लखनऊ: बाराबंकी जिले स्थित रामसनेहीघाट तहसील परिसर के पास बने ऐतिहासिक मस्जिद को प्रशासन द्वारा जमींदोज किए जाने के बाद से ही विवाद खड़ा हो गया है. यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने जहां इसको लेकर हाईकोर्ट जाने का ऐलान किया है. वहीं पूर्व एडिशनल चीफ स्टैंडिंग काउंसिल और वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप कुमार ने प्रशासन की कार्रवाई को कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट बताया है.
हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और समाजवादी पार्टी अधिवक्ता सभा के अध्यक्ष प्रदीप कुमार ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि बाराबंकी जिला प्रशासन की कार्रवाई हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना है. कोर्ट का 31 मई तक इस तरह की किसी भी कार्रवाई को न करने का ऑर्डर था, जिसकी अवहेलना करते हुए जिला प्रशासन ने जानबूझकर न्यायपालिका का उल्लंघन किया है.
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अधिकारियों के खिलाफ कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट का बनेगा मामला
वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप कुमार ने कहा कि इस कार्रवाई के बाद अब सपा सुन्नी वक्फ बोर्ड को अवमानना वाद प्रस्तुत करने के लिए मदद करेगी. उन्होंने कहा कि अधिवक्ता सभा की पूरी लीगल टीम इस लड़ाई को लड़ेगी. प्रदीप कुमार ने कहा कि कोर्ट को अवमानना के इस मामले में स्वतः संज्ञान लेना चाहिए और दोषी अधिकारियों पर कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट के तहत कार्रवाई करनी चाहिए.