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प्रमोशन के लिए शिक्षकों की गोपनीय रिपोर्ट बनाने में खेल, खंड शिक्षा अधिकारी पर रहे ये आरोप

बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों की पदोन्नति (Promotion of Basic Teachers) डेट तय कर दी गई है. इसके लिए शिक्षकों की गोपनीय आख्या संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) से मांगी गई है. प्राथमिक शिक्षक एवं स्नातक एसोसिएशन का आरोप है कि बीईओ यह रिपोर्ट प्रधानाध्यपकों और सीनियर शिक्षकों से बनवा रहे हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 17, 2023, 1:26 PM IST

लखनऊ : बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से शिक्षकों की पदोन्नति (Promotion of Basic Teachers) के लिए 22 नवंबर की डेट तय की गई है. प्रदेश के सभी 1.51 लाख से अधिक परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत 5 लाख से अधिक शिक्षकों के पदोन्नति की प्रक्रिया को पूरा किया जाना है. पदोन्नति से पहले सभी शिक्षकों के गोपनीय आख्या रिपोर्ट खंड शिक्षा अधिकारियों की तरफ से सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेजी जानी है. इसके बाद शिक्षकों के पदोन्नति का रिकॉर्ड विभाग के पोर्टल पर अपलोड होगा. शिक्षकों की यह गोपनीय आख्या बनाने की जिम्मेदारी सभी विकासखंडों के बीईओ की होती है. राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां खंड शिक्षा अधिकारी खुद रिपोर्ट न बनाकर संबंधित विद्यालयों के प्रधानाध्यापक या फिर वहां के सीनियर शिक्षक से यह रिपोर्ट बनवाकर मंगवा रहे हैं. इसको लेकर प्राथमिक शिक्षक संघ की तरफ से लगातार विभाग को आपत्ति भेजी जा रही है.

शिक्षकों के प्रमोशन में
शिक्षकों के प्रमोशन में "खेल".



गोपनीय आख्या रिपोर्ट बनाने की जिम्मेदारी खंड शिक्षा अधिकारियों की : प्राथमिक शिक्षक एवं स्नातक एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय सिंह ने बताया कि गोपनीय आख्या रिपोर्ट बनाने की जिम्मेदारी खंड शिक्षा अधिकारियों की होती है. पर प्रदेश के सभी खंड शिक्षा अधिकारी अपनी इस जिम्मेदारी को खुद निर्वाह नहीं करते हैं. इसके उलट वह इस काम की जिम्मेदारी विद्यालय के प्रधानाध्यापक को सौंप देते हैं अगर वहां पर प्रधानाध्यापक नहीं है तो जो सीनियर टीचर विद्यालय की जिम्मेदारी संभाल रहा होता है उसे गोपनीय आख्या रिपोर्ट मंगवाते हैं. ऐसे में कई बार देखने को यह मिला है कि विद्यालयों में शिक्षकों के बीच चल रही आपसी तनातनी के कारण कई बार रिपोर्ट गलत प्रस्तुत होती है. इस साल भी स्थानांतरण से पहले विभाग में व्यवस्था सूची जारी होनी थी, पर खंड शिक्षा अधिकारियों की लापरवाही और विद्यालय स्तर पर तैयार की गई गोपनीय रिपोर्ट के कारण लगातार आपत्तियां शिक्षकों की तरफ से दर्ज होती रहीं. जिसके कारण करीब 6 महीने तक स्थानांतरण की प्रक्रिया प्रभावित रही. अब सरकार ने अगले साल स्थानांतरण से पहले सभी विद्यालयों की व्यवस्था सूची जारी करने के लिए 22 नवंबर की डेट की है. खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा फिर से वही पुराना रवैया अपनाया जा रहा है.


परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की पदोन्नति मामला बना मजाक : लखनऊ के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जनपद के प्रत्येक विकासखंड के बीईओ (खंड शिक्षा अधिकारी) को अपने ब्लॉक से पदोन्नति के लिए पात्र शिक्षकों की सूची मांगी है. खंड शिक्षा अधिकारी अब शिक्षकों से ही उनकी गोपनीय चरित्र आख्या की मांग कर रहे हैं. खंड शिक्षा अधिकारी के ऐसे आदेश से शिक्षकों में असमंजस की स्थिति. विनय सिंह का कहना है कि राजधानी लखनऊ में ऐसा ही एक मामला सरोजनीनगर विकासखंड से सामने आया है. शिक्षकों की पदोन्नति को लेकर सर्विस बुक समेत तमाम रिकॉर्ड खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में मौजूद हैं. ऐसे में शिक्षक अपनी गोपनीय चरित्र आख्या बनाकर कैसे दे सकता है. उधर, खंड शिक्षा अधिकारी ने बेसिक शिक्षा कार्यालय से प्राप्त सभी शिक्षकों से अपनी आख्या बनाकर प्रधानाध्यापक से सत्यापित कर दो प्रतियों में जमा करने के निर्देश दिए हैं.

