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भारत में अवैध रुप से रहने वाले बांग्लादेशी को चार साल की सजा - bangladeshi living illegally in india

भारत में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशी को चार साल की सजा सुनाई. लीटन विश्वास नाम का बांग्लादेश के जिला गाजीपुर के बिलासपुर का रहने वाला है.

भारत में अवैध रुप से रहने वाले बांग्लादेशी को चार साल की सजा
भारत में अवैध रुप से रहने वाले बांग्लादेशी को चार साल की सजा
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Published : Nov 26, 2021, 9:33 PM IST

लखनऊ : एटीएस के विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुनील कुमार ने भारत में अवैध रुप से रहने के मामले में एक बांग्लादेशी नागरिक लीटन विश्वास को चार साल की सजा सुनाई है. साथ ही अभियुक्त पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जानकारी के मुताबिक, लीटन विश्वास बांग्लादेश के जिला गाजीपुर के बिलासपुर का रहने वाला है.

दरअसल, एटीएस की विशेष अदालत इससे पहले पांच अन्य बांग्लादेशी हबीबुर्रहमान, कमालुद्दीन, काबिल, जाकिर व ताईजुल को भी चार-चार साल की सजा सुना चुकी है. वर्ष 2019 में एटीएस ने लीटन विश्वास के साथ ही इन्हें भी गिरफ्तार किया था. यह सभी बांग्लादेशी अवैध रुप से भारत में रह रहे थे. इनके पास से कूटरचित दस्तावेज व जाली पासपोर्ट बरामद हुआ था. इस मामले की एफआईआर लखनऊ में थाना एटीएस में दर्ज हुई थी. विवेचना के बाद सभी छह अभियुक्तों के खिलाफ धोखाधड़ी व कूटरचित दस्तावेज तैयार करने आदि के साथ ही विदेशी अधिनियम की धारा 14 के तहत आरोप पत्र दाखिल हुआ था.

इसे भी पढे़ं-RTI में खुलासा: यूपी में हर रोज तीन बेटियां हो रही लापता

उल्लेखनीय है कि न्यायालय 10 नवम्बर 2020 को एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए दो और अभियुक्तों मोहम्मद इकबाल व मोहम्मद फारुख के मामले की भी सुनवाई कर रही है. उक्त अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 के साथ ही विदेशी व पासपोर्ट अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. इन दोनों पर वर्ष 2015 से फर्जी दस्तावेज व पासपोर्ट के जरिए सहारनपुर में रहकर भारत देश के खिलाफ छ्द्म युद्ध की तैयारी करने का आरोप है.


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लखनऊ : एटीएस के विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुनील कुमार ने भारत में अवैध रुप से रहने के मामले में एक बांग्लादेशी नागरिक लीटन विश्वास को चार साल की सजा सुनाई है. साथ ही अभियुक्त पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जानकारी के मुताबिक, लीटन विश्वास बांग्लादेश के जिला गाजीपुर के बिलासपुर का रहने वाला है.

दरअसल, एटीएस की विशेष अदालत इससे पहले पांच अन्य बांग्लादेशी हबीबुर्रहमान, कमालुद्दीन, काबिल, जाकिर व ताईजुल को भी चार-चार साल की सजा सुना चुकी है. वर्ष 2019 में एटीएस ने लीटन विश्वास के साथ ही इन्हें भी गिरफ्तार किया था. यह सभी बांग्लादेशी अवैध रुप से भारत में रह रहे थे. इनके पास से कूटरचित दस्तावेज व जाली पासपोर्ट बरामद हुआ था. इस मामले की एफआईआर लखनऊ में थाना एटीएस में दर्ज हुई थी. विवेचना के बाद सभी छह अभियुक्तों के खिलाफ धोखाधड़ी व कूटरचित दस्तावेज तैयार करने आदि के साथ ही विदेशी अधिनियम की धारा 14 के तहत आरोप पत्र दाखिल हुआ था.

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