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हाईकोर्ट ने मॉडल ममता राय के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई पर लगाई रोक, जानें क्या है मामला? - MODEL MAMTA RAI

वाराणसी में शिव लिंग के साथ विवादास्पद पोस्टर लगाने पर अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के नेता ने दर्ज कराया था मुकदमा

मॉडल ममता राय
मॉडल ममता राय (Photo Credit; MAMTA RAI OFFICIAL X)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 15, 2025, 3:06 PM IST

प्रयागराज: शिवलिंग के साथ विवादास्पद पोस्टर लगाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी की फैशन मॉडल ममता राय के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने इस मामले में शिकायतकर्ता और राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. सुनवाई की अगली तारीख 28 फरवरी 2025 नियत की है. यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश पाठक ने ममता राय की याचिका पर दिया है.

वाराणसी के सारनाथ थाने में ममता राय के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. आरोप है कि ममता ने सावन के महीने में ​'मैं काशी हूं ममता राय' स्लोगन के साथ शिवलिंग पर फूल चढ़ाते हुए पोस्टर शहर में लगवाया था. अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के नेता विक्रांत सिंह ने आप​त्ति दर्ज कराते हुए धार्मिक भावना को आहत करने, गाली-गलौज, जान से मारने की धमकी के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने जांच के बाद आरोप पत्र दाखिल किया. मॉडल ने आरोप पत्र और पूरी आपराधिक कार्रवाई को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दा​खिल की.

मॉडल के अ​धिवक्ता ने दलील दी कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के विपरीत झूठे मुकदमे दर्ज कराए गए हैं. ​​राजनीतिक प्रभाव का उपयोग करके एफआईआर दर्ज कराई गई है. भारत का संविधान सभी को भाषण और अभिव्यक्ति का अधिकार देता है. केवल पोस्टर देखने से ​शिकायतकर्ता की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं, यह तर्कसंगत नहीं है. कोर्ट ने उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है.

इसे भी पढ़ें-मॉडल ममता राय की गिरफ्तारी के लिए हिन्दू युवा शक्ति ने थाने का किया घेराव

प्रयागराज: शिवलिंग के साथ विवादास्पद पोस्टर लगाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी की फैशन मॉडल ममता राय के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने इस मामले में शिकायतकर्ता और राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. सुनवाई की अगली तारीख 28 फरवरी 2025 नियत की है. यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश पाठक ने ममता राय की याचिका पर दिया है.

वाराणसी के सारनाथ थाने में ममता राय के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. आरोप है कि ममता ने सावन के महीने में ​'मैं काशी हूं ममता राय' स्लोगन के साथ शिवलिंग पर फूल चढ़ाते हुए पोस्टर शहर में लगवाया था. अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के नेता विक्रांत सिंह ने आप​त्ति दर्ज कराते हुए धार्मिक भावना को आहत करने, गाली-गलौज, जान से मारने की धमकी के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने जांच के बाद आरोप पत्र दाखिल किया. मॉडल ने आरोप पत्र और पूरी आपराधिक कार्रवाई को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दा​खिल की.

मॉडल के अ​धिवक्ता ने दलील दी कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के विपरीत झूठे मुकदमे दर्ज कराए गए हैं. ​​राजनीतिक प्रभाव का उपयोग करके एफआईआर दर्ज कराई गई है. भारत का संविधान सभी को भाषण और अभिव्यक्ति का अधिकार देता है. केवल पोस्टर देखने से ​शिकायतकर्ता की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं, यह तर्कसंगत नहीं है. कोर्ट ने उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है.

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