लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में बीते पांच माह से स्थानांतरण/समायोजन की प्रक्रिया बार-बार वरिष्ठता सूची फाइनल न होने के कारण फंसती दिख रही है. अब शिक्षकों को इस साल भी समायोजन की उम्मीद खत्म होती जा रही है. बेसिक शिक्षा परिषद में शिक्षकों का समायोजन अप्रैल तक हो जाना था, लेकिन अब गर्मी छुट्टियां शुरू होने के बाद भी शिक्षकों का समायोजन होने की कोई उम्मीद उन्हें नहीं दिखाई दे रही है. इसका कारण शिक्षकों की वरिष्ठता सूची जारी करने में हो रही लापरवाही है. जब तक विभाग शिक्षकों की वरिष्ठता सूची तय नहीं कर देगा. तब तक समायोजन की प्रक्रिया विद्यालयों में शुरू नहीं होगा. ऐसे में समायोजन के इंतजार कर रहे लाखों शिक्षक परेशान है.
शिक्षकों का कहना है कि वरिष्ठता सूची तय करने की तिथि बीतने के बाद भी अभी तक केवल वरिष्ठता सूची ही जारी हो पाई है. पोर्टल पर अभी अनंतिम सूची अपलोड हो जाने के बाद भी उसे अग्रिम कार्रवाई के लिए नहीं भेजा गया है. जिससे गर्मी की छुट्टियों में भी शिक्षक के समायोजन की प्रक्रिया अधर में लटकती दिख रही है. प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रांतीय महामंत्री आशुतोष मिश्रा ने बताया कि अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की प्रक्रिया फरवरी माह से शुरू किया गया था. तब से लेकर अब तक 12 बार वरिष्ठता सूची तय करने की तिथि बढ़ाई जा चुकी है. कितनी तिथि बढ़ाए जाने के बाद भी अभी तक प्रदेश भर में केवल हर जिले स्तर पर शिक्षकों की वरिष्ठता सूची तय की गई है. उसमें भी इतनी अधिक गलतियां हैं कि उसे फाइनल कर विभाग को नहीं भेजा जा सका है.
जिलेवार तैयार की गई वरिष्ठता सूची में शिक्षकों के चयन की डेट से लेकर मौजूदा समय की तिथि में शिक्षक की वरिष्ठता क्या होनी चाहिए यह भी तय नहीं हो पाया है. जिस कारण से मौजूदा समय प्रदेश के करीब तीन दर्जन से अधिक जिलों में वरिष्ठता सूची फाइनल नहीं हो पाई है. राजधानी लखनऊ में भी ऐसा ही हाल है. आशुतोष मिश्रा ने कहा कि मौजूदा वरिष्ठता सूची में कई तरह की खामियां हैं. उदाहरण के तौर पर अंतरजनपदीय स्थानांतरण तिथि से वरिष्ठता सूची बनाई गई है यह सही है, लेकिन एक ही तिथि को स्थानांतरित शिक्षक की लेंथ ऑफ़ सर्विस का ध्यान नहीं रखा गया है. इसे मौलिक नियुक्ति के आधार पर सूचीबद्ध किया जाना चाहिए था.
गुणांक से फंस रहा पेंच : शिक्षक एसोसिएशन का कहना है कि शिक्षकों की वरिष्ठता सूची जारी करने में सचिव परिसर प्रताप सिंह बघेल के आदेश के मुताबिक गुणांक को शामिल किया गया है. ऐसे में शिक्षक भर्ती अलग-अलग हुए हैं तो सभी के गुणांक भी निकालने में समस्या है. इस बारे में जानकारों का कहना है कि भर्ती की अलग-अलग प्रकार भी हैं जिसमें 68500, 69000, 72825 यह भर्ती टीईटी परिणाम के आधार पर हुए हैं. वहीं 10800, 10,000 व 3503 भर्ती परीक्षा शैक्षिक प्रमाणपत्रों के प्रतिशत के अनुसार हुई हैं. विशिष्ट बीटीसी 46189, उर्दू बीटीसी 2007, बीटीसी उर्दू 2006 के भर्ती परीक्षा का गुणांक इन विद शिक्षकों के 10वीं 12वीं व स्नातक के परिणामों के आधार पर तैयार किया गया है. एसोसिएशन का कहना है कि हर भर्ती के लिए अलग गुणांक पहले से तय है पर हर जिले में इसकी अनदेखी कर वरिष्ठता सूची जारी की गई है. जिसके कारण उसे फाइनल करने में विभाग को काफी देरी हो रही है.
कार्यभार ग्रहण करने की तिथि को लेकर आपत्ति : प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय सिंह ने बताया कि हर जिले में जारी वरिष्ठता की अंतिम सूची को देखने में आया है कि सूची में मौलिक नियुक्ति तिथि से न बनाकर कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से जारी किया गया है. जो नियमों के खिलाफ है. स्थानांतरण की स्थिति में अन्य जनपदों से स्थानांतरित होकर आए शिक्षकों की वरिष्ठता का भी निर्धारण स्थानांतरित तिथि न होकर लखनऊ जनपद में कार्यभार ग्रहण करने की तिथि के आधार पर बनाई गई हैं. दोनों ही परिस्थितियां आपत्ति योग्य हैं. इस पूरे मामले पर लखनऊ के बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार का कहना है की वरिष्ठता सूची जारी करने में कुछ गलतियां हुई हैं. उसमें सुधार किया जा रहा है, लेकिन जो उच्च स्तरीय आदेश है कि उसी के आधार पर सूची जारी की है. उसी को ध्यान में रखते हुए इसे फाइनल किया जा रहा है.
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