यह भी पढ़ें : RTE NORMS से अटका परिषदीय विद्यालय के शिक्षकों का प्रमोशन, 10 साल नहीं मिली है पदोन्नति

यूपी के आधे से अधिक परिषदीय स्कूलों में नियमित प्रधानाचार्य नहीं, सीनियर शिक्षक संभाल रहे प्रभार

लखनऊ : बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से शिक्षकों की पदोन्नति (Promotion of Basic Teachers) के लिए 22 नवंबर की डेट तय की गई है. प्रदेश के सभी 1.51 लाख से अधिक परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत 5 लाख से अधिक शिक्षकों के पदोन्नति की प्रक्रिया को पूरा किया जाना है. पदोन्नति से पहले सभी शिक्षकों के गोपनीय आख्या रिपोर्ट खंड शिक्षा अधिकारियों की तरफ से सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेजी जानी है. इसके बाद शिक्षकों के पदोन्नति का रिकॉर्ड विभाग के पोर्टल पर अपलोड होगा. शिक्षकों की यह गोपनीय आख्या बनाने की जिम्मेदारी सभी विकासखंडों के बीईओ की होती है. राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां खंड शिक्षा अधिकारी खुद रिपोर्ट न बनाकर संबंधित विद्यालयों के प्रधानाध्यापक या फिर वहां के सीनियर शिक्षक से यह रिपोर्ट बनवाकर मंगवा रहे हैं. इसको लेकर प्राथमिक शिक्षक संघ की तरफ से लगातार विभाग को आपत्ति भेजी जा रही है.

शिक्षकों के प्रमोशन में
शिक्षकों के प्रमोशन में "खेल".



गोपनीय आख्या रिपोर्ट बनाने की जिम्मेदारी खंड शिक्षा अधिकारियों की : प्राथमिक शिक्षक एवं स्नातक एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय सिंह ने बताया कि गोपनीय आख्या रिपोर्ट बनाने की जिम्मेदारी खंड शिक्षा अधिकारियों की होती है. पर प्रदेश के सभी खंड शिक्षा अधिकारी अपनी इस जिम्मेदारी को खुद निर्वाह नहीं करते हैं. इसके उलट वह इस काम की जिम्मेदारी विद्यालय के प्रधानाध्यापक को सौंप देते हैं अगर वहां पर प्रधानाध्यापक नहीं है तो जो सीनियर टीचर विद्यालय की जिम्मेदारी संभाल रहा होता है उसे गोपनीय आख्या रिपोर्ट मंगवाते हैं. ऐसे में कई बार देखने को यह मिला है कि विद्यालयों में शिक्षकों के बीच चल रही आपसी तनातनी के कारण कई बार रिपोर्ट गलत प्रस्तुत होती है. इस साल भी स्थानांतरण से पहले विभाग में व्यवस्था सूची जारी होनी थी, पर खंड शिक्षा अधिकारियों की लापरवाही और विद्यालय स्तर पर तैयार की गई गोपनीय रिपोर्ट के कारण लगातार आपत्तियां शिक्षकों की तरफ से दर्ज होती रहीं. जिसके कारण करीब 6 महीने तक स्थानांतरण की प्रक्रिया प्रभावित रही. अब सरकार ने अगले साल स्थानांतरण से पहले सभी विद्यालयों की व्यवस्था सूची जारी करने के लिए 22 नवंबर की डेट की है. खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा फिर से वही पुराना रवैया अपनाया जा रहा है.


परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की पदोन्नति मामला बना मजाक : लखनऊ के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जनपद के प्रत्येक विकासखंड के बीईओ (खंड शिक्षा अधिकारी) को अपने ब्लॉक से पदोन्नति के लिए पात्र शिक्षकों की सूची मांगी है. खंड शिक्षा अधिकारी अब शिक्षकों से ही उनकी गोपनीय चरित्र आख्या की मांग कर रहे हैं. खंड शिक्षा अधिकारी के ऐसे आदेश से शिक्षकों में असमंजस की स्थिति. विनय सिंह का कहना है कि राजधानी लखनऊ में ऐसा ही एक मामला सरोजनीनगर विकासखंड से सामने आया है. शिक्षकों की पदोन्नति को लेकर सर्विस बुक समेत तमाम रिकॉर्ड खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में मौजूद हैं. ऐसे में शिक्षक अपनी गोपनीय चरित्र आख्या बनाकर कैसे दे सकता है. उधर, खंड शिक्षा अधिकारी ने बेसिक शिक्षा कार्यालय से प्राप्त सभी शिक्षकों से अपनी आख्या बनाकर प्रधानाध्यापक से सत्यापित कर दो प्रतियों में जमा करने के निर्देश दिए हैं.

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