लखनऊ: उत्तर प्रदेश के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में आगामी शिक्षण सत्र में भी बच्चों को समय से पुस्तकें मिलने के आसार नहीं नजर आ रहे हैं. इसकी वजह खरीद प्रक्रिया में हो रही हीलाहवाली है. खरीद से जुड़ी एक दागी कंपनी के बारे में शासन स्तर से फैसला करने में देरी होने की वजह से भी खरीद प्रभावित हो रही है. हालांकि बेसिक शिक्षा मंत्री का दावा है कि जांच प्रक्रिया जल्द पूरी कर खरीद शुरू कराई जाएगी.
पाठ्य पुस्तकों की नई खरीद पर उठ रहे सवाल
- बेसिक शिक्षा विभाग में पाठ्य-पुस्तकों की खरीद से लेकर स्वेटर, मोजे और जूते की खरीद में अक्सर उंगलियां उठती रही हैं.
- पाठ्य-पुस्तकों की नई खरीद पर भी ऐसे ही सवाल उठ खड़े हुए हैं.
- इसकी वजह पाठ्य-पुस्तकों की खरीद में हो रही बेवजह की देरी है.
- बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने पहले एलान किया था कि पाठ्य-पुस्तकों की खरीद जनवरी में शुरू कर दी जाएगी.
- दिसंबर में टेंडर होने थे और जनवरी में खरीद पर अंतिम मुहर लगनी थी, लेकिन अभी तक इस प्रक्रिया में टेंडर भी नहीं कराए जा सके हैं.
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बताया जा रहा है कि इसके पीछे बड़ा कारण खरीद प्रक्रिया में एक दागी कंपनी के शामिल होने का है. इस कंपनी को बेसिक शिक्षा निदेशालय की जांच रिपोर्ट के आधार पर ब्लैक लिस्ट किया गया है. इसके बावजूद प्रदेश सरकार के कुछ बड़े अधिकारी कंपनी पर मेहरबान हैं और उसे पुस्तक खरीद प्रक्रिया में शामिल कराना चाह रहे हैं. शिकायत मिलने के बाद सरकार ने जांच शुरू कराई है, लेकिन लंबे समय से यह जांच रिपोर्ट शासन में लंबित पड़ी है.
जांच अभी जारी है. जल्द ही इस बारे में उचित फैसला किया जाएगा. सरकार की नीयत बिल्कुल साफ है. किसी भी दोषी को बचाया नहीं जाएगा. पाठ्य-पुस्तकों का वितरण भी सही समय पर जरूर कराया जाएगा.
-डॉ. सतीश द्विवेदी, बेसिक शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश