ETV Bharat / state

भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी की जमानत अर्जी कोर्ट ने की खारिज

एनआईए व एटीएस विशेष प्रभारी जज मोहम्मद गजाली ने एक अभियुक्त आमिर हुसैन की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. अभियुक्त पर भारत में अवैध रूप से निवास करने का आरोप.

ETV Bharat
बांग्लादेशी की जमानत अर्जी खारिज
author img

By

Published : Feb 25, 2022, 10:11 AM IST

लखनऊः एनआईए व एटीएस विशेष प्रभारी जज मोहम्मद गजाली ने एक अभियुक्त आमिर हुसैन की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. भारत में अवैध रुप से निवास करने के मामले में बंदी को कोर्ट ने प्रथम दृष्टया अपराध को गंभीर करार दिया है. सरकारी वकील एमके सिंह के मुताबिक अभियुक्त बांग्लादेश का मूल निवासी है.

अभियुक्त भारत में अवैध रुप से निवास कर रहा था. उसे गाजियाबाद से गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था. अभियुक्त के पास से यूएनएचसीआर कार्ड भी बरामद हुआ था. यह कार्ड रोहिंग्या मुसलमानों के लिए जारी होता है. इस मामले की एफआईआर थाना एटीएस में दर्ज हुई थी.

यह भी पढ़ें- उत्पीड़न के हाई प्रोफाइल मामले में दिशा टंडन के बयान दर्ज करने का आदेश


दरअसल अभियुक्त की वीजा अवधि समाप्त हो गई थी. इसके बावजूद वह अपने देश वापस न जाकर अवैध रूप से निवास कर रहा था. भारत में रहकर आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहने का भी उस पर आरोप है. अभियुक्त ने यूएनएचसीआर का कार्ड बनवाकर खुद को म्यांमार का नागरिक बताया था.

एटीएस की दलील थी कि अभियुक्त वैध वीजा पर भारत आया था, लेकिन जान बूझकर अपने देश वापस नहीं गया. इसके बाद भारत में अवैध रूप से लुक छिपकर रह रहा था. वहीं बचाव पक्ष की ओर से दलील दी गई कि अभियुक्त पर महज पासपोर्ट अधिनियम के उल्लंघन का मामला बनता है. लिहाजा उसे जमानत दी जानी चाहिए. हालांकि कोर्ट बचाव पक्ष के दलील से संतुष्ट नहीं हुई.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊः एनआईए व एटीएस विशेष प्रभारी जज मोहम्मद गजाली ने एक अभियुक्त आमिर हुसैन की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. भारत में अवैध रुप से निवास करने के मामले में बंदी को कोर्ट ने प्रथम दृष्टया अपराध को गंभीर करार दिया है. सरकारी वकील एमके सिंह के मुताबिक अभियुक्त बांग्लादेश का मूल निवासी है.

अभियुक्त भारत में अवैध रुप से निवास कर रहा था. उसे गाजियाबाद से गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था. अभियुक्त के पास से यूएनएचसीआर कार्ड भी बरामद हुआ था. यह कार्ड रोहिंग्या मुसलमानों के लिए जारी होता है. इस मामले की एफआईआर थाना एटीएस में दर्ज हुई थी.

यह भी पढ़ें- उत्पीड़न के हाई प्रोफाइल मामले में दिशा टंडन के बयान दर्ज करने का आदेश


दरअसल अभियुक्त की वीजा अवधि समाप्त हो गई थी. इसके बावजूद वह अपने देश वापस न जाकर अवैध रूप से निवास कर रहा था. भारत में रहकर आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहने का भी उस पर आरोप है. अभियुक्त ने यूएनएचसीआर का कार्ड बनवाकर खुद को म्यांमार का नागरिक बताया था.

एटीएस की दलील थी कि अभियुक्त वैध वीजा पर भारत आया था, लेकिन जान बूझकर अपने देश वापस नहीं गया. इसके बाद भारत में अवैध रूप से लुक छिपकर रह रहा था. वहीं बचाव पक्ष की ओर से दलील दी गई कि अभियुक्त पर महज पासपोर्ट अधिनियम के उल्लंघन का मामला बनता है. लिहाजा उसे जमानत दी जानी चाहिए. हालांकि कोर्ट बचाव पक्ष के दलील से संतुष्ट नहीं हुई.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.