बात सुन कर उचित कार्रवाई करेगा. छात्रों के प्रदर्शन के बारे में विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुलिस को जानकारी दी, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने छात्रों को समझा-बुझाकर शांत कराया.