लखनऊ : उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि प्राथमिक विद्यालयों को अब हाईटेक बनाया जा रहा है. स्कूल के भवनों में संगमरमर और टाइल्स लगाई जा रही है. विधानसभा में एक सवाल के जवाब में बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने मंगलवार को कहा कि फर्नीचर समेत अन्य व्यवस्था के लिए सरकार 400 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है.
उन्होंने पिछली सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर पिछले 15 सालों में इसी तरह के प्रयास किए गए होते तो बेसिक शिक्षा में शिक्षकों की कमी की कोई स्थिति नहीं पैदा होती. आज वो दावे के साथ यह कह सकते हैं कि उत्तर प्रदेश का कोई भी प्राथमिक विद्यालय शिक्षक विहीन नहीं है. एक लाख 19 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती करने से यह स्थिति आई है. मिशन कायाकल्प के तहत विद्यालय की बाउंड्री बनाई गई है. विद्यालय में स्वच्छता की गई है. पीने के पानी की व्यवस्था की गयी. टॉयलेट बनाये गए हैं. आज विद्यालयों की स्थिति बदल गयी है. विद्यालयों में संगमरमर और टाइल्स लगाने का काम किया गया है. प्राथमिक विद्यालयों में फर्नीचर की व्यवस्था की जा रही है. ज्यादातर विद्यालयों में फर्नीचर की व्यवस्था हो गई है. जहां नहीं है, उन विद्यालयों में फर्नीचर व अन्य के लिए 400 करोड़ रुपये दिए गए हैं. बच्चों को बैग दिया जा रहा है. किताबें दी जा रही हैं. बच्चों को दो जोड़ी कपड़े दे रहे हैं. जूता दे रहे हैं. मोजा दे रहे हैं.
ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षकों की नगर में होगी तैनाती
पहली बार किसी सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों की समस्या को समग्रता से लिया है. अध्यापक नियमावली में संशोधन करने जा रहे हैं. पूरे प्रदेश के नगर क्षेत्र में शिक्षकों की कमी दूर होगी. अब ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षक नगर में तैनात हो सकेंगे. सरकार नगर और ग्रामीण का कैडर समाप्त करेगी. उन्होंने सदन को अवगत कराया कि विधानसभा की अगली बैठक तक इसके लिए नियमावली आ जाएगी. उन्होंने यह जवाब बसपा नेता विधानमंडल दल लालजी वर्मा के सवाल पर दिया.