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लखनऊ: वेतन पुनरीक्षण की मांगों को लेकर बैंक कर्मियों ने किया प्रदर्शन

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Published : Jan 21, 2020, 7:44 AM IST

यूपी की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज में सोमवार की शाम को दो सालों से वेतन पुनरीक्षण की लम्बित मांग को लेकर बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों ने प्रदर्शन किया है. इस दौरान बैंक कर्मियों ने कहा कि मांगे न माने जाने पर एक अप्रैल से हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे.

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वेतन पुनरीक्षण की मांगों को लेकर बैंककर्मियों ने किया प्रदर्शन.

लखनऊ: दो सालों से वेतन पुनरीक्षण की लम्बित मांग को लेकर लखनऊ के बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों ने 20 जनवरी की शाम हजरतगंज में प्रदर्शन किया. इस अवसर पर उन्होंने सरकार के अड़ियल रवैया पर नारे लगाए और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की बात भी कही.

वेतन पुनरीक्षण की मांगों को लेकर बैंककर्मियों ने किया प्रदर्शन.

पिछले ढाई वर्षों से बैंक कर्मचारी वेतन पुनरीक्षण की कर रहे हैं मांग
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के स्टेट कन्वीनर वाई के अरोड़ा ने बताया कि बैंक कर्मचारियों की हालत दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है. उनकी सैलरी प्राइवेट स्कूल की टीचर से भी कम है. पिछले ढाई वर्षों से हम सरकार और इंडियन बैंक एसोसिएशन से अपने वेतन में पुनरीक्षण की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनके कान पर जूं तक नहीं रेंगी है. इसके लिए आज हम यहां पर बैंक संगठनों के संयुक्त मंच यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के रूप में इकट्ठा हुए हैं और भारतीय बैंक संघ के नकारात्मक रवैए को खारिज कर रहे हैं.

वेतन समझौता की हमारी मांग को न मानने के कारण हम आज यहां पर प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके बाद हम 31 जनवरी और 1 फरवरी को भारत भर में बैंक बंद कर हड़ताल करेंगे. इसके बाद 11, 12 और 13 मार्च को तीन दिवसीय हड़ताल और मांगे न माने जाने पर एक अप्रैल से हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे.
- दिलीप चौहान, जनरल सेक्रेटरी, यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस

इसे भी पढ़ें- क्या राम मंदिर निर्माण की एजेंसी भी तय करेगा सुप्रीम कोर्ट, अविमुक्तेश्वरानंद महाराज के बयान से संकेत

बैंक कर्मचारियों की वेतन पुनरीक्षण की मांग को लेकर की जा रही हड़ताल वाकई गतिरोध पैदा करने वाली है. देशभर में लगभग 10 लाख से अधिक बैंक कर्मचारी यदि हड़ताल पर बैठते हैं, तो इससे वित्त प्रणाली पर खासा असर देखने को मिल सकता है.

लखनऊ: दो सालों से वेतन पुनरीक्षण की लम्बित मांग को लेकर लखनऊ के बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों ने 20 जनवरी की शाम हजरतगंज में प्रदर्शन किया. इस अवसर पर उन्होंने सरकार के अड़ियल रवैया पर नारे लगाए और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की बात भी कही.

वेतन पुनरीक्षण की मांगों को लेकर बैंककर्मियों ने किया प्रदर्शन.

पिछले ढाई वर्षों से बैंक कर्मचारी वेतन पुनरीक्षण की कर रहे हैं मांग
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के स्टेट कन्वीनर वाई के अरोड़ा ने बताया कि बैंक कर्मचारियों की हालत दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है. उनकी सैलरी प्राइवेट स्कूल की टीचर से भी कम है. पिछले ढाई वर्षों से हम सरकार और इंडियन बैंक एसोसिएशन से अपने वेतन में पुनरीक्षण की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनके कान पर जूं तक नहीं रेंगी है. इसके लिए आज हम यहां पर बैंक संगठनों के संयुक्त मंच यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के रूप में इकट्ठा हुए हैं और भारतीय बैंक संघ के नकारात्मक रवैए को खारिज कर रहे हैं.

वेतन समझौता की हमारी मांग को न मानने के कारण हम आज यहां पर प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके बाद हम 31 जनवरी और 1 फरवरी को भारत भर में बैंक बंद कर हड़ताल करेंगे. इसके बाद 11, 12 और 13 मार्च को तीन दिवसीय हड़ताल और मांगे न माने जाने पर एक अप्रैल से हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे.
- दिलीप चौहान, जनरल सेक्रेटरी, यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस

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बैंक कर्मचारियों की वेतन पुनरीक्षण की मांग को लेकर की जा रही हड़ताल वाकई गतिरोध पैदा करने वाली है. देशभर में लगभग 10 लाख से अधिक बैंक कर्मचारी यदि हड़ताल पर बैठते हैं, तो इससे वित्त प्रणाली पर खासा असर देखने को मिल सकता है.

Intro:लखनऊ। 2 वर्षों से वेतन पुनरीक्षण की लम्बित मांग को लेकर लखनऊ के बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों ने 20 जनवरी की शाम हजरतगंज में प्रदर्शन किया इस अवसर पर उन्होंने सरकार के अड़ियल रवैया पर नारे लगाए और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की बात भी कही।


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यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के स्टेट कन्वीनर वाई के अरोड़ा ने बताया कि बैंक कर्मचारियों की हालत दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है उनकी सैलरी प्राइवेट स्कूल की टीचर से भी कम है पिछले ढाई वर्षों से हम सरकार और इंडियन बैंक एसोसिएशन से अपने वेतन में पुनरीक्षण की मांग कर रहे हैं लेकिन उनके कान पर जूं तक नहीं रेंगी है इसके लिए आज हम यहां पर बैंक संगठनों के संयुक्त मंच यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के रूप में इकट्ठा हुए हैं और भारतीय बैंक संघ के नकारात्मक रवैए को खारिज कर रहे हैं।

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के जनरल सेक्रेटरी दिलीप चौहान ने बताया कि वेतन समझौता की हमारी मांग को न मानने के कारण हम आज यहां पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके बाद हम 31 जनवरी और 1 फरवरी को भारत भर में बैंक बंद कर हड़ताल करेंगे। इसके बाद 11, 12 व 13 मार्च 2020 को तीन दिवसीय हड़ताल और मांगे न माने जाने पर एक अप्रैल से हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे।




Conclusion:बैंक कर्मचारियों की वेतन पुनरीक्षण की मांग को लेकर की जा रही हड़ताल वाकई गतिरोध पैदा करने वाली है। देशभर में लगभग 10 लाख से अधिक बैंक कर्मचारी यदि हड़ताल पर बैठते हैं तो इससे वित्त प्रणाली पर खासा असर देखने को मिल सकता है।

बाइट- वाई के अरोड़ा, स्टेट कन्वीनर, यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस
बाइट- दिलीप चौहान, जनरल सेक्रेटरी, यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस

रामांशी मिश्रा
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