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बसंत पंचमी पर क्यों की जाती है मां सरस्वती की पूजा? जानें शुभ मुहूर्त व पूजा विधि

वसंत पंचमी (Vasant Panchami 2022) माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. वसंत ऋतु को सभी छह ऋतुओं में ऋतुराज के नाम से जाना जाता है. आइए जानें बसंत पंचमी (Basant Panchami 2022) का क्या है महत्व...

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मां सरस्वती
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Published : Feb 4, 2022, 9:29 PM IST

Updated : Feb 5, 2022, 6:49 AM IST

प्रयागराज: हिंदू धर्म में हर व्रत और त्योहार का अपना एक अलग ही महत्व है. किसी न किसी व्रत में भगवान की पूजा-अर्चना की जाती है और घर के कल्याण के लिए सभी अनुष्ठानों के साथ देवी-देवता की पूजा होती है. ऐसा ही एक व्रत पर्व है बसंत पंचमी (Basant Panchami 2022) का. मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती की पूजा (Saraswati Puja) करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. साथ ही शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए ये दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है.

वसंत पंचमी (Vasant Panchami 2022) माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. वसंत ऋतु को सभी छह ऋतुओं में ऋतुराज के नाम से जाना जाता है. ऐसा भी माना जाता है कि बसंत पंचमी को माता सरस्वती का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन उनकी पूजा की जाती है. आइए जानें बसंत पंचमी का क्या है महत्व...

जानें शुभ मुहूर्त व पूजा विधि

बसंत पंचमी के पर्व पर मां सरस्वती की विशेष पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि बसंत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी सरस्वती का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन उनकी पूजा की जाती है.

बसंत पंचमी पूजा विधि

बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा की जाती है. इस दिन शिक्षण संस्थानों में मां सरस्वती की पूजा के साथ-साथ घरों में भी उनकी पूजा की जाती है. इस दिन प्रात:काल पवित्र नदियों में स्नान के बाद पीले वस्त्र धारण कर मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करें, साथ ही तिलक कर धूप-दीप जलाकर मां को पीले फूल अर्पित करें. आज के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी, वाद्य यंत्र और किताबें रखकर उनको भी धूप-दीप दिखाएं और विधि विधान से पूजा-अर्चना करें.

बसंत पंचमी तिथि और शुभ मुहूर्त

इस साल बसंत पंचमी का पर्व 05 फरवरी 2022 शनिवार को मनाया जाएगा. हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है. ऐसे में पंचमी तिथि की शुरूआत 05 फरवरी, शनिवार, सुबह 05:50 बजे से होगी. पंचमी तिथि 06 फरवरी रविवार को सुबह 05:10 बजे समाप्त होगी. उदय तिथि में पंचमी तिथि 05 फरवरी को पड़ रही है, इसलिए इस दिन बसंत पंचमी मनाई जाएगी.

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मां सरस्वती

बसंत पंचमी का महत्व

ऐसा माना जाता है कि इसी दिन वेदों की देवी प्रकट हुई थीं, इसलिए इस दिन को शिक्षा या कोई अन्य नई कला शुरू करने के लिए शुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन विद्यार्थी अगर मां सरस्वती की पूजा करें तो लाभ होता है.

वही एक और धार्मिक मान्यता ये भी है कि इस दिन कामदेव की भी पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि अगर पति-पत्नी भगवान कामदेव और देवी रति की पूजा करते हैं तो वे एक सुखी वैवाहिक जीवन व्यतीत करते हैं.

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प्रयागराज: हिंदू धर्म में हर व्रत और त्योहार का अपना एक अलग ही महत्व है. किसी न किसी व्रत में भगवान की पूजा-अर्चना की जाती है और घर के कल्याण के लिए सभी अनुष्ठानों के साथ देवी-देवता की पूजा होती है. ऐसा ही एक व्रत पर्व है बसंत पंचमी (Basant Panchami 2022) का. मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती की पूजा (Saraswati Puja) करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. साथ ही शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए ये दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है.

वसंत पंचमी (Vasant Panchami 2022) माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. वसंत ऋतु को सभी छह ऋतुओं में ऋतुराज के नाम से जाना जाता है. ऐसा भी माना जाता है कि बसंत पंचमी को माता सरस्वती का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन उनकी पूजा की जाती है. आइए जानें बसंत पंचमी का क्या है महत्व...

जानें शुभ मुहूर्त व पूजा विधि

बसंत पंचमी के पर्व पर मां सरस्वती की विशेष पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि बसंत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी सरस्वती का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन उनकी पूजा की जाती है.

बसंत पंचमी पूजा विधि

बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा की जाती है. इस दिन शिक्षण संस्थानों में मां सरस्वती की पूजा के साथ-साथ घरों में भी उनकी पूजा की जाती है. इस दिन प्रात:काल पवित्र नदियों में स्नान के बाद पीले वस्त्र धारण कर मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करें, साथ ही तिलक कर धूप-दीप जलाकर मां को पीले फूल अर्पित करें. आज के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी, वाद्य यंत्र और किताबें रखकर उनको भी धूप-दीप दिखाएं और विधि विधान से पूजा-अर्चना करें.

बसंत पंचमी तिथि और शुभ मुहूर्त

इस साल बसंत पंचमी का पर्व 05 फरवरी 2022 शनिवार को मनाया जाएगा. हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है. ऐसे में पंचमी तिथि की शुरूआत 05 फरवरी, शनिवार, सुबह 05:50 बजे से होगी. पंचमी तिथि 06 फरवरी रविवार को सुबह 05:10 बजे समाप्त होगी. उदय तिथि में पंचमी तिथि 05 फरवरी को पड़ रही है, इसलिए इस दिन बसंत पंचमी मनाई जाएगी.

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बसंत पंचमी का महत्व

ऐसा माना जाता है कि इसी दिन वेदों की देवी प्रकट हुई थीं, इसलिए इस दिन को शिक्षा या कोई अन्य नई कला शुरू करने के लिए शुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन विद्यार्थी अगर मां सरस्वती की पूजा करें तो लाभ होता है.

वही एक और धार्मिक मान्यता ये भी है कि इस दिन कामदेव की भी पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि अगर पति-पत्नी भगवान कामदेव और देवी रति की पूजा करते हैं तो वे एक सुखी वैवाहिक जीवन व्यतीत करते हैं.

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Last Updated : Feb 5, 2022, 6:49 AM IST
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