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कान के पर्दे की सर्जरी के लिए एक्सपर्ट तैयार करेगा बलरामपुर हॉस्पिटल

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Published : Dec 25, 2020, 8:44 PM IST

राजधानी के बलरामपुर अस्पताल में कान की सर्जरी के लिए एक्सपर्ट डॉक्टर को तैयार करने के लिए टेम्पोरल बोन डिसेक्शन लैब की स्थापना की गई है. इसका उद्देश्य नए डॉक्टरों को भी कान के पर्दे की सर्जरी के लिए तैयार किया जाना है.

बलरामपुर अस्पताल.
बलरामपुर अस्पताल.

लखनऊ: राजधानी के बलरामपुर अस्पताल में कान की सर्जरी के लिए एक्सपर्ट डॉक्टर को तैयार करने के लिए टेम्पोरल बोन डिसेक्शन लैब की स्थापना की गई है. बलरामपुर अस्पताल के निदेशक राजीव लोचन ने जानकारी देते हुए बताया कि कान के पर्दे की सर्जरी बलरामपुर अस्पताल में होती है. यह सर्जरी एक्सपर्ट डॉक्टर द्वारा की जाती है. नए एक्सपर्ट डॉक्टरों को तैयार किया जा सके, इसलिए टेंपोरल बोन डिसेक्शन लैब की स्थापना की गई है, जिससे कि नए डॉक्टरों को भी इस लैब की मदद से कान के पर्दे की सर्जरी के लिए तैयार किया जा सके.




सर्जरी के लिए माइक्रोस्कोप का लेना होता है सहारा

कान के पर्दे की सर्जरी काफी बारीक होती है. कान में छेद होने की स्थिति में कान के पर्दे के दूसरे हिस्से से पर्दा निकालकर छेद को भरा जाता है. इस दौरान पर्दे में मौजूद नसों का खास ख्याल रखा जाता है, जिससे कि नशे डैमेज न हों. इस सर्जरी को करने के लिए माइक्रोस्कोप का सहारा लिया जाता है. सर्जरी के लिए नए डॉक्टर को तैयार किया जा सके, इसलिए लैब का निर्माण किया गया है. यहां पर माइक्रोस्कोप और अन्य उपकरण मौजूद हैं. इसका प्रयोग करते हुए कान की सर्जरी के लिए डॉक्टरों को ट्रेंड किया जाएगा.

लखनऊ: राजधानी के बलरामपुर अस्पताल में कान की सर्जरी के लिए एक्सपर्ट डॉक्टर को तैयार करने के लिए टेम्पोरल बोन डिसेक्शन लैब की स्थापना की गई है. बलरामपुर अस्पताल के निदेशक राजीव लोचन ने जानकारी देते हुए बताया कि कान के पर्दे की सर्जरी बलरामपुर अस्पताल में होती है. यह सर्जरी एक्सपर्ट डॉक्टर द्वारा की जाती है. नए एक्सपर्ट डॉक्टरों को तैयार किया जा सके, इसलिए टेंपोरल बोन डिसेक्शन लैब की स्थापना की गई है, जिससे कि नए डॉक्टरों को भी इस लैब की मदद से कान के पर्दे की सर्जरी के लिए तैयार किया जा सके.




सर्जरी के लिए माइक्रोस्कोप का लेना होता है सहारा

कान के पर्दे की सर्जरी काफी बारीक होती है. कान में छेद होने की स्थिति में कान के पर्दे के दूसरे हिस्से से पर्दा निकालकर छेद को भरा जाता है. इस दौरान पर्दे में मौजूद नसों का खास ख्याल रखा जाता है, जिससे कि नशे डैमेज न हों. इस सर्जरी को करने के लिए माइक्रोस्कोप का सहारा लिया जाता है. सर्जरी के लिए नए डॉक्टर को तैयार किया जा सके, इसलिए लैब का निर्माण किया गया है. यहां पर माइक्रोस्कोप और अन्य उपकरण मौजूद हैं. इसका प्रयोग करते हुए कान की सर्जरी के लिए डॉक्टरों को ट्रेंड किया जाएगा.

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