लखनऊ : प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले छोटे बच्चों के मानसिक विकास के लिए प्रदेश सरकार व बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से एक नई पहल की शुरु की है. बेसिक शिक्षा परिषद ने अपने प्राइमरी और उच्च प्राइमरी विद्यालयों से जुड़े आंगनबाड़ी केंद्रों पर पढ़ने के लिए आने वाले छोटे बच्चों के लिए भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान आईआईटी गांधीनगर के सहयोग से वंडर बाॅक्स तैयार किया है. इस वंडर बाॅक्स में तीन साल व उसे बड़े उम्र के बच्चों के मानसिक विकास के लिए उनको किस तरह के चीजों को सीखना है और उसे सिखाने के लिए किन साधनों का प्रयोग किया जाना चाहिए़. इसी को ध्यान में रखते हुए यह वंडर बाॅक्स तैयार किया है.
80 हजार से अधिक आंगनबाड़ी में दिया जाएगा वंडर बाॅक्स
अपर निदेशक गणेश कुमार ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग के साथ पूरे प्रदेश में करीब 80 हजार से अधिक आंगनबाड़ी जुड़े हुए हैं. इन सभी में एक-एक वंडर बाॅक्स विभाग की ओर से दिया जाएगा. जिसकी सहायता से आंगनबाड़ी में आने वाले छात्रों को खेल खेल में पढ़ाया जाएगा. उन्होंने बताया कि अगले साल से बेसिक शिक्षा विभाग प्री-प्राइमरी कक्षाओं के संचालन को लेकर एक पूरी विस्तृत गाइडलाइन तैयार कर रहा है. उसी को ध्यान में रखते हुए आईआईटी गांधीनगर ने इस वंडर बाॅक्स को तैयार किया है. जिसे तीन साल से पांच साल तक बच्चों को इन शुरुआती सालों मे गणित, भाषा और दूसरी चीजों को लेकर समझ को विकसित किया जा सकें.
दो करोड़ बच्चों के अभिभावकों के खाते में आज जाएगा डीबीटी का पैसा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसके साथ ही प्रदेश के डेढ़ लाख से अधिक बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में पढ़ने वाले करीब दो करोड़ से अधिक अभिभावकों के बैंक खातों में यूनिफार्म, जूता-मोजा, स्वेटर आदि की खरीद करने के लिए 12 सौ रुपये की धनराशि डीबीटी के माध्यम से भेजेंगे. इसके अलावा भिक्षावृत्ति छोड़कर परिषदीय विद्यालयों से जुड़ने वाले 103 बच्चों का भी कार्यक्रम आयोजित होगा. मुख्यमंत्री इन बच्चों से मिलकर उनको बाल सेवा योजना के तहत सर्टिफिकेटए स्कूल बैग और किट बांटेंगे. इसके अलावा शैक्षिणिक सत्र में प्रदेश भर में करीब 125 कस्तूरबा गांधी आवाीसीय विद्यालयों में 9 से 12वीं की कक्षाओं का शुभारंभ भी करेंगे. प्रदेश के सभी 746 विकासखंडों में एक-एक कस्तुरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों का संचालन किया जाता है. इसमें से प्रदेश के 446 कस्तूरबा विद्यालयों में काम चल रहा है. इसमें से लखनऊ के चार समेत कुल 125 विद्यालयों में इस साल से 9 से 12 की आवासीय पढ़ाई के लिए प्रवेश की प्रक्रिया शुरू होंगे.
